2024: जीव-जंतु खोजों का रिकॉर्ड वर्ष
प्राणीशास्त्रीय सर्वेक्षण भारत (ZSI) ने 2024 में 683 नई प्रजातियाँ और उप–प्रजातियाँ दर्ज कीं, जो 2008 के बाद सबसे अधिक वार्षिक खोजें हैं। इनमें से 459 प्रजातियाँ वैश्विक स्तर पर पहली बार दर्ज की गईं, जबकि 224 केवल भारत में पहली बार पाई गईं।
स्थैतिक जीके तथ्य: ZSI की स्थापना 1916 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन हुई थी और इसका कार्य भारत की प्राणी विविधता का दस्तावेजीकरण करना है।
केरल रहा अग्रणी राज्य
101 नई प्रजातियों के साथ केरल 2024 में सबसे आगे रहा, जिनमें 80 वैज्ञानिक दृष्टि से पूर्णतया नई थीं। अन्य प्रमुख राज्य थे – कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल।
दक्षिण भारत ने जैव विविधता गतिविधियों में प्रमुख भूमिका निभाई, जबकि दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम खोज हुईं, जिससे क्षेत्रीय असमानता उजागर हुई।
टेक्नोलॉजी से तेज़ हुई प्रजाति खोज
ZSI ने इस प्रगति का श्रेय डीएनए अनुक्रमण (DNA sequencing) और आणविक टैक्सोनॉमी को दिया। इससे सटीक और शीघ्र पहचान संभव हुई है।
अब विशेषज्ञ टीमों के विस्तार और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने की योजनाएँ भी बन रही हैं।
स्थैतिक जीके टिप: DNA आधारित पहचान तकनीक निकटवर्ती प्रजातियों को आनुवंशिक संकेतों के माध्यम से अलग करने में सहायक है।
संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों पर ध्यान
2025 एनिमल टैक्सोनॉमी समिट में पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी हिमालय जैसे पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। इन क्षेत्रों में तेजी से बदलते जलवायु पैटर्न और निवास स्थान क्षरण से स्थानीय प्रजातियों को खतरा है।
लक्षद्वीप में समुद्री प्रजातियों के लिए एक संग्रह केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भी आया।
स्थैतिक जीके तथ्य: लक्षद्वीप की एटोल संरचनाएं भारत में दुर्लभ हैं और कोरल ब्लीचिंग से प्रभावित हो रही हैं।
नीति और संरचना में बदलाव की सिफारिश
समिट में एक केंद्रीय डिजिटल जैव विविधता प्रणाली बनाने का सुझाव दिया गया, जो मैदानीय शोध, जेनेटिक्स और सामुदायिक डेटा को जोड़ सके।
इसके अलावा, वन्यजीव अंडरपास और वृक्ष–सेतु (canopy bridges) जैसी संरचनात्मक योजनाओं की भी सिफारिश की गई ताकि प्राणी–वाहन टकराव को रोका जा सके।
नामकरण से जुड़ी संरक्षण चेतना
हिमाचल प्रदेश की एक नई सर्प प्रजाति का नाम ‘Anguiculus dicaprioi’ रखा गया, जो पर्यावरण संरक्षण में अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो की भूमिका को सम्मान देता है।
इस प्रकार के संस्कृति–संबंधी नाम अब संरक्षण जागरूकता को जनमानस तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली माध्यम बन रहे हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
2024 में खोजी गई कुल प्रजातियाँ | 683 |
विश्व स्तर पर नई प्रजातियाँ | 459 |
भारत में पहली बार दर्ज | 224 |
सबसे अधिक खोज वाला राज्य | केरल (101 प्रजातियाँ) |
ZSI की स्थापना वर्ष | 1916 |
सबसे सक्रिय क्षेत्र | दक्षिण भारत |
समिट का केंद्रित पारिस्थितिकी क्षेत्र | पूर्वी हिमालय, समुद्री क्षेत्र |
ZSI नया प्रस्ताव | लक्षद्वीप में समुद्री प्रजाति केंद्र |
संरक्षात्मक उपाय | वृक्ष-सेतु, अंडरपास |
प्रतीकात्मक नाम वाली प्रजाति | Anguiculus dicaprioi (साँप) |