जुलाई 19, 2025 10:24 अपराह्न

रघुजी भोसले की ऐतिहासिक तलवार की वापसी: भारतीय धरोहर की विजय

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The Return of Raghuji Bhosale’s Legendary Sword: A Triumph for Indian Heritage

एक ऐतिहासिक तलवार की वापसी

29 अप्रैल 2025 को महाराष्ट्र सरकार ने इतिहास रचते हुए रघुजी भोसले प्रथम की प्रसिद्ध तलवार को लंदन की नीलामी से ₹47.15 लाख में खरीदकर भारत वापस लाया। यह तलवार सिर्फ एक युद्ध का औजार नहीं, बल्कि मराठा शौर्य और सम्मान का प्रतीक है। इसकी वापसी भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक गौरवपूर्ण कदम है, जिसे इतिहासकारों और नागरिकों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया।

तलवार की बनावट: भारतीय आत्मा के साथ फिरंगी कला

यह तलवार फिरंगी शैली में बनी है जिसमें एक किनारे पर मुड़ी हुई धार और दो लंबी खांचें हैं। इसका मुल्हेरी शैली का बास्केट हिल्ट सोने की नक्काशी से सुसज्जित है, जो इसे एक राजसी कलाकृति भी बनाता है। तलवार पर देवनागरी लिपि में लिखा है: श्रिमंत रघुजी भोसले सेना साहेब सुबाह फिरंग, जो सम्भवतः उन्हें छत्रपति शाहू महाराज द्वारा सम्मानित किए जाने के बाद अंकित की गई थी। यह तलवार यूरोपीय तकनीक और भारतीय परंपरा का मिश्रण है।

तलवार के स्वामी: रघुजी भोसले प्रथम

रघुजी भोसले प्रथम 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में एक प्रभावशाली मराठा सेनापति थे। छत्रपति शाहू महाराज के समर्थन से उन्होंने 1730 में नागपुर भोसले वंश की स्थापना की। उन्होंने ओडिशा, गोंडवाना, बेरार तक मराठा प्रभुत्व का विस्तार किया और 1751 में अलीवर्दी खान से संधि के बाद ओडिशा को पुनः प्राप्त किया। उन्होंने केवल सैन्य अभियान नहीं चलाए, बल्कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया और तीर्थयात्रियों के लिए ढांचागत सुविधाएं विकसित कीं। उनका प्रभाव बिहार से बंगाल तक फैला, जिससे वे मराठा पूर्व विस्तार के मुख्य स्तंभ बने।

तलवार भारत से कैसे गई?

ऐसा माना जाता है कि यह तलवार 1817 के सीताबुल्दी युद्ध के बाद भारत से बाहर चली गई, जब ब्रिटिश जनरल सर अलेक्जेंडर कैंपबेल के नेतृत्व में अंग्रेजों ने नागपुर भोसलों को हराया था। हार के बाद भोसले महल को लूट लिया गया और कई कीमती वस्तुएँ, संभवतः यह तलवार भी, लूट के रूप में विदेश ले जाई गईं। यह तलवार 200 वर्षों तक विदेश में रही, जब तक कि इस वर्ष महाराष्ट्र ने इसे अपनी विरासत के रूप में पुनः प्राप्त नहीं किया।

STATIC GK SNAPSHOT (हिंदी में)

विषय प्रमुख जानकारी
तलवार की वापसी 29 अप्रैल 2025
खरीदने वाला महाराष्ट्र सरकार
कीमत ₹47.15 लाख
तलवार की शैली फिरंगी-शैली, बास्केट हिल्ट और सोने की नक्काशी के साथ
अंकित लेख “श्रिमंत रघुजी भोसले सेना साहेब सुबाह फिरंग”
वंश की स्थापना रघुजी भोसले प्रथम, नागपुर भोसले वंश (1730)
विस्तार क्षेत्र ओडिशा, गोंडवाना, बेरार, बंगाल, बिहार
ऐतिहासिक क्षति सीताबुल्दी युद्ध (1817) के बाद लूटी गई संपत्ति में शामिल

 

The Return of Raghuji Bhosale’s Legendary Sword: A Triumph for Indian Heritage
  1. 29 अप्रैल 2025 को महाराष्ट्र सरकार ने रघुजी भोंसले की तलवार को लंदन नीलामी से पुनः प्राप्त किया।
  2. तलवार की खरीद कीमत ₹47.15 लाख थी, जिसे राज्य निधि से वहन किया गया।
  3. यह तलवार मराठा वीरता और नागपुर भोंसले वंश की प्रतीक मानी जाती है।
  4. यह फिरंगी शैली की तलवार है, जिसमें एकधारी वक्र और दो फुलर (नाली) हैं।
  5. इसका मुल्हेरी शैली का बास्केट हिल्ट सोने की नक्काशी से सुसज्जित है।
  6. तलवार पर खुदा है: “श्रिमंत रघुजी भोंसले सेना साहेब सुबाह फिरंग“।
  7. यह तलवार रघुजी भोंसले प्रथम को समर्पित है, जो नागपुर भोंसले वंश के संस्थापक थे।
  8. उन्होंने बेरार, गोंडवाना और ओडिशा पर शासन स्थापित किया।
  9. 1751 में अलीवर्दी खान से संधि कर ओडिशा को पुनः प्राप्त किया।
  10. उन्होंने जगन्नाथ मंदिर का पुनरुद्धार किया और हिंदू तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा दिया।
  11. उनका शासन बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के हिस्सों तक फैला था।
  12. यह तलवार 1817 के सिताबल्दी युद्ध के दौरान लूटी गई मानी जाती है।
  13. इस युद्ध में जनरल सर अलेक्जेंडर कैंपबेल के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने भोंसलों को हराया।
  14. हार के बाद भोंसले महलों को लूटा गया और बहुमूल्य वस्तुएं ले जाई गईं
  15. तलवार 200 वर्षों तक विदेश में रही, उसके बाद भारत वापसी हुई।
  16. यह वापसी भारतीय सांस्कृतिक पुनर्प्राप्ति की महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी गई।
  17. यह वस्तु यूरोपीय शिल्प और भारतीय युद्ध परंपरा का अद्वितीय संगम है।
  18. इसकी वापसी को विरासत संरक्षण के उत्सव के रूप में मनाया गया।
  19. तलवार मराठा और नागपुर के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
  20. यह घटना विदेशों से लूटी गई भारतीय धरोहरों की वापसी के प्रयासों में एक मील का पत्थर है।

 

Q1. महाराष्ट्र सरकार ने रघुजी भोसले की तलवार को आधिकारिक रूप से कब पुनः प्राप्त किया?


Q2. पुनः प्राप्त की गई तलवार की विशिष्ट डिजाइन शैली क्या है?


Q3. रघुजी भोसले की तलवार पर कौन-सा शिलालेख अंकित है?


Q4. किस युद्ध में यह तलवार ब्रिटिशों के हाथ लगी थी?


Q5. किस मराठा राजा ने रघुजी भोसले प्रथम को सम्मानित किया और उनके उत्थान का समर्थन किया?


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