श्रीलंका को पछाड़ भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक
टी बोर्ड ऑफ इंडिया की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2024 में चाय निर्यात के क्षेत्र में श्रीलंका को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि भारत के लिए 2018 के बाद सबसे बड़ा निर्यात स्तर है, जब भारत ने 256 मिलियन किलोग्राम का रिकॉर्ड दर्ज किया था। केन्या अब भी 500 मिलियन किलोग्राम से अधिक निर्यात के साथ शीर्ष पर बना हुआ है।
भारतीय चाय उद्योग पर आर्थिक प्रभाव
इस निर्यात वृद्धि ने भारतीय अर्थव्यवस्था को ₹7,112 करोड़ का विदेशी मुद्रा लाभ दिलाया है। वर्षों तक भारत का चाय निर्यात 200–225 मिलियन किलोग्राम के बीच सीमित था, लेकिन इस उछाल ने खासकर असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में छोटे चाय उत्पादकों और बागान श्रमिकों को नई ऊर्जा दी है। इस गति को देखते हुए भारत का 2030 तक 300 मिलियन किलोग्राम निर्यात का लक्ष्य अब अधिक यथार्थ लगता है।
सरकार के सहयोग से ऑर्थोडॉक्स चाय को बढ़ावा
निर्यात में आई इस तेज़ वृद्धि का प्रमुख श्रेय सरकार द्वारा ऑर्थोडॉक्स चाय को बढ़ावा देने और निर्यात अनुदान योजनाओं को जाता है। इन पहलों से भारत रूस, यूरोप और पश्चिम एशिया जैसे उच्च मूल्य वाले बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर पाया है। टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इन नीतियों को भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त का प्रमुख कारण बताया है।
आगे की दिशा: वैश्विक चाय बाजार में भारत की स्थिति मजबूत करना
भारत की कुल वार्षिक चाय उत्पादन क्षमता लगभग 1,400 मिलियन किलोग्राम है, जिसमें से अधिकांश घरेलू खपत में चला जाता है। लेकिन अब जब वैश्विक निर्यात में तेज़ी आई है, तो उद्योग जगत और नीति-निर्माता निर्यात गुणवत्ता सुधार, नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की खोज, और ब्रांडिंग को सशक्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यदि यह रुझान जारी रहे, तो निकट भविष्य में भारत केन्या को चुनौती भी दे सकता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT – हिंदी में)
पहलू | विवरण |
2024 में निर्यात मात्रा | 254 मिलियन किलोग्राम (दुनिया में दूसरा स्थान) |
शीर्ष निर्यातक देश | केन्या (500+ मिलियन किलोग्राम) |
2024 का निर्यात राजस्व | ₹7,112 करोड़ |
मुख्य विकास कारण | ऑर्थोडॉक्स चाय को बढ़ावा व सरकारी प्रोत्साहन |
भारत का वार्षिक उत्पादन | लगभग 1,400 मिलियन किलोग्राम |
पिछला उच्चतम निर्यात | 256 मिलियन किलोग्राम (2018) |
2030 का निर्यात लक्ष्य | 300 मिलियन किलोग्राम |
विनियामक संस्था | टी बोर्ड ऑफ इंडिया (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन) |
प्रमुख उत्पादक राज्य | असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु |
वैश्विक प्रतिस्पर्धी देश | केन्या, श्रीलंका |