जुलाई 19, 2025 11:33 अपराह्न

2024 में भारत में जीव-जंतुओं की खोज में केरल का दबदबा

समसामयिक विषय: भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, केरल जीव रिपोर्ट, नई प्रजातियाँ 2024, जैव विविधता अनुसंधान, वर्गीकरण संबंधी सफलताएँ, दक्षिणी राज्यों की खोजें, हिमालय पारिस्थितिकी तंत्र, समुद्री जीवन रिकॉर्ड, पशु वर्गीकरण बैठक, आणविक वर्गीकरण

Kerala Dominates India’s Faunal Findings in 2024

2024: जीव-जंतु खोजों का रिकॉर्ड वर्ष

प्राणीशास्त्रीय सर्वेक्षण भारत (ZSI) ने 2024 में 683 नई प्रजातियाँ और उपप्रजातियाँ दर्ज कीं, जो 2008 के बाद सबसे अधिक वार्षिक खोजें हैं। इनमें से 459 प्रजातियाँ वैश्विक स्तर पर पहली बार दर्ज की गईं, जबकि 224 केवल भारत में पहली बार पाई गईं।
स्थैतिक जीके तथ्य: ZSI की स्थापना 1916 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन हुई थी और इसका कार्य भारत की प्राणी विविधता का दस्तावेजीकरण करना है।

केरल रहा अग्रणी राज्य

101 नई प्रजातियों के साथ केरल 2024 में सबसे आगे रहा, जिनमें 80 वैज्ञानिक दृष्टि से पूर्णतया नई थीं। अन्य प्रमुख राज्य थे – कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल
दक्षिण भारत ने जैव विविधता गतिविधियों में प्रमुख भूमिका निभाई, जबकि दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम खोज हुईं, जिससे क्षेत्रीय असमानता उजागर हुई।

टेक्नोलॉजी से तेज़ हुई प्रजाति खोज

ZSI ने इस प्रगति का श्रेय डीएनए अनुक्रमण (DNA sequencing) और आणविक टैक्सोनॉमी को दिया। इससे सटीक और शीघ्र पहचान संभव हुई है।
अब विशेषज्ञ टीमों के विस्तार और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने की योजनाएँ भी बन रही हैं।
स्थैतिक जीके टिप: DNA आधारित पहचान तकनीक निकटवर्ती प्रजातियों को आनुवंशिक संकेतों के माध्यम से अलग करने में सहायक है।

संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों पर ध्यान

2025 एनिमल टैक्सोनॉमी समिट में पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी हिमालय जैसे पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। इन क्षेत्रों में तेजी से बदलते जलवायु पैटर्न और निवास स्थान क्षरण से स्थानीय प्रजातियों को खतरा है।
लक्षद्वीप में समुद्री प्रजातियों के लिए एक संग्रह केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भी आया।
स्थैतिक जीके तथ्य: लक्षद्वीप की एटोल संरचनाएं भारत में दुर्लभ हैं और कोरल ब्लीचिंग से प्रभावित हो रही हैं।

नीति और संरचना में बदलाव की सिफारिश

समिट में एक केंद्रीय डिजिटल जैव विविधता प्रणाली बनाने का सुझाव दिया गया, जो मैदानीय शोध, जेनेटिक्स और सामुदायिक डेटा को जोड़ सके।
इसके अलावा, वन्यजीव अंडरपास और वृक्षसेतु (canopy bridges) जैसी संरचनात्मक योजनाओं की भी सिफारिश की गई ताकि प्राणीवाहन टकराव को रोका जा सके।

नामकरण से जुड़ी संरक्षण चेतना

हिमाचल प्रदेश की एक नई सर्प प्रजाति का नाम ‘Anguiculus dicaprioi’ रखा गया, जो पर्यावरण संरक्षण में अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो की भूमिका को सम्मान देता है।
इस प्रकार के संस्कृतिसंबंधी नाम अब संरक्षण जागरूकता को जनमानस तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली माध्यम बन रहे हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

