हिमाचल की हरियाली क्रांति
हिमाचल प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना की शुरुआत की। यह योजना न सिर्फ वन क्षेत्र बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आजीविका और रोजगार के नए अवसर भी देती है।
इस योजना के तहत बंजर भूमि पर फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा और लोगों को फल उत्पादन के माध्यम से आर्थिक मदद भी मिलेगी। यह एक दोहरा लाभ देने वाली रणनीति है।
योजना के उद्देश्य
इस योजना का मूल उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन की पुनर्स्थापना है, लेकिन यह केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों—खासकर महिलाओं और युवाओं—को वनों की देखरेख में भागीदार बनाना भी है। जब लोग स्वयं अपनी जमीन और वनों से जुड़ते हैं, तो वे उसे बेहतर तरीके से संरक्षित भी करते हैं।
स्थानीय नेतृत्व और दीर्घकालिक देखभाल
महिला मंडल और स्वयं सहायता समूह (SHGs) इस पहल की रीढ़ हैं। वे केवल वृक्ष लगाते नहीं, बल्कि पाँच वर्षों तक उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी निभाते हैं। इससे वृक्षों की दीर्घकालिक जीवंतता सुनिश्चित होती है और सामुदायिक सहभागिता भी मजबूत होती है।
निजी क्षेत्र और NGO की भागीदारी
अंबुजा, अडानी फाउंडेशन, और अल्ट्राटेक जैसी कंपनियां भी इस हरित अभियान में साथ आ रही हैं। उन्होंने कुछ वन क्षेत्रों को अपनाया है, जिससे कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) का सही अर्थ में उपयोग हो रहा है। इसके अतिरिक्त, NGO संगठनों को भी वन क्षेत्र अपनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
वन मित्र – युवा शक्ति की तैनाती
वन विभाग की संसाधन कमी को पूरा करने के लिए वन मित्र की अवधारणा लाई गई है। ये प्रशिक्षित स्वयंसेवी, जिनमें कई युवतियां शामिल हैं, वन रक्षकों की मदद करते हैं। वे वृक्षारोपण, ग्रामीणों को जागरूक करने, और वनों की सुरक्षा जैसे कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। यह कदम रोजगार सृजन और पर्यावरण शिक्षा दोनों की दिशा में सहायक है।
हरित राज्य की ओर बढ़ता हिमाचल
हिमाचल का सपना है कि वह एक ‘ग्रीन स्टेट’ बने—जहां वनों का क्षेत्रफल बढ़े, पर्यावरणीय क्षरण घटे, और हरित आजीविका के अवसर बनें। वन संवर्द्धन योजना और वन मित्र योजना, दोनों इस दिशा में प्रभावी पहल हैं।
तकनीक और स्वास्थ्य का संगम
वन से जुड़ी योजनाओं के अलावा, हमीरपुर में तीन वेलनेस सेंटर भी शुरू किए गए हैं। साथ ही, एक मोबाइल ऐप लाया गया है जो वन मित्रों की उपस्थिति पर नज़र रखता है। यह दिखाता है कि सरकार पर्यावरण, स्वास्थ्य और तकनीक को मिलाकर एक समग्र विकास मॉडल तैयार कर रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
योजना का नाम | राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना |
शुरू करने वाले | मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
प्रमुख क्षेत्र | वनीकरण, सामुदायिक भागीदारी, रोजगार सृजन |
वृक्ष प्रकार | फलदार वृक्ष |
समुदाय की भूमिका | महिला मंडल और SHG – 5 साल तक रखरखाव |
निजी भागीदार | अंबुजा, अडानी फाउंडेशन, अल्ट्राटेक |
स्टाफ समर्थन | वन मित्र (वन स्वयंसेवी) |
तकनीकी उपकरण | वन मित्र उपस्थिति ऐप |
अन्य पहल | हमीरपुर में 3 वेलनेस सेंटर |
Static GK | हिमाचल को “देवभूमि” कहा जाता है, राष्ट्रीय वन नीति के तहत 66% वन क्षेत्र लक्ष्य |