चालू घटनाएँ: भारत का पहला ई-कचरा रीसाइक्लिंग पार्क, होलम्बी कलां ईको पार्क, दिल्ली हरित नौकरियाँ, भारत में परिपत्र अर्थव्यवस्था, ई-वेस्ट प्रबंधन नियम 2022, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप DBFOT, मंजिंदर सिंह सिरसा पर्यावरण मंत्री, DSIIDC, ई-कचरा प्रसंस्करण 51000 टन, भारत में इलेक्ट्रॉनिक कचरा
भारत में सतत शहरी प्रबंधन की ओर कदम
दिल्ली सरकार ने उत्तर दिल्ली के होलम्बी कलां में भारत का पहला ई–कचरा रीसाइक्लिंग पार्क स्थापित करने की योजना बनाकर सतत विकास की दिशा में एक साहसिक पहल की है। यह पार्क बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे को औपचारिक, पर्यावरण-अनुकूल तरीके से निपटाने का एक मजबूत समाधान प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करना, हरित रोजगार सृजन करना, और देश को परिपत्र अर्थव्यवस्था मॉडल की ओर अग्रसर करना है।
आधुनिक शहरी अवसंरचना में एक क्रांतिकारी पहल
11.4 एकड़ में फैला यह पार्क, सिर्फ एक अपशिष्ट प्रसंस्करण केंद्र नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सतत विकास दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। परियोजना पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत डिज़ाइन–बिल्ड–फाइनेंस–ऑपरेट–ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल से संचालित होगी, जिससे वैश्विक हरित तकनीक कंपनियों को भी जोड़ा जाएगा।
भारी मात्रा में प्रसंस्करण और राजस्व सृजन
यह ईको पार्क प्रति वर्ष 51,000 टन ई–कचरे का प्रसंस्करण करेगा, जो 2022 के ई–वेस्ट प्रबंधन नियमों में सूचीबद्ध सभी 106 श्रेणियों को कवर करेगा। पार्क से लगभग ₹350 करोड़ का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है, जो दिल्ली के हरित अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत स्तंभ बन सकता है।
श्रमिकों का सशक्तिकरण और कौशल विकास
वर्तमान में हजारों श्रमिक अनौपचारिक और असुरक्षित ई–कचरा पुनर्चक्रण में लगे हैं। यह पार्क उन्हें औपचारिक क्षेत्र में लाने, प्रशिक्षण देने, और सुरक्षित रोजगार प्रदान करने का अवसर देगा। इससे 1,000 से अधिक हरित नौकरियाँ पैदा होंगी और कौशल विकास केंद्र स्थापित होंगे, जो भारत के श्रम सुधार मिशन को समर्थन देते हैं।
एक संपूर्ण पुनर्चक्रण पारिस्थितिकी तंत्र
पार्क में केवल रीसाइक्लिंग ही नहीं, बल्कि डिस्मैंटलिंग, पुनः उपयोग, प्लास्टिक पुनर्प्राप्ति, और सेकंड–हैंड इलेक्ट्रॉनिक्स बाज़ार के लिए ज़ोन भी होंगे। साथ ही, प्रशिक्षण और पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे इसे अन्य राज्यों में दोहराने योग्य आत्मनिर्भर औद्योगिक मॉडल बनाया जा सके।
राष्ट्रीय स्तर पर परिपत्र अर्थव्यवस्था का मानक
यह पार्क भारत में परिपत्र अर्थव्यवस्था का एक राष्ट्रीय आदर्श मॉडल बनेगा, जिसका लक्ष्य है – कचरे में मूल्य खोजना, प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता कम करना, और लैंडफिल के उपयोग को घटाना। यह परियोजना भारत को SDGs और पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों की पूर्ति में मदद करती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पार्क का स्थान | होलम्बी कलां, उत्तर दिल्ली |
क्षेत्रफल | 11.4 एकड़ |
वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता | 51,000 टन ई-कचरा |
परियोजना मॉडल | DBFOT (PPP मॉडल के तहत) |
संचालन निकाय | DSIIDC |
ई-वेस्ट की कुल श्रेणियाँ | 106 (ई-वेस्ट प्रबंधन नियम, 2022 के अनुसार) |
अनुमानित राजस्व | ₹350 करोड़ |
अपेक्षित हरित नौकरियाँ | 1,000 से अधिक |
संबद्ध मंत्री | मंजिंदर सिंह सिरसा |
राष्ट्रीय महत्व | भारत के चार नियोजित ई-वेस्ट पार्कों में से पहला |