तथ्य विवरण
2024 में खोजी गई कुल प्रजातियाँ 683
विश्व स्तर पर नई प्रजातियाँ 459
भारत में पहली बार दर्ज 224
सबसे अधिक खोज वाला राज्य केरल (101 प्रजातियाँ)
ZSI की स्थापना वर्ष 1916
सबसे सक्रिय क्षेत्र दक्षिण भारत
समिट का केंद्रित पारिस्थितिकी क्षेत्र पूर्वी हिमालय, समुद्री क्षेत्र
ZSI नया प्रस्ताव लक्षद्वीप में समुद्री प्रजाति केंद्र
संरक्षात्मक उपाय वृक्ष-सेतु, अंडरपास
प्रतीकात्मक नाम वाली प्रजाति Anguiculus dicaprioi (साँप)
Kerala Dominates India’s Faunal Findings in 2024
  1. ZSI ने 2024 में भारत में 683 नई जीव-जंतुओं की प्रजातियों की पहचान की।
  2. 459 प्रजातियाँ वैश्विक स्तर पर नई थीं; भारत में 224 नई।
  3. केरल 101 खोजों के साथ अग्रणी रहा, जिनमें से 80 विज्ञान के लिए नई थीं।
  4. ZSI की स्थापना 1916 में पर्यावरण मंत्रालय के अधीन हुई थी।
  5. कर्नाटक, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी उल्लेखनीय खोजें हुईं।
  6. डीएनए अनुक्रमण और आणविक वर्गीकरण ने खोज में सहायता की।
  7. दक्षिणी और हिमालयी क्षेत्रों में भारत की जैव विविधता समृद्ध है।
  8. शिखर सम्मेलन में पूर्वी हिमालय और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण का आह्वान किया गया।
  9. लक्षद्वीप में समुद्री भंडार स्थापित करने की योजना।
  10. आक्रामक प्रजातियों का शीघ्र पता लगाने पर ध्यान केंद्रित।
  11. प्रस्ताव में पशु सुरक्षा के लिए वन्यजीव पुल और अंडरपास शामिल हैं।
  12. एंगुइकुलस डिकैप्रियोई, एक साँप, जिसका नाम लियोनार्डो डिकैप्रियो के नाम पर रखा गया है।
  13. संरक्षण जागरूकता बढ़ाने के लिए मशहूर हस्तियों के नामों के इस्तेमाल पर प्रकाश डाला गया।
  14. शहरीकरण के कारण दिल्ली और चंडीगढ़ में जीवों की कम खोज।
  15. तटीय क्षेत्रों में प्रवाल विरंजन का खतरा मंडरा रहा है।
  16. भारत वर्गीकरण और जैव विविधता के बुनियादी ढाँचे को मजबूत कर रहा है।
  17. वैश्विक साझेदारियों और विशेषज्ञों की नियुक्ति से अनुसंधान को बढ़ावा मिला।
  18. भारत में जीवों की खोज 2008 के बाद से रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँची।
  19. जैव विविधता निगरानी में जलवायु भेद्यता शामिल है।
  20. भारत जैव विविधता डेटा के लिए केंद्रीय डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र पर जोर दे रहा है।

Q1. 2024 में ZSI द्वारा कितनी नई प्रजातियाँ प्रलेखित की गईं?


Q2. 2024 में किस राज्य ने सबसे अधिक जीव प्रजातियाँ दर्ज कीं?


Q3. भारत की जीव विविधता का दस्तावेजीकरण किस संस्था द्वारा किया जाता है?


Q4. लक्षद्वीप में प्रस्तावित नई जैव विविधता केंद्र का नाम क्या है?


Q5. किस नई प्रजाति का नाम अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो के नाम पर रखा गया है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF July 19

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

दिन की खबरें

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.