जुलाई 18, 2025 8:50 पूर्वाह्न

घाटमपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट: भारत की ऊर्जा विकास में एक बड़ा कदम

करेंट अफेयर्स: घाटमपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, कानपुर नगर पावर प्लांट, सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट्स, एनएलसी इंडिया लिमिटेड, यूपीआरवीयूएनएल, पावर परचेज एग्रीमेंट 2025, एससीआर और एफजीडी टेक्नोलॉजीज, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम, आत्मनिर्भर भारत ऊर्जा क्षेत्र, कोयला मंत्रालय परियोजनाएं 2025

Ghatampur Thermal Power Project

ऊर्जा उत्पादन को नई गति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में उद्घाटित घाटमपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर जिले में स्थित यह संयंत्र न केवल राज्य, बल्कि अन्य पड़ोसी राज्यों को भी विश्वसनीय बिजली आपूर्ति करेगा। यह परियोजना एनएलसी इंडिया लिमिटेड, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम (UPRVUNL) और नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उपक्रम है। इसका उद्देश्य है: बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना, स्थायी उत्पादन को बढ़ावा देना, और भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करना।

सशक्त क्षमता और उन्नत तकनीक

इस संयंत्र में तीन सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट्स हैं, जिनमें प्रत्येक से 660 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है—कुल क्षमता 1,980 मेगावाट। लगभग ₹21,780.94 करोड़ के निवेश के साथ यह भारत की ऊर्जा अवसंरचना में बड़ा कदम है। इनमें से एक यूनिट चालू हो चुकी है, जबकि शेष यूनिट्स वित्तीय वर्ष 2025–26 तक शुरू होने की उम्मीद है।

बिजली वितरण में सहयोगी संघवाद

इस परियोजना से उत्पन्न बिजली का 75.12% उत्तर प्रदेश को और 24.88% असम को जाएगा। हालांकि, इसके लिए असम को कंपनी में 20% इक्विटी हस्तांतरण करना होगा। यह राज्यों के बीच सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है और भारत के ऊर्जा संघवाद को दर्शाता है।

पर्यावरणीय सुरक्षा पर जोर

यह संयंत्र कोयले पर आधारित होने के बावजूद पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से उन्नत है। इसमें SCR (Selective Catalytic Reduction) और FGD (Flue Gas Desulphurization) तकनीकें लगाई गई हैं जो NOx और SOx जैसे हानिकारक गैसों को कम करती हैं। साथ ही, Zero Liquid Discharge (ZLD) प्रणाली से यह संयंत्र किसी भी प्रकार का अपशिष्ट जल बाहर नहीं छोड़ता। इसमें वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली भी लगी है।

जल संरक्षण की पहल

बिजली संयंत्रों में जल की आवश्यकता होती है, लेकिन यह संयंत्र जल संरक्षण में अग्रणी है। 288 किमी लंबी नहर लाइनिंग से प्रतिदिन लगभग 195 मिलियन लीटर पानी बचाया जा रहा है। इसकी जलाशय क्षमता 46 लाख घन मीटर है, जो दीर्घकालिक संचालन के लिए पर्याप्त है।

कुशल और स्वचालित संचालन

यह संयंत्र 88.81% बॉयलर दक्षता के साथ कार्य करता है। 10.165 लाख मीट्रिक टन का कोयला स्टॉकयार्ड इसकी 30 दिन की आवश्यकता को पूरा करता है। यह संयंत्र आधुनिक ऑटोमेशन और 765 केवी GIS स्विचगियर प्रणाली से लैस है, जो स्थिर और कुशल विद्युत संचरण को सुनिश्चित करता है।

स्थानीय प्रभाव और राष्ट्रीय दृष्टिकोण

इस परियोजना से घाटमपुर क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास को बल मिल रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत मिशन से भी जुड़ा है, क्योंकि इसमें स्थानीय तकनीक और साझेदारी को बढ़ावा मिला है। भविष्य की ओर देखें तो यह परियोजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र को सुदृढ़, बुद्धिमान और हरित बनाने की दिशा में स्पष्ट संकेत देती है।

स्टेटिक उस्तादियन समसामयिक मामले तालिका

विषय विवरण
स्थान कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश
कुल क्षमता 1,980 मेगावाट (3 × 660 मेगावाट)
कुल निवेश ₹21,780.94 करोड़
उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बिजली वितरण 75.12% उत्तर प्रदेश, 24.88% असम
पर्यावरणीय तकनीक SCR, FGD, ZLD
जल संरक्षण 195 मिलियन लीटर प्रतिदिन
बॉयलर दक्षता 88.81%
स्थैतिक तथ्य NLC इंडिया की स्थापना 1956 में कोयला मंत्रालय के अधीन हुई
ऊर्जा दृष्टिकोण आत्मनिर्भर भारत, सतत ऊर्जा उत्पादन

 

Ghatampur Thermal Power Project
  1. घाटमपुर थर्मल पावर परियोजना उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर जिले में स्थित है।
  2. इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 में किया गया।
  3. यह परियोजना एनएलसी इंडिया लिमिटेड, यूपीआरवीयूएनएल, और नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उपक्रम है।
  4. इसमें 660 मेगावाट के तीन सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट हैं, जिनकी कुल क्षमता 1,980 मेगावाट है।
  5. इस परियोजना में कुल ₹21,780.94 करोड़ का निवेश किया गया है।
  6. फिलहाल एक यूनिट चालू है, बाकी यूनिटों के वित्त वर्ष 2025–26 तक चालू होने की उम्मीद है।
  7. पावर परचेज एग्रीमेंट 2025 के तहत, 12% बिजली उत्तर प्रदेश को और 24.88% असम को दी जाएगी।
  8. असम का हिस्सा उत्तर प्रदेश से 20% इक्विटी ट्रांसफर पर निर्भर करता है।
  9. यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत के ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप है।
  10. इसमें सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन (SCR) तकनीक का उपयोग किया गया है ताकि नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा सके।
  11. फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (FGD) प्रणाली से सल्फर ऑक्साइड का उत्सर्जन घटाया जाता है।
  12. ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) तकनीक से कोई भी अपशिष्ट जल बाहर नहीं छोड़ा जाता
  13. वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है ताकि उत्सर्जन की निगरानी की जा सके।
  14. 288 किलोमीटर लंबी नहर की लाइनिंग से प्रतिदिन 195 मिलियन लीटर जल की बचत होती है।
  15. इस संयंत्र में 46 लाख घन मीटर क्षमता वाला जलाशय है।
  16. संयंत्र में बॉयलर की दक्षता81% है, जो अत्यधिक ऊंचा स्तर है।
  17. कोयला भंडारण क्षेत्र में165 लाख मीट्रिक टन कोयला रखा जा सकता है, जो 30 दिनों तक संयंत्र को पूर्ण संचालन में रख सकता है।
  18. 765 किलोवोल्ट GIS स्विचगियर उन्नत विद्युत संचरण के लिए प्रयुक्त किया गया है।
  19. यह परियोजना घाटमपुर क्षेत्र में स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को सशक्त करती है।
  20. परियोजना को कोयला मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है और यह सतत विकास को बढ़ावा देती है।

 

 

 

Q1. घाटमपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट कहां स्थित है?


Q2. घाटमपुर थर्मल पावर प्लांट की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता क्या है?


Q3. इस संयंत्र में नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए कौन-सी तकनीक का उपयोग किया गया है?


Q4. पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) के तहत असम को बिजली प्राप्त करने के लिए कौन-सी शर्त पूरी करनी होगी?


Q5. घाटमपुर परियोजना किस पहल के तहत ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है?


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