जुलाई 17, 2025 8:04 अपराह्न

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2025: वैश्विक पत्रकारिता में गंभीर गिरावट का संकेत

वर्तमान मामले: विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025: वैश्विक पत्रकारिता में खतरनाक गिरावट, विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ), भारत प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग, वैश्विक मीडिया सेंसरशिप, स्वतंत्र पत्रकारिता संकट, न्यूज़रूम पर आर्थिक दबाव, मीडिया स्वामित्व एकाग्रता

World Press Freedom Index 2025: Global Journalism Faces Alarming Decline

भारत की रैंकिंग में मामूली सुधार, पर चुनौतियाँ गहरी बनी रहीं

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) द्वारा जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2025 में वैश्विक प्रेस की स्थिति को पहली बार “दुर्लभ परिस्थिति” बताया गया है। भारत की रैंकिंग 2024 के 159वें स्थान से बढ़कर 2025 में 151वें स्थान पर पहुँची है, लेकिन कुल स्कोर मात्र 32.96 रहा, जो सिस्टमेटिक चुनौतियों को उजागर करता है। भारत में पत्रकारों को राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों जैसे कश्मीर में हिंसा, राजद्रोह कानूनों का दुरुपयोग, और सेंसरशिप का सामना करना पड़ रहा है। यह सुधार सांकेतिक है, लेकिन प्रेस स्वतंत्रता की स्थिरता पर गंभीर प्रश्न उठाता है।

वैश्विक अवलोकन: नॉर्डिक देश शीर्ष पर, अधिनायकवादी देश सबसे नीचे

नॉर्वे (स्कोर: 92.31) ने लगातार शीर्ष स्थान बनाए रखा, उसके बाद एस्टोनिया, नीदरलैंड्स और स्वीडन जैसे देश हैं, जहाँ मजबूत कानूनी ढांचा, संपादकीय स्वतंत्रता, और बहुलवादी स्वामित्व मौजूद हैं। वहीं एरीट्रिया (180वां) और उत्तर कोरिया (179वां) जैसे देश मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए हुए हैं। चीन (178वां) और ईरान (176वां) जैसे देशों में राज्य नियंत्रण, निगरानी, और पत्रकारों की गिरफ्तारी आम बात है।

वैश्विक मीडिया पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव

रिपोर्ट के अनुसार, 180 में से 160 देशों में आर्थिक संकट ने स्वतंत्र मीडिया को कमजोर कर दिया हैविज्ञापन राजस्व में गिरावट और लागत में वृद्धि ने समाचार संस्थानों को नुकसान पहुँचाया है। अर्जेंटीना (87वां) और ट्यूनीशिया (129वां) जैसे देशों में न्यूज़रूम के सिकुड़ने से प्रेस स्वतंत्रता गिरी है। साथ ही राजनीतिक अस्थिरता और सत्तावादी नीतियाँ मीडिया की आज़ादी को सीमित कर रही हैं, जैसे कि फिलिस्तीन (163वां) और इज़राइल (112वां)

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति

भारत का 151वां स्थान, पिछले वर्ष की तुलना में 8 अंकों की उन्नति है, लेकिन रिपोर्ट इसे सतही सुधार मानती है। भारत में डिजिटल सेंसरशिप, पत्रकारों को डराना, और अपारदर्शी मीडिया नियमन की समस्याएँ बनी हुई हैं। विशेष रूप से प्रदर्शन, मानवाधिकार, और शासन संबंधी कवरेज में पत्रकारों को FIRs और निगरानी का सामना करना पड़ता है। भारत की प्रेस प्रणाली गतिशील जरूर है, लेकिन सामाजिक और कानूनी सीमाओं के अधीन है।

स्वामित्व की एकाग्रता और दमनकारी कानून

मीडिया स्वामित्व की एकाग्रता एक उभरती वैश्विक चिंता है। कनाडा (21वां) और फ्रांस (25वां) जैसे 46 देशों में स्वामित्व का प्रभाव संपादकीय स्वतंत्रता को कमजोर करता है। रूस (171वां) और वियतनाम (173वां) में स्वतंत्र मीडिया के लिए कोई स्थान नहीं है। साथ ही, जॉर्जिया (114वां) और जॉर्डन (147वां) जैसे देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी हस्तक्षेप के नाम पर कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है।

