पुलिस डिजिटलीकरण को लेकर हाईकोर्ट की सख्ती
तमिलनाडु में कानून प्रवर्तन प्रणाली के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस विभाग को CCTNS 2.0 को चार महीनों के भीतर लागू करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायपालिका की तेज़, पारदर्शी और समन्वित आपराधिक न्याय व्यवस्था की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कोर्ट ने विशेष रूप से मामलों की निगरानी और डेटा पहुंच को प्रभावी बनाने हेतु डिजिटल तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
CCTNS क्या है और इसका प्रभाव
CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems), गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय योजना है जिसका उद्देश्य देश के सभी पुलिस थानों को एक डिजिटल नेटवर्क से जोड़कर सूचना के आदान–प्रदान को रीयल–टाइम में सक्षम बनाना है। मौजूदा मैन्युअल प्रणाली के मुकाबले, CCTNS प्रणाली एफआईआर, केस फ़ाइलें और नागरिक सेवाओं के रिकॉर्ड को इंटरनेट के माध्यम से तत्काल साझा करने की सुविधा देती है, जिससे समय की बचत और कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।
CCTNS 2.0 और ICJS का महत्व
CCTNS 2.0, केवल पुलिस थानों को जोड़ने तक सीमित नहीं है। इसे सुप्रीम कोर्ट की ई–कमेटी द्वारा विकसित “Inter-operable Criminal Justice System (ICJS)” से एकीकृत किया गया है। ICJS के अंतर्गत पाँच प्रमुख डिजिटल पोर्टल आपस में जुड़े हुए हैं:
- CCTNS (पुलिस)
- CIS (अदालतें)
- e-Prisons (जेल प्रणाली)
- e-Forensics (फॉरेंसिक रिपोर्टिंग)
- e-Prosecution (अभियोजन प्रणाली)
इन सभी प्लेटफॉर्म्स के समन्वय से एफआईआर, चार्जशीट और केस डायरी जैसी फाइलें डिजिटल रूप से शेयर की जा सकती हैं, जिससे न्यायिक कार्यवाही में पारदर्शिता और गति आती है।
NCRB और NIC: सफल कार्यान्वयन की आधारशिला
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) को ICJS के तकनीकी संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। ये संस्थाएँ डिजिटल सुरक्षा, डेटा समन्वय और नेटवर्क कार्यकुशलता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। इसका उद्देश्य है मानव त्रुटियों को कम करना और न्याय प्रक्रिया को तेज़ बनाना।
Static GK परीक्षा-संक्षेप सारणी
विषय | विवरण |
CCTNS का पूर्ण रूप | Crime and Criminal Tracking Network & Systems |
शुरुआत | भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा |
निर्देश जारीकर्ता | मद्रास हाईकोर्ट |
कार्यान्वयन समयसीमा | मई 2025 से 4 माह के भीतर |
मुख्य उद्देश्य | पुलिस रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और डेटा साझा करना |
ICJS का पूर्ण रूप | Inter-operable Criminal Justice System |
नेतृत्व करता है | सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी |
एकीकृत पोर्टल्स | CCTNS, CIS, e-Prison, e-Forensic, e-Prosecution |
कार्यान्वयन एजेंसियाँ | NCRB और NIC |