नई ऊर्जा और सिंचाई साझेदारी
असम और मेघालय ने आपसी सहयोग के एक नए युग में कदम रखा है। दोनों राज्यों ने 55 मेगावाट की संयुक्त जलविद्युत एवं सिंचाई परियोजना की योजना बनाई है। यह सिर्फ बिजली उत्पादन नहीं बल्कि गुवाहाटी में शहरी बाढ़ नियंत्रण और लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में भी एक कदम है। यह निर्णय असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की बैठक के बाद सार्वजनिक किया गया।
कुलसी नदी पर केंद्रित परियोजना
परियोजना का केंद्र कुलसी नदी है, जो ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है। यह नदी भारत के राष्ट्रीय जलीय पशु – गंगा नदी डॉल्फिन का प्राकृतिक आवास है। परियोजना के माध्यम से दोनों राज्य बिजली उत्पादन और सिंचाई क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। खासकर असम को सिंचाई सुविधाओं में बड़ा लाभ मिलेगा। स्थानीय समुदायों से सलाह लेकर उनकी चिंताओं का समाधान भी किया जाएगा।
गुवाहाटी की बाढ़ की समस्या पर काम
गुवाहाटी, जो पूर्वोत्तर भारत का तेजी से बढ़ता शहर है, हर वर्ष शहरी बाढ़ का सामना करता है। इससे निपटने के लिए उत्तर–पूर्व अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (NESAC) और IIT रुड़की जैसे संस्थानों की मदद ली जा रही है। उपग्रह–आधारित बाढ़ क्षेत्र मानचित्रण और वैज्ञानिक रणनीति से समस्या का हल खोजा जाएगा।
52 वर्ष पुराना सीमा विवाद
असम और मेघालय के बीच 12 सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर 52 वर्षों से विवाद चल रहा था। अब इनमें से 6 क्षेत्रों पर सहमति बन गई है। 15 अगस्त 2025 तक 5 क्षेत्रों में सीमा स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में भूमि समायोजन की भी योजना है जिससे गाँवों का प्रशासनिक स्थानांतरण हो सकता है।
मिलकर नेतृत्व का उदाहरण
इस पूरी प्रक्रिया की सबसे बड़ी उपलब्धि सहयोगात्मक नेतृत्व दृष्टिकोण है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने राजनीति को परे रखकर साझा विकास और शांति पर ध्यान केंद्रित किया है। इस मॉडल से यह संदेश जाता है कि भारत में सहयोगात्मक संघवाद सफल हो सकता है, विशेषकर संसाधन साझा करने और आपदाओं से निपटने में।
भविष्य की संभावनाएँ
यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो इसका लाभ केवल बिजली और सिंचाई तक सीमित नहीं रहेगा। इससे पर्यटन, रोजगार और सीमा क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे असम और मेघालय के लोगों के बीच विश्वास बढ़ेगा। यह समझौता अन्य राज्यों के लिए भी सहयोगात्मक विकास का उदाहरण बन सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परियोजना प्रकार | जलविद्युत और सिंचाई |
कुल क्षमता | 55 मेगावाट |
संबंधित नदी | कुलसी नदी (ब्रह्मपुत्र की सहायक) |
पारिस्थितिक महत्व | गंगा नदी डॉल्फिन का आवास |
शहरी फोकस | गुवाहाटी में बाढ़ राहत |
तकनीकी सहयोग | NESAC और IIT रुड़की |
सीमा विवाद | 52 साल पुराना, 12 में से 6 क्षेत्रों में प्रगति |
प्रमुख तिथि | 15 अगस्त तक सीमा स्तंभ |
असम के मुख्यमंत्री | हिमंता बिस्वा सरमा |
मेघालय के मुख्यमंत्री | कॉनराड के. संगमा |
राष्ट्रीय जलीय पशु | गंगा नदी डॉल्फ़िन |
मॉडल | सहयोगात्मक संघवाद का उदाहरण |