Static GK परीक्षा-संक्षेप सारणी

विषय विवरण
सूचकांक जारीकर्ता रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF)
प्रकाशन वर्ष 2025
भारत की रैंकिंग (2025) 151वां (2024 में 159वां)
भारत का स्कोर 32.96
शीर्ष देश नॉर्वे (स्कोर: 92.31)
सबसे नीचे रैंक प्राप्त देश एरीट्रिया (स्कोर: 11.32)
भारत की मुख्य प्रेस चुनौतियाँ हिंसा, राजद्रोह कानून, डिजिटल सेंसरशिप
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देश उत्तर कोरिया (179), चीन (178), सीरिया (177), ईरान (176), रूस (171)
आर्थिक बाधा की रिपोर्ट 180 में से 160 देशों में
स्वामित्व एकाग्रता पर चिंता 46 देशों में, जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया

 

World Press Freedom Index 2025: Global Journalism Faces Alarming Decline
  1. World Press Freedom Index 2025 को Reporters Without Borders (RSF) द्वारा प्रकाशित किया गया।
  2. भारत ने अपनी रैंकिंग 159वें (2024) से 151वें (2025) स्थान तक बेहतर की।
  3. भारत का स्कोर96 है, जो गंभीर चुनौतियों को दर्शाता है।
  4. भारतीय पत्रकारों को हिंसा, देशद्रोह के आरोप और डिजिटल सेंसरशिप का सामना करना पड़ता है।
  5. रिपोर्ट में पहली बार वैश्विक प्रेस माहौल को “कठिन स्थिति” कहा गया।
  6. नॉर्वे ने 31 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया, इसके बाद एस्टोनिया और नीदरलैंड्स हैं।
  7. एरिट्रिया (180वां) और उत्तर कोरिया (179वां) सबसे निचले पायदान पर हैं।
  8. चीन (178वां) और ईरान (176वां) में मीडिया निगरानी और पत्रकारों की गिरफ्तारी चरम पर है।
  9. 160 देशों में आर्थिक दबावों ने मीडिया को कमजोर किया है।
  10. अर्जेंटीना (87वां) और ट्यूनीशिया (129वां) में न्यूज़रूम बजट में कटौती के कारण रैंकिंग गिरी।
  11. राजनीतिक उथलपुथल के चलते पैलेस्टाइन (163वां) और इज़राइल (112वां) की रैंकिंग घटी।
  12. भारत की मामूली बढ़त को पत्रकारों के उत्पीड़न और नियमन ने छाया में डाल दिया।
  13. कश्मीर में मीडिया पर अत्यधिक प्रतिबंध और निगरानी जारी है।
  14. प्रदर्शन, मानवाधिकार, और शासन संबंधी रिपोर्टिंग पर अक्सर FIR और निगरानी होती है।
  15. मीडिया स्वामित्व की एकाग्रता 46 देशों में एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
  16. कनाडा (21वां) और फ्रांस (25वां) में मीडिया बहुलता में कमी देखी गई।
  17. 92 देशों में संपादकीय हस्तक्षेप की रिपोर्ट, जिससे स्वतंत्र पत्रकारिता कमजोर हुई।
  18. रूस (171वां) और वियतनाम (173वां) में स्वतंत्र प्रेस के लिए कोई जगह नहीं है।
  19. जॉर्डन (147वां) और जॉर्जिया (114वां) जैसे देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर दमनकारी कानून लागू हैं।
  20. यह इंडेक्स बताता है कि स्वतंत्र पत्रकारिता को खतरा अब लोकतांत्रिक देशों में भी तेजी से बढ़ रहा है।

 

Q1. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025 में भारत की रैंक क्या है?


Q2. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025 में शीर्ष स्थान किस देश को मिला?


Q3. भारत के किस क्षेत्र को विशेष रूप से संवेदनशील प्रेस कवरेज और निगरानी से जुड़ी समस्याओं के लिए रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया है?


Q4. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025 में सबसे निचले स्थान पर कौन-सा देश है?


Q5. रिपोर्ट के अनुसार, 160 देशों में प्रेस स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाली एक मुख्य चिंता क्या है?


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