डिजिटल और जातीय डेटा पर केंद्रित बड़ी पहल
भारत अब 2027 की राष्ट्रीय जनगणना की ओर बढ़ रहा है, जो 16वीं जनगणना और स्वतंत्रता के बाद आठवीं पूर्ण जनगणना होगी। 16 जून 2025 को सरकारी अधिसूचना के बाद इसकी औपचारिक शुरुआत होगी और मार्च 2027 तक पूर्ण होगी। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह तय हुआ कि यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी और इसमें जाति आधारित डेटा भी शामिल रहेगा—यह 2011 के बाद पहली बार हो रहा है।
भौगोलिक स्थिति के अनुसार अलग-अलग समयरेखा
इस बार जनगणना के लिए दो संदर्भ तिथियां होंगी। देश के अधिकांश हिस्सों के लिए यह 1 मार्च 2027 होगी, जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू–कश्मीर और लद्दाख जैसे हिमपात क्षेत्रों के लिए यह 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। इस विभाजन का उद्देश्य दुर्गम क्षेत्रों में सटीक और समय पर डेटा एकत्र करना है।
दो प्रमुख चरणों में होगा संचालन
जनगणना दो महत्वपूर्ण चरणों में की जाएगी:
- हाउस लिस्टिंग ऑपरेशंस (HLO): इसमें मकान की स्थिति, सुविधाएं और स्वामित्व का विवरण दर्ज होगा।
- जनसंख्या गणना (PE): इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जानकारी एकत्र की जाएगी।
यह संरचना डेटा संग्रहण को अधिक संगठित और विश्लेषण योग्य बनाती है।
डिजिटल बदलाव और स्वयं जनगणना की सुविधा
जनगणना 2027 में सबसे बड़ा परिवर्तन है इसका डिजिटल रूपांतरण। नागरिकों को स्वयं जनगणना (Self-enumeration) का विकल्प भी दिया जाएगा, जिसके तहत वे स्वयं ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। लगभग 1.3 लाख टैबलेट या उपकरण और 34 लाख फील्ड स्टाफ इस कार्य में लगाए जाएंगे, जिससे प्रक्रिया अधिक तेज़, पारदर्शी और आधुनिक बन जाएगी।
2011 के बाद फिर से जाति डेटा संग्रह
जनगणना 2027 में जाति आधारित जानकारी को फिर से शामिल किया जा रहा है, जिसे 2011 के सामाजिक–आर्थिक जाति जनगणना के बाद से छोड़ा गया था। इस डेटा की मांग लंबे समय से राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही थी ताकि कल्याणकारी योजनाओं और आरक्षण नीतियों को बेहतर बनाया जा सके। यह डेटा आगामी नीतिगत निर्णयों को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
डेटा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल डेटा को एन्क्रिप्शन, सुरक्षित ट्रांसमिशन चैनल, और केंद्रीकृत सर्वर स्टोरेज द्वारा पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा। इससे जनता का भरोसा कायम रहेगा और संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
जनगणना क्रमांक | 16वीं राष्ट्रीय जनगणना (स्वतंत्रता के बाद 8वीं) |
आधिकारिक अधिसूचना तिथि | 16 जून 2025 |
पूर्ण होने की समय-सीमा | मार्च 2027 तक |
संदर्भ तिथि (मुख्य भूमि) | 1 मार्च 2027 |
संदर्भ तिथि (हिमपात क्षेत्र) | 1 अक्टूबर 2026 |
डिजिटल उपकरणों की संख्या | लगभग 1.3 लाख |
गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक | लगभग 34 लाख कर्मचारी |
विशेष सुविधा | स्वयं जनगणना (Self-enumeration) विकल्प |
पहली आधुनिक जनगणना | 1872 (आंशिक), 1881 (पूर्ण) |
पिछली जातीय जानकारी संग्रह | 2011 में |
उत्तरदायी मंत्रालय | गृह मंत्रालय |
डेटा सुरक्षा उपाय | एन्क्रिप्शन, केंद्रीय सर्वर, सुरक्षित प्रसारण और निगरानी |