जुलाई 18, 2025 2:54 पूर्वाह्न

भारत की डिजिटल जनगणना 2027 में जातीय आंकड़ों के साथ

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India’s Digital Census with Caste Data Set for 2027

डिजिटल और जातीय डेटा पर केंद्रित बड़ी पहल

भारत अब 2027 की राष्ट्रीय जनगणना की ओर बढ़ रहा है, जो 16वीं जनगणना और स्वतंत्रता के बाद आठवीं पूर्ण जनगणना होगी। 16 जून 2025 को सरकारी अधिसूचना के बाद इसकी औपचारिक शुरुआत होगी और मार्च 2027 तक पूर्ण होगीगृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह तय हुआ कि यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी और इसमें जाति आधारित डेटा भी शामिल रहेगा—यह 2011 के बाद पहली बार हो रहा है।

भौगोलिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग समयरेखा

इस बार जनगणना के लिए दो संदर्भ तिथियां होंगी। देश के अधिकांश हिस्सों के लिए यह 1 मार्च 2027 होगी, जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मूकश्मीर और लद्दाख जैसे हिमपात क्षेत्रों के लिए यह 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। इस विभाजन का उद्देश्य दुर्गम क्षेत्रों में सटीक और समय पर डेटा एकत्र करना है।

दो प्रमुख चरणों में होगा संचालन

जनगणना दो महत्वपूर्ण चरणों में की जाएगी:

  1. हाउस लिस्टिंग ऑपरेशंस (HLO): इसमें मकान की स्थिति, सुविधाएं और स्वामित्व का विवरण दर्ज होगा।
  2. जनसंख्या गणना (PE): इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जानकारी एकत्र की जाएगी।

यह संरचना डेटा संग्रहण को अधिक संगठित और विश्लेषण योग्य बनाती है।

डिजिटल बदलाव और स्वयं जनगणना की सुविधा

जनगणना 2027 में सबसे बड़ा परिवर्तन है इसका डिजिटल रूपांतरण। नागरिकों को स्वयं जनगणना (Self-enumeration) का विकल्प भी दिया जाएगा, जिसके तहत वे स्वयं ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। लगभग 1.3 लाख टैबलेट या उपकरण और 34 लाख फील्ड स्टाफ इस कार्य में लगाए जाएंगे, जिससे प्रक्रिया अधिक तेज़, पारदर्शी और आधुनिक बन जाएगी।

2011 के बाद फिर से जाति डेटा संग्रह

जनगणना 2027 में जाति आधारित जानकारी को फिर से शामिल किया जा रहा है, जिसे 2011 के सामाजिकआर्थिक जाति जनगणना के बाद से छोड़ा गया था। इस डेटा की मांग लंबे समय से राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही थी ताकि कल्याणकारी योजनाओं और आरक्षण नीतियों को बेहतर बनाया जा सके। यह डेटा आगामी नीतिगत निर्णयों को गहराई से प्रभावित कर सकता है।

डेटा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल डेटा को एन्क्रिप्शन, सुरक्षित ट्रांसमिशन चैनल, और केंद्रीकृत सर्वर स्टोरेज द्वारा पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा। इससे जनता का भरोसा कायम रहेगा और संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
जनगणना क्रमांक 16वीं राष्ट्रीय जनगणना (स्वतंत्रता के बाद 8वीं)
आधिकारिक अधिसूचना तिथि 16 जून 2025
पूर्ण होने की समय-सीमा मार्च 2027 तक
संदर्भ तिथि (मुख्य भूमि) 1 मार्च 2027
संदर्भ तिथि (हिमपात क्षेत्र) 1 अक्टूबर 2026
डिजिटल उपकरणों की संख्या लगभग 1.3 लाख
गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक लगभग 34 लाख कर्मचारी
विशेष सुविधा स्वयं जनगणना (Self-enumeration) विकल्प
पहली आधुनिक जनगणना 1872 (आंशिक), 1881 (पूर्ण)
पिछली जातीय जानकारी संग्रह 2011 में
उत्तरदायी मंत्रालय गृह मंत्रालय
डेटा सुरक्षा उपाय एन्क्रिप्शन, केंद्रीय सर्वर, सुरक्षित प्रसारण और निगरानी

 

India’s Digital Census with Caste Data Set for 2027
  1. भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना 16 जून 2025 के बाद शुरू होगी और मार्च 2027 तक पूरी की जाएगी।
  2. यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी और इसमें जातिगत आंकड़े भी शामिल होंगे — जो कि 2011 के बाद पहली बार होगा।
  3. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस जनगणना के अंतिम कार्यान्वयन योजना की समीक्षा की।
  4. अधिकांश क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 तय की गई है।
  5. जम्मूकश्मीर और लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 होगी।
  6. प्रक्रिया को दो चरणों में विभाजित किया गया है: गृहसूचीकरण और जनसंख्या गणना
  7. गृहसूचीकरण चरण में घरों, स्वामित्व, और सुविधाओं से संबंधित जानकारी एकत्र की जाएगी।
  8. जनसंख्या गणना में सामाजिक, आर्थिक और जातिगत आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
  9. इसमें 3 लाख डिजिटल उपकरणों और 34 लाख फील्ड कर्मचारियों का उपयोग किया जाएगा।
  10. नवीन सेल्फएनुमरेशन विकल्प से नागरिक खुद ऑनलाइन अपनी जनगणना जानकारी भर सकेंगे।
  11. यह स्वतंत्रता के बाद भारत की 8वीं जनगणना है और 2011 के बाद पहली बार हो रही है।
  12. पिछली जातिगत जनगणना 2011 में सामाजिकआर्थिक जाति जनगणना के रूप में हुई थी।
  13. जातिगत आंकड़ों का उपयोग कल्याणकारी योजनाएं, आरक्षण नीति और सार्वजनिक नीति निर्माण में किया जाएगा।
  14. डिजिटल एन्क्रिप्शन और सुरक्षित सर्वर संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए प्रयोग किए जाएंगे।
  15. सभी जनगणना रिकॉर्ड को केंद्रीकृत डिजिटल सिस्टम में सुरक्षित रखा जाएगा।
  16. गृह मंत्रालय डेटा सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
  17. डिजिटल माध्यम से डेटा संग्रहण तेज और त्रुटिहीन होने की उम्मीद है।
  18. भारत में पहली आधुनिक जनगणना 1872 में शुरू हुई थी और पूर्ण जनगणना 1881 में हुई।
  19. जनगणना के आंकड़े जन सेवाओं की योजना, विकास योजनाएं और संसाधन आवंटन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  20. यह नई जनगणना भारत के प्रौद्योगिकीआधारित शासन और समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Q1. भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना को पूरा करने की समय-सीमा क्या है?


Q2. 2027 की जनगणना के लिए क्षेत्र के आधार पर कौन-सी दो संदर्भ तिथियाँ उपयोग में ली जाएंगी?


Q3. 2027 की जनगणना के दो प्रमुख चरण कौन-से हैं?


Q4. 2027 की जनगणना में कौन-सी प्रमुख तकनीकी विशेषता शुरू की जा रही है?


Q5. 2027 से पहले अंतिम बार जातिगत आंकड़े किसी राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कब एकत्र किए गए थे?


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