भारत में गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट
2011-12 से 2022-23 के बीच, लगभग 26.9 करोड़ भारतीयों ने अत्यधिक गरीबी की रेखा को पार कर लिया। विश्व बैंक के $3 प्रतिदिन (2021 PPP) वाले अद्यतन गरीबी मापदंड के अनुसार, 2022 तक भारत में केवल 5.3% लोग अत्यधिक गरीब माने गए, जबकि 2011 में यह आंकड़ा 27.1% था। यह दर्शाता है कि पिछले एक दशक में जीवन स्तर में भारी सुधार हुआ है।
इस बदलाव का अर्थ है कि अब अधिक परिवारों को खाद्य, स्वच्छ जल, बिजली और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। साथ ही यह सरकारी योजनाओं और आर्थिक सुधारों के प्रभाव को भी उजागर करता है।
अद्यतन गरीबी रेखा का क्या अर्थ है?
गरीबी रेखा यह निर्धारित करती है कि कोई व्यक्ति बुनियादी ज़रूरतें जैसे भोजन, आवास, और स्वास्थ्य सेवा वहन कर सकता है या नहीं। विश्व बैंक ने 2021 में इस रेखा को $2.15 से बढ़ाकर $3 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कर दिया। यह वैश्विक मुद्रास्फीति और लागत वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया।
भारत जैसे निम्न-मध्यम आय वर्ग वाले देश $4.20 प्रतिदिन को भी एक महत्वपूर्ण मानक मानते हैं, जबकि $8.30 ऊपरी-मध्यम आय वर्ग के लिए प्रयोग होता है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान विकास
भारत की गरीबी में कमी गांव और शहर दोनों में देखने को मिली है:
- ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी दर4% से घटकर 2.8% हो गई।
- शहरी क्षेत्रों में यह7% से घटकर 1.1% रह गई।
इससे स्पष्ट है कि विकास केवल शहरों तक सीमित नहीं है — गांवों को भी बुनियादी ढांचे, वित्तीय सेवाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है।
बहुआयामी गरीबी में भी गिरावट
Multidimensional Poverty Index (MPI) केवल आय नहीं देखता, बल्कि गरीबी को 6 संकेतकों के आधार पर मापता है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, स्वच्छ जल और शौचालय तक पहुंच।
भारत में MPI 2005-06 में 53.8% था, जो 2019-21 में 16.4% और फिर 2022-23 में 15.5% पर आ गया। यह समग्र कल्याण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
कौन-सी योजनाओं ने मदद की?
भारत को यह सफलता कई सामाजिक योजनाओं की वजह से मिली:
- प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीबों को पक्का मकान और बुनियादी सुविधाएं दीं।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने स्वच्छ रसोई गैस (LPG) दी, जिससे खासकर ग्रामीण महिलाओं को लाभ मिला।
- प्रधानमंत्री जन धन योजना ने करोड़ों लोगों को बैंकिंग सेवाएं दीं।
- आयुष्मान भारत योजना ने हर साल ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया।
इन सभी प्रयासों ने खासतौर पर कमजोर वर्गों की गुणवत्ता और सुरक्षा को बेहतर बनाया।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | मुख्य तथ्य |
| गरीबी से बाहर निकले लोग | 26.9 करोड़ (2011-12 से 2022-23) |
| नई गरीबी रेखा (विश्व बैंक) | $3/दिन (2021 PPP के अनुसार) |
| ग्रामीण गरीबी (2022-23) | 2.8% (पहले 18.4%) |
| शहरी गरीबी (2022-23) | 1.1% (पहले 10.7%) |
| बहुआयामी गरीबी दर | 15.5% (2022-23), 53.8% (2005-06) |
| प्रधानमंत्री आवास योजना | गरीबों को पक्का घर प्रदान किया |
| प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना | ग्रामीण/गरीबों को LPG गैस कनेक्शन |
| प्रधानमंत्री जन धन योजना | 50+ करोड़ बैंक खाते खोले |
| आयुष्मान भारत योजना | हर परिवार को ₹5 लाख तक स्वास्थ्य बीमा |
| Static GK तथ्य | तेंदुलकर समिति (2009) ने आधुनिक गरीबी रेखा परिभाषित की |





