तमिलनाडु में तेज गिरावट देखी गई
2025 की वित्तीय वर्ष में तमिलनाडु के माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में तेज गिरावट आई। ग्रॉस लोन पोर्टफोलियो (GLP) जो 2024 में ₹58,200 करोड़ था, वह 2025 में घटकर ₹46,800 करोड़ हो गया। यानी 19.6% की वार्षिक गिरावट, जो कि एक ऐसे राज्य के लिए चिंताजनक है जो कभी इस क्षेत्र में अग्रणी था।
तिमाही स्तर पर भी प्रदर्शन कमजोर
यदि हम तिमाही स्तर (quarter-on-quarter) पर देखें, तो यह गिरावट और भी स्पष्ट है। कुछ ही महीनों में पोर्टफोलियो ₹50,700 करोड़ से घटकर ₹46,800 करोड़ हो गया, यानी 7.7% की गिरावट। कर्नाटक भी इस गिरावट में पीछे नहीं रहा, जहाँ 7.0% की गिरावट दर्ज की गई।
इससे यह स्पष्ट है कि आर्थिक रूप से सक्रिय राज्य भी अब माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में क्रेडिट संकट का सामना कर रहे हैं।
माइक्रोफाइनेंस पर इसका क्या असर पड़ेगा?
माइक्रोफाइनेंस का उद्देश्य उन लोगों को ऋण उपलब्ध कराना है जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली से लोन मिलना मुश्किल होता है। यह विशेष रूप से स्व–सहायता समूहों, ग्रामीण महिलाओं और छोटे व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
उदाहरण के तौर पर, मदुरै या कोयंबत्तूर के पास के गांवों में सब्जी विक्रेता या सिलाई व्यवसाय चलाने वाले लोग ऐसे ऋणों पर निर्भर रहते हैं। ऋण वितरण में कमी आने से उनके व्यवसाय पर सीधा असर पड़ सकता है।
माइक्रोफाइनेंस का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
माइक्रोफाइनेंस की अवधारणा 1970 के दशक में बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक से प्रारंभ हुई। भारत में गुजरात की स्वयंरोजगार महिला संघ (SEWA) इस मॉडल की शुरुआती समर्थक रही।
आज भारत में यह क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और इसमें एनबीएफसी–एमएफआई, बैंक, और स्मॉल फाइनेंस बैंक शामिल हैं।
तमिलनाडु ने हमेशा शीर्ष तीन माइक्रोफाइनेंस बाजारों में जगह बनाई है, इसलिए यहां की गिरावट इस क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव या सुधार का संकेत हो सकती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
तमिलनाडु GLP FY25 | ₹46,800 करोड़ |
तमिलनाडु GLP FY24 | ₹58,200 करोड़ |
वार्षिक गिरावट | 19.6% |
पिछली तिमाही का GLP | ₹50,700 करोड़ |
तिमाही गिरावट | 7.7% |
कर्नाटक की तिमाही गिरावट | 7.0% |
क्षेत्र से संबंधित | माइक्रोफाइनेंस, NBFC-MFIs, SHGs, ग्रामीण ऋण |
वैश्विक शुरुआती मॉडल | ग्रामीण बैंक (बांग्लादेश) |
भारत में अग्रणी संगठन | SEWA (गुजरात) |
नियामक संस्था | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) |