जल संसाधनों को पुनर्जीवित करने की दिशा में निर्णायक कदम
जल गंगा संवर्धन अभियान, जो 30 मार्च 2025 को शुरू हुआ, मध्यप्रदेश सरकार की एक नई और व्यापक पहल है, जिसका उद्देश्य है जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्जीवन। इसकी पहली सफलता के रूप में खण्डवा जिले की घोड़ा पछाड़ नदी को पुनर्जीवित किया गया है। यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका फोकस पर्यावरणीय संतुलन बहाल करने पर भी है।
जन भागीदारी और महिला नेतृत्व की मिसाल
इस अभियान का उद्देश्य नदी, तालाब, कुएं और पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरोद्धार है। इसे स्वच्छ भारत मिशन 2.0 से जोड़ा गया है ताकि प्रदूषित जल स्रोतों की सफाई को गति दी जा सके। खास बात यह है कि इसमें सामुदायिक भागीदारी, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी, को विशेष महत्व दिया गया है, जिससे यह पर्यावरण के साथ-साथ सामाजिक सशक्तिकरण का भी उदाहरण बन गया है।
‘रिज टू वैली’ तकनीक से जल संचयन
अभियान में प्रयोग की जा रही ‘रिज टू वैली’ तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि वर्षाजल पहाड़ी क्षेत्रों से नीचे की ओर बहते समय भूमि में समा जाए। इससे भूजल स्तर में वृद्धि होती है। यह तकनीक 33 किलोमीटर के क्षेत्र में लागू की जा रही है। साथ ही, 450 मिलियन लीटर शहरी अपशिष्ट जल को हर दिन प्रबंधित करने के लिए एसटीपी (Sewage Treatment Plants) लगाए जा रहे हैं।
सांस्कृतिक आयोजन से जनजागृति
यह अभियान केवल तकनीकी नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी बनाता है। गंगा दशहरा जैसे उत्सव, वृक्षारोपण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण से जोड़ा जा रहा है, जिससे यह अभियान जन आंदोलन बन रहा है।
ठोस परिणाम और वैश्विक पहचान
अभियान के ठोस परिणाम सामने आने लगे हैं। रामसर साइट्स की संख्या मध्यप्रदेश में 1 से बढ़कर 5 हो गई है। सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि इंदौर भारत का पहला ‘वेटलैंड सिटी’ बना है। साथ ही, 13,565 वेटलैंड्स (2.25 हेक्टेयर से बड़े) का भौतिक सत्यापन किया गया है, जो डेटा-संचालित कार्य प्रणाली को दर्शाता है।
दीर्घकालिक योजना और स्थायी प्रभाव
हालांकि यह अभियान 30 जून 2025 को समाप्त होगा, परंतु राज्य सरकार ने इसे लंबे समय के लिए लागू करने की योजना बनाई है। इसमें ग्रीन बेल्ट निर्माण, वर्षाजल संचयन प्रणाली लगाना और लीकेज मरम्मत जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं। इसके अलावा, शहरी पेयजल गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
शुरू होने की तारीख | 30 मार्च 2025 |
पुनर्जीवित नदी | घोड़ा पछाड़ नदी, खण्डवा जिला |
मुख्य रणनीति | रिज टू वैली जल संचयन |
प्रतिदिन प्रबंधित अपशिष्ट जल | 450 मिलियन लीटर |
सत्यापित वेटलैंड्स की संख्या | 13,565 (2.25 हेक्टेयर से बड़े) |
मध्यप्रदेश में रामसर साइट्स | 5 (2002 में 1 से बढ़कर) |
भारत का पहला वेटलैंड सिटी | इंदौर |
जुड़ा हुआ कार्यक्रम | स्वच्छ भारत मिशन 2.0 |
अभियान समाप्ति तिथि | 30 जून 2025 |
समुदायिक भागीदारी | महिला-नेतृत्व में सार्वजनिक सहभागिता |