चालू घटनाएँ: इग्ला-एस मिसाइलें भारत, वी-शॉराड्स खरीद 2025, भारतीय सेना वायु रक्षा, पाकिस्तान सीमा ड्रोन खतरे, डीआरडीओ निर्देशित ऊर्जा हथियार, UPSC TNPSC SSC के लिए स्थैतिक जीके
सामरिक तैयारी को बढ़ावा
भारत ने हाल ही में रूस से इग्ला–एस मिसाइलें प्राप्त की हैं, जो कि वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) को अपग्रेड करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। ये कंधे पर दागे जाने वाले पोर्टेबल हथियार हैं जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को निशाना बना सकते हैं। ₹260 करोड़ की यह आपातकालीन खरीद भारत की पश्चिमी सीमा पर हाल के आतंकी हमलों के बाद बढ़े ड्रोन खतरों के चलते तेज़ी से पूरी की गई।
इग्ला-एस की विशेषताएँ
इग्ला–एस प्रणाली इंफ्रारेड होमिंग तकनीक पर कार्य करती है, जो लक्ष्य के इंजन की गर्मी को पहचान कर उसे निशाना बनाती है। यह 6 किलोमीटर की दूरी और 3.5 किलोमीटर ऊंचाई तक के लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट कर सकती है। इसका नवीनतम संस्करण काउंटरमेज़र प्रतिरोधी है, जिससे यह युद्ध में अधिक विश्वसनीय बन जाता है। ये गुण इसे भारत के सबसे प्रभावशाली मोबाइल वायु रक्षा हथियारों में से एक बनाते हैं।
ड्रोन युद्ध की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान से बढ़ती सीमा पार ड्रोन गतिविधि, विशेष रूप से हथियारयुक्त और टोही UAVs, ने भारत को अपनी वायु सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए प्रेरित किया है। इग्ला-एस की तैनाती के साथ-साथ भारत ने एकीकृत ड्रोन पहचान और विघटन प्रणाली (IDD&IS) शुरू की है, जो 8 किमी से अधिक दूरी से ड्रोन का पता लगाकर उन्हें जैमिंग और लेज़र तकनीक से निष्क्रिय कर सकती है। यह सीमा क्षेत्रों में निगरानी और हमलों को रोकने में महत्वपूर्ण है।
स्वदेशी वायु रक्षा में प्रगति
विदेशी अधिग्रहणों के साथ-साथ भारत स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। डीआरडीओ वर्तमान में लेज़र–आधारित एंटी–ड्रोन और एंटी–मिसाइल सिस्टम जैसे निर्देशित ऊर्जा हथियारों को विकसित कर रहा है। सेना कम ऊंचाई पर निगरानी करने वाले ट्रांसपोर्टेबल राडार पर भी काम कर रही है ताकि पारंपरिक रडार सिस्टम की सीमाओं को दूर किया जा सके।
रणनीतिक प्रभाव
इग्ला-एस की तैनाती और स्वदेशी तकनीकों का विकास भारत की मल्टी–लेयर्ड डिफेंस रणनीति को दर्शाता है। यह आधुनिक वायु रक्षा ढांचे को मजबूत करने और ड्रोन जैसे नए खतरों से निपटने की तैयारी को पुख्ता करता है। यह खरीद भारत की त्वरित अधिग्रहण + आत्मनिर्भरता की रणनीति को रेखांकित करती है, जिससे सशक्त और आत्मनिर्भर रक्षा तंत्र की नींव तैयार हो रही है।
परीक्षा हेतु Static GK स्नैपशॉट
विषय | विवरण |
मिसाइल नाम | इग्ला-एस (रूसी मूल का VSHORADS) |
रेंज | अधिकतम 6 किमी |
ऊँचाई क्षमता | अधिकतम 3.5 किमी |
मार्गदर्शन प्रणाली | इंफ्रारेड होमिंग |
खरीद लागत | ₹260 करोड़ (आपातकालीन अनुबंध) |
मुख्य खतरे | ड्रोन, कम उड़ान वाले हेलीकॉप्टर और विमान |
स्वदेशी प्रणाली | डीआरडीओ निर्देशित ऊर्जा हथियार, IDD&IS |
पहचान प्रणाली | एकीकृत ड्रोन पहचान और विघटन प्रणाली (IDD&IS) |
उपयोग की गई तकनीक | जैमिंग + लेज़र लक्ष्यीकरण |
रणनीतिक फोकस | आधुनिकीकरण और रक्षा में आत्मनिर्भरता |