जुलाई 18, 2025 9:43 अपराह्न

आईएनएस अर्नाला भारतीय नौसेना में शामिल: तटीय पनडुब्बी रोधी क्षमता को नई ताकत

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INS Arnala Commissioned into Indian Navy: Strengthening Coastal Anti-Submarine Capabilities

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उथले जल में रक्षा का नया युग

INS अर्नाला को आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है। यह गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्मित पनडुब्बी रोधी उथले जल नौसैनिक जहाजों (ASW SWC) की नई श्रृंखला का पहला पोत है। यह 2019 के रक्षा अनुबंध के तहत बनाए जा रहे आठ जहाजों में पहला है, जो भारत की तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक प्रमुख कदम है।

डिज़ाइन, प्रदर्शन और संचालनात्मक भूमिका

INS अर्नाला की लंबाई 77.6 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है। यह पोत 900 टन विस्थापन के साथ 25 नॉट की अधिकतम गति और 1,800 नॉटिकल मील की रेंज रखता है। इसे विशेष रूप से भारत के तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी गश्त और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। यह दुश्मन की पनडुब्बियों की ट्रैकिंग और प्रमुख बंदरगाहों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बन गया है।

समुद्री विरासत को श्रद्धांजलि और रणनीतिक उद्देश्य

इस जहाज का नाम महाराष्ट्र के अर्नाला द्वीप के नाम पर रखा गया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसैनिक विरासत से जुड़ा हुआ है। यह नामकरण भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह पोत पुराने अब्हयश्रेणी के जहाजों की जगह लेगा और नौसेना को आधुनिक पनडुब्बी रोधी मंच प्रदान करेगा।

स्वदेशी निर्माण और सार्वजनिक-निजी सहयोग

INS अर्नाला को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनाया गया है और इसमें 80% से अधिक स्वदेशी घटक शामिल हैं। यह L&T के कट्टुपल्ली शिपयार्ड, तमिलनाडु में PPP मॉडल के तहत निर्मित किया गया है। यह मॉडल सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सफल सहयोग को दर्शाता है और रोजगार सृजन व घरेलू नौसैनिक उत्पादन को बढ़ावा देता है।

भविष्य की दिशा: नौसेना का विस्तार जारी

GRSE इस समय 16 अन्य नौसेना जहाजों पर कार्य कर रहा है, जिनमें स्टील्थ फ्रिगेट, ऑफशोर गश्ती पोत और अन्य ASW यूनिट्स शामिल हैं। यह भारतीय नौसेना को परंपरागत युद्ध से लेकर स्वचालित जलयानों जैसे उभरते खतरों के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। INS अर्नाला की नियुक्ति हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति को दर्शाने की एक नई शुरुआत है।

प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु Static GK सारांश

विषय विवरण
समाचार मुख्य बिंदु INS अर्नाला की भारतीय नौसेना में नियुक्ति
जहाज प्रकार पनडुब्बी रोधी उथले जल नौसैनिक पोत (ASW SWC)
निर्माता गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE)
अनुबंध वर्ष अप्रैल 2019
निर्माण स्थल L&T कट्टुपल्ली शिपयार्ड, तमिलनाडु (PPP मॉडल)
आयाम लंबाई 77.6 मीटर, चौड़ाई 10.5 मीटर
विस्थापन और गति 900 टन, 25 नॉट शीर्ष गति
सीमा 1,800 नॉटिकल मील
नाम प्रेरणा अर्नाला द्वीप, महाराष्ट्र
स्थानापन्न जहाज अब्हय-श्रेणी पनडुब्बी रोधी पोत
स्वदेशीकरण स्तर 80% से अधिक स्थानीय घटक
आगामी परियोजनाएँ GRSE के तहत 16 अन्य युद्धपोत निर्माणाधीन

 

INS Arnala Commissioned into Indian Navy: Strengthening Coastal Anti-Submarine Capabilities
  1. INS अर्नाळा को भारतीय नौसेना में पनडुब्बी रोधी जलयान (ASW SWC) के रूप में आधिकारिक रूप से शामिल किया गया।
  2. यह GRSE (कोलकाता) द्वारा निर्मित 8 एएसडब्ल्यू जहाजों की श्रृंखला में पहला पोत है।
  3. यह पोत 2019 में हुए रक्षा अनुबंध के अंतर्गत तैयार हुआ है, जो निकटवर्ती तटीय क्षेत्र की नौसेना क्षमताओं को आधुनिक बनाने के लिए था।
  4. यह भारत के तटीय जल क्षेत्रों में पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है।
  5. जहाज की लंबाई 6 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है; इसका भार 900 टन है।
  6. इसकी अधिकतम गति 25 नॉट्स है और यह 1,800 समुद्री मील तक चल सकता है।
  7. यह पोत पुराने अबय श्रेणी (Abhay-class) के जहाजों का स्थान लेगा
  8. इसका नाम महाराष्ट्र के अर्नाळा द्वीप के नाम पर रखा गया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री विरासत का प्रतीक है।
  9. INS अर्नाळा का निर्माण 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत है।
  10. इसका निर्माण लार्सन एंड टुब्रो के कट्टुपल्ली शिपयार्ड (तमिलनाडु) में पब्लिकप्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल से हुआ।
  11. इसमें आधुनिक सोनार प्रणाली और पानी के नीचे निगरानी उपकरण लगे हैं।
  12. यह पोत बंदरगाहों, नौसेना अड्डों और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  13. यह भारत की रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती रणनीति का प्रतीक है।
  14. INS अर्नाळा भारत की इंडोपैसिफिक समुद्री रणनीति को भी मजबूती देता है।
  15. यह पोत लिटोरल ज़ोन (उथले समुद्री क्षेत्र) में सुरक्षा और पनडुब्बी निगरानी को बढ़ाता है।
  16. GRSE इस समय 16 अन्य नौसेना प्लेटफॉर्म्स का निर्माण कर रहा है, जिनमें स्टील्थ फ्रिगेट्स भी शामिल हैं।
  17. INS अर्नाळा की भूमिका में पारंपरिक और ड्रोनआधारित पानी के नीचे खतरों से सुरक्षा शामिल है।
  18. यह भारत की नौसैनिक इंजीनियरिंग और सार्वजनिकनिजी नवाचार क्षमता को प्रदर्शित करता है।
  19. यह जहाज भारतीय नौसेना के बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है।
  20. INS अर्नाळा भारत की हाइब्रिड समुद्री खतरों से निपटने की तत्परता और क्षेत्रीय सामरिक प्रभुत्व को रेखांकित करता है।

Q1. भारतीय नौसेना में आईएनएस अर्नाळा की मुख्य भूमिका क्या है?


Q2. आईएनएस अर्नाळा को 2019 के अनुबंध के तहत किस कंपनी ने निर्मित किया?


Q3. आईएनएस अर्नाळा का निर्माण कहाँ किया गया था?


Q4. आईएनएस अर्नाळा के नामकरण से कौन-से ऐतिहासिक व्यक्तित्व जुड़े हैं?


Q5. आईएनएस अर्नाळा में कितना स्वदेशी सामग्री (Indigenous Content) उपयोग किया गया है?


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