ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विकास
आयकर दिवस हर वर्ष 24 जुलाई को मनाया जाता है, यह दिन 1860 में सर जेम्स विल्सन द्वारा भारत में आयकर की शुरुआत की स्मृति में मनाया जाता है।
यह कर प्रणाली मूलतः युद्धकालीन खर्चों को पूरा करने के लिए लाया गया था।
समय के साथ यह भारत की आर्थिक परिपक्वता और डिजिटल प्रगति का प्रतीक बन गया।
Static GK तथ्य: भारत का पहला संगठित आयकर कानून Income-tax Act, 1922 था जिसे बाद में 1961 के कानून से बदला गया जो आज भी लागू है।
आर्थिक राष्ट्र निर्माण में भूमिका
आज आयकर केवल राजस्व का स्रोत नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय कल्याण, सामाजिक न्याय और बुनियादी सेवाओं का आधार है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक धन प्रत्यक्ष करों से आता है।
यह धन के पुनर्वितरण और समावेशी विकास को भी समर्थन देता है।
Static GK तथ्य: CBDT (Central Board of Direct Taxes), वित्त मंत्रालय के तहत कार्य करता है और पूरे देश में आयकर प्रशासन की निगरानी करता है।
करदाताओं की संख्या और अनुपालन में वृद्धि
भारत में FY 2020–21 में 6.72 करोड़ रिटर्न भरे गए थे जो FY 2024–25 में बढ़कर 9.19 करोड़ हो गए।
यह वृद्धि ट्रांसपेरेंसी, तकनीकी सुधार और जन–विश्वास में बढ़ोतरी का संकेत है।
लोग अब स्वेच्छा से कर प्रणाली से जुड़ रहे हैं, जिससे कर-जागरूकता और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी बढ़ रही है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में दोगुना उछाल
भारत के सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 5 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई:
- FY 2020–21: ₹12.31 लाख करोड़
- FY 2024–25 (अनंतिम): ₹27.02 लाख करोड़
यह दर्शाता है कि आधार चौड़ा हुआ है, प्रशासन अधिक प्रभावी हुआ है, और आर्थिक पुनरुद्धार तेज़ हो रहा है।
डिजिटल परिवर्तन का केंद्र
आयकर विभाग ने डिजिटल इंडिया अभियान में अग्रणी भूमिका निभाई है:
- PAN की शुरुआत: 1972
- कंप्यूटरीकरण: 1981
- CPC (2009), TRACES (2012), AIS और TIN 2.0 प्लेटफॉर्म
- फेसलेस असेसमेंट से पारदर्शिता और निष्पक्षता
Static GK टिप: भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जिसने फेसलेस असेसमेंट प्रणाली को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया है।
व्यवहारिक परिवर्तन: NUDGE रणनीति
अब कर विभाग Project Insight और NUDGE सिद्धांत का उपयोग करता है — यह एक गैर–दखलकारी रणनीति है जो डेटा विश्लेषण द्वारा करदाताओं को सहजता से प्रोत्साहित करती है।
यह रणनीति विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा देती है न कि दंड आधारित पालन को।
बजट 2025–26 की प्रमुख कर राहत
- नई व्यवस्था में ₹12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं
- मानक कटौती ₹75,000 तक बढ़ाई गई
- TDS/TCS की सीमा में छूट
- रिटर्न फाइलिंग के लिए अब 4 वर्षों की अवधि
इन सुधारों से करदाता को सहूलियत, उपभोग में वृद्धि और प्रक्रियाओं में सरलता मिलेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर आयकर दिवस का महत्व
आयकर दिवस केवल इतिहास की याद नहीं बल्कि डिजिटल, पारदर्शी और समावेशी कर प्रणाली की ओर भारत की यात्रा का उत्सव है।
यह आयकर अधिकारियों, करदाताओं और नीति निर्माताओं को सम्मान देने का दिन है जो राष्ट्र के आर्थिक स्तंभ को मज़बूती देते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
भारत में पहला आयकर | 1860 में सर जेम्स विल्सन द्वारा लागू |
वर्तमान आयकर कानून | आयकर अधिनियम, 1961 |
संचालन संस्था | केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) |
FY 2024–25 में दाखिल रिटर्न | 9.19 करोड़ से अधिक |
FY 2024–25 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह | ₹27.02 लाख करोड़ (अनंतिम) |
प्रमुख डिजिटल साधन | TRACES, AIS, TIN 2.0, फेसलेस असेसमेंट |
कंप्यूटरीकरण वर्ष | 1981 |
PAN की शुरुआत | 1972 |
प्रोजेक्ट इनसाइट | कर अनुपालन के लिए डेटा विश्लेषण प्रणाली |
बजट 2025–26 राहत | ₹12 लाख तक कर मुक्त, 4 साल की रिटर्न विंडो |