चालू घटनाएँ: बिजू पटनायक स्टालिनग्राड 2025 स्मारक, द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय पायलट, भारत-रूस ऐतिहासिक संबंध, डग्लस डकोटा C-47 विमान, नवीन पटनायक रूसी दूतावास श्रद्धांजलि, WWII में भारतीय योगदान, UPSC TNPSC SSC Static GK
एक साहसी भारतीय वायुयोद्धा को श्रद्धांजलि
7 मई 2025 को नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में बिजू पटनायक की द्वितीय विश्व युद्ध में भागीदारी को सम्मानित करने के लिए एक स्मृति पट्टिका का अनावरण किया गया। यह श्रद्धांजलि स्टालिनग्राड की लड़ाई में उनके साहसी प्रयासों को याद करती है, जहां उन्होंने सोवियत रेड आर्मी को आवश्यक सामग्री पहुँचाने का कार्य किया था। इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव उपस्थित थे, जिन्होंने भारत-रूस के ऐतिहासिक संबंधों की सराहना की।
एक पायलट की अंतरराष्ट्रीय विरासत
भारतीय राजनीति में आने से पहले बिजू पटनायक 1936 में रॉयल इंडियन एयर फोर्स में शामिल हुए थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने डग्लस C-47 डकोटा विमान उड़ा कर सोवियत सेनाओं के लिए उच्च जोखिम वाले मिशन पूरे किए। उन्होंने दुश्मन-नियंत्रित क्षेत्रों से होकर उड़ान भरते हुए आवश्यक सामग्री पहुँचाई। इसके अलावा उन्होंने बर्मा, चीन और इंडोनेशिया में भी कई वैश्विक स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लिया।
स्टालिनग्राड की लड़ाई का ऐतिहासिक महत्व
स्टालिनग्राड युद्ध (1942–43) द्वितीय विश्व युद्ध की एक निर्णायक लड़ाई रही, जिसमें ऑपरेशन यूरेनस के तहत सोवियत संघ ने जर्मन सेना के खिलाफ पलटवार किया। इस लड़ाई में बिजू पटनायक द्वारा पहुंचाई गई सामग्री ने सोवियत प्रतिरोध को बल दिया। यह भारत के स्वतंत्रता-पूर्व काल में भी वैश्विक स्तर पर भारतीय योगदान को दर्शाता है।
सीमाओं से परे सम्मान
भारत, रूस और इंडोनेशिया के झंडों से ढँकी उनकी अंत्येष्टि, उनकी बहुपक्षीय सेवा का प्रतीक रही। उन्हें 1995 में रूस सरकार द्वारा भी सम्मानित किया गया था, जब द्वितीय विश्व युद्ध की 50वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। अब 2025 में स्मृति पट्टिका के माध्यम से यह सम्मान दोहराया गया, जिससे भारत के अनदेखे वैश्विक योगदान को मान्यता मिली।
प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु Static GK सारणी
विषय | विवरण |
कार्यक्रम | बिजू पटनायक स्मृति पट्टिका का अनावरण |
तिथि | 7 मई 2025 |
स्थान | रूसी दूतावास, नई दिल्ली |
सम्मान किसलिए | WWII के दौरान सोवियत रेड आर्मी को सामग्री पहुँचाने के लिए |
प्रयुक्त विमान | डग्लस C-47 डकोटा |
मुख्य अतिथि | नवीन पटनायक, रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव |
पूर्व सम्मान | 1995 में रूस द्वारा सम्मानित |
प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि | भारत, रूस और इंडोनेशिया के झंडों से ढँका ताबूत |
वैश्विक संदर्भ | WWII और विरोधी-फासीवादी आंदोलनों में भारतीय सहभागिता |
प्रमुख युद्ध | स्टालिनग्राड की लड़ाई – ऑपरेशन यूरेनस के तहत सोवियत विजय |