एक ऐतिहासिक खेल श्रद्धांजलि
कोलकाता ने एक बार फिर लियोनेल मेस्सी की 70 फुट ऊंची लोहे की मूर्ति का अनावरण करके भारत के फुटबॉल गढ़ के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। यह मूर्ति साउथ दम दम के लेक टाउन में स्थित है, जिसे श्री भूमि स्पोर्टिंग क्लब ने बनाया है। इसे व्यापक रूप से दुनिया में मेस्सी की सबसे बड़ी मूर्ति माना जा रहा है।
यह मूर्ति मेस्सी को फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाते हुए दिखाती है, जो 2022 में अर्जेंटीना की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है। यह दृश्य प्रतिनिधित्व वैश्विक फुटबॉल गौरव को स्थानीय खेल जुनून से जोड़ता है। यह इंस्टॉलेशन पहले ही पूरे पश्चिम बंगाल में फुटबॉल प्रशंसकों के लिए एक लैंडमार्क बन गया है।
पैमाना और शिल्प कौशल
मूर्ति की ऊंचाई 70 फुट है और यह पूरी तरह से लोहे से बनी है, जो इसे विशाल और टिकाऊ बनाती है। खास बात यह है कि यह ढांचा सिर्फ 40 दिनों में पूरा हो गया, जो गहन योजना और निष्पादन को दर्शाता है। अंतिम सतह फिनिशिंग कलाकार मोंटी पॉल और उनकी टीम द्वारा की जा रही है।
स्टेटिक जीके तथ्य: भारत में बड़ी सार्वजनिक मूर्तियों में अक्सर लोहे या कांस्य का उपयोग किया जाता है क्योंकि वे मौसम के प्रति प्रतिरोधी होते हैं और लंबे समय तक संरचनात्मक स्थिरता प्रदान करते हैं।
आस-पास के क्षेत्र को भी बड़ी भीड़ को संभालने और सुचारू सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। मूर्ति का पैमाना न केवल कलात्मक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, बल्कि प्रशंसकों के भावनात्मक निवेश को भी दर्शाता है।
कोलकाता की फुटबॉल विरासत
भारतीय फुटबॉल इतिहास में कोलकाता का एक अनूठा स्थान है। इस शहर ने दशकों से दिग्गज क्लबों, प्रतिष्ठित स्टेडियमों और उत्साही समर्थकों की मेजबानी की है। यहां फुटबॉल सिर्फ एक खेल नहीं है; यह एक सांस्कृतिक पहचान है।
शहर ने पहले भी डिएगो माराडोना, रोनाल्डिन्हो गौचो और एमिलियानो मार्टिनेज जैसे अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल दिग्गजों का स्वागत किया है। मेस्सी की मूर्ति इस विरासत में एक और अध्याय जोड़ती है, भले ही फुटबॉलर की उपस्थिति प्रतीकात्मक हो।
स्टेटिक जीके टिप: कोलकाता एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट, डूरंड कप का घर है, जिसकी स्थापना 1888 में हुई थी।
राजनीतिक और सार्वजनिक समर्थन
पश्चिम बंगाल के मंत्री और क्लब अध्यक्ष सुजीत बोस ने परियोजना के भावनात्मक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने दुनिया भर में किसी भी बड़ी मेस्सी मूर्ति की अनुपस्थिति पर जोर दिया और अर्जेंटीना के दिग्गज के लिए कोलकाता के बड़े प्रशंसक वर्ग को रेखांकित किया।
यह परियोजना दर्शाती है कि कैसे खेल हस्तियां अक्सर राष्ट्रीय सीमाओं को पार कर जाती हैं और वैश्विक सांस्कृतिक प्रतीक बन जाती हैं। भारत में, खासकर पूर्वी राज्यों में, मेस्सी का प्रभाव असाधारण रूप से मज़बूत बना हुआ है।
वर्चुअल उद्घाटन समारोह
सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण, लियोनेल मेस्सी 13 दिसंबर को वर्चुअली मूर्ति का उद्घाटन करेंगे। उम्मीद है कि डिजिटल अनावरण से बड़े पैमाने पर ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़ाव होगा। पूरे बंगाल में प्रशंसक इस कार्यक्रम के आसपास जश्न की तैयारी कर रहे हैं।
यह समय 2026 फीफा विश्व कप की उम्मीदों के साथ मेल खाता है, जो इस श्रद्धांजलि को प्रतीकात्मक महत्व देता है। यह मूर्ति मेस्सी के वैश्विक प्रभाव और स्थायी विरासत की याद दिलाती है।
स्टैटिक जीके तथ्य: फीफा विश्व कप 2026 की संयुक्त मेजबानी संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको करेंगे।
सांस्कृतिक प्रतीकवाद
फुटबॉल से परे, यह मूर्ति वैश्विक खेल संस्कृति के प्रति कोलकाता के खुलेपन का प्रतिनिधित्व करती है। यह दिखाता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय खेल उपलब्धियां स्थानीय समुदायों को प्रेरित करती हैं। यह स्मारक कला, खेल और सार्वजनिक भावनाओं को एक ही प्रतिष्ठित संरचना में मिलाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| प्रतिमा की ऊँचाई | 70 फीट |
| प्रयुक्त सामग्री | लोहा |
| स्थान | लेक टाउन, साउथ दम दम, कोलकाता |
| आयोजन संस्था | श्री भूमि स्पोर्टिंग क्लब |
| निर्माण अवधि | 40 दिन |
| प्रतिमा का चित्रण | मेसी को फीफा विश्व कप ट्रॉफी उठाते हुए दर्शाया गया |
| उद्घाटन का तरीका | वर्चुअल |
| उद्घाटन तिथि | 13 दिसंबर |
| संबद्ध आयोजन | फीफा विश्व कप 2026 की प्रत्याशा |




