परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं पर वैश्विक प्रकाश
2025 न्यूक्लियर–फ्री फ्यूचर अवार्ड्स केवल सम्मान नहीं हैं—यह परमाणु शक्ति और हथियारों के खतरों के खिलाफ एक जोरदार वैश्विक संदेश है। इस वर्ष भारत के पी. उदयकुमार को Resistance श्रेणी में पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ जन आंदोलन का नेतृत्व किया और वर्षों से भारत में परमाणु ऊर्जा के खिलाफ जन-जागरूकता फैलाई।
उनका पुरस्कार दर्शाता है कि सामूहिक जनआंदोलन, बिना किसी बड़े संगठन के भी, नीति निर्माण में भूमिका निभा सकता है। यह नीचे से ऊपर उठी आवाज़ का प्रतीक है।
दुनिया भर में साहस का उत्सव
उदयकुमार अकेले नहीं हैं जिन्हें 2025 में सम्मानित किया गया है। ब्राज़ील से पत्रकार मार्सिया गोम्स डि ओलिवेरा और नॉरबर्ट सुचानेक को अपने देश में परमाणु परियोजनाओं के विरोध के लिए सम्मानित किया गया। ये ऐसे कार्यकर्ता हैं जो हथियारों से नहीं बल्कि तथ्यों, शोध और जनभागीदारी से लड़ते हैं।
Solutions श्रेणी में जिम्बाब्वे के एडविक मैडजिम्यूर को सम्मान मिला, जो नवीकरणीय ऊर्जा के विकल्प को बढ़ावा दे रहे हैं। वे दिखाते हैं कि केवल विरोध करना ही नहीं, सकारात्मक विकल्प प्रस्तुत करना भी ज़रूरी है।
विरासत की याद: आज के लिए प्रेरणा
दो उल्लेखनीय कार्यकर्ताओं को मरणोपरांत लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया:
- क्ली बेनाली (अमेरिका): जिन्होंने यूरेनियम खनन के खिलाफ अपने जनजातीय समुदाय की ज़मीनों की रक्षा की।
- जोआना मेसी (अमेरिका): एक अनुभवी पर्यावरण कार्यकर्ता जिन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण और शांति के लिए जीवन समर्पित किया।
इनकी विरासत अगली पीढ़ी के कार्यकर्ताओं को परमाणु मुक्त भविष्य की रक्षा के लिए प्रेरित करती है।
न्यूक्लियर-फ्री फ्यूचर अवार्ड्स क्या हैं?
1998 में जर्मनी के क्लाउस बीगर्ट द्वारा शुरू किए गए ये अवार्ड्स, दुनिया भर के उन लोगों को सम्मानित करते हैं जो परमाणु उद्योग को चुनौती देते हैं। केवल हथियार नहीं, बल्कि परमाणु संयंत्र और यूरेनियम खनन के खतरे भी इनके फोकस में हैं।
पुरस्कार पाने वालों में वैज्ञानिक, जनजातीय नेता और समुदाय आयोजक शामिल हैं—जो सब अपने ढंग से इस मिशन में योगदान देते हैं।
आज के समय में इन पुरस्कारों का महत्व
आज के ऊर्जा–केंद्रित विश्व में, परमाणु शक्ति को अक्सर “स्वच्छ विकल्प” के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन कार्यकर्ता इस पर सवाल उठाते हैं। वे चेरनोबिल और फुकुशिमा जैसे हादसों और हजारों वर्षों तक रेडियोधर्मी रहने वाले कचरे की ओर इशारा करते हैं।
2025 के पुरस्कार इन छिपे हुए खतरों की ओर ध्यान खींचते हैं और सरकारों को सौर, पवन और अन्य सुरक्षित ऊर्जा स्रोतों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
Static GK Snapshot (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | तथ्य |
पुरस्कार की शुरुआत | 1998, क्लाउस बीगर्ट (जर्मनी) द्वारा |
2025 Resistance पुरस्कार | पी. उदयकुमार (भारत) – कुडनकुलम आंदोलन |
अन्य विजेता | मार्सिया गोम्स डि ओलिवेरा और नॉरबर्ट सुचानेक (ब्राज़ील), एडविक मैडजिम्यूर (जिम्बाब्वे) |
लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार | जोआना मेसी (अमेरिका), क्ली बेनाली (अमेरिका – मरणोपरांत) |
मुख्य फोकस | परमाणु विरोध, यूरेनियम खनन विरोध, नवीकरणीय ऊर्जा समाधान |