सितम्बर 1, 2025 2:59 अपराह्न

होसूर हवाई अड्डा परियोजना 2025: रिपोर्ट तैयार, अब तमिलनाडु सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा

करेंट अफेयर्स: होसुर हवाई अड्डा व्यवहार्यता रिपोर्ट प्रस्तुत: अंतिम निर्णय तमिलनाडु सरकार का इंतजार, होसुर हवाई अड्डा व्यवहार्यता रिपोर्ट 2025, एएआई, टीएएएल हवाई पट्टी, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा तमिलनाडु, रक्षा मंत्रालय की मंजूरी, बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा खंड, नागरिक उड्डयन नीति

Hosur Airport Feasibility Report Submitted: Final Decision Awaits Tamil Nadu Government

रिपोर्ट हुई जमा, अब राज्य सरकार के पाले में गेंद

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने प्रस्तावित होसूर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए अंतिम व्यवहार्यता रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार को सौंप दी है।
इस रिपोर्ट में पांच स्थानों का अध्ययन कर दो स्थानों को अंतिम रूप दिया गया है:

  • पहला, TAAL (Taneja Aerospace and Aviation Limited) हवाई पट्टी से5 किमी दक्षिण में होसूर तालुक में,
  • दूसरा, उलगम के पास, जो होसूर से पूर्व और शूलगिरी से उत्तर दिशा में5 किमी दूर है।
    रिपोर्ट के अनुसार, दोनों स्थान तकनीकी रूप से उपयुक्त हैं, अब तमिलनाडु सरकार को अंतिम चयन करना है।

रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति और नियामक बाधाएं

तकनीकी पक्ष भले ही अनुकूल हो, लेकिन रक्षा मंत्रालय की अनुमति अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि क्षेत्रीय हवाई क्षेत्र उसके नियंत्रण में है।
इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण बाधा यह है:
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (BIAL) के बीच हुए समझौते में यह प्रावधान है कि
2033 तक 150 किलोमीटर के दायरे में कोई नया हवाई अड्डा स्थापित नहीं किया जा सकता
यह प्रतिबंध होसूर परियोजना को बाधित या विलंबित कर सकता है जब तक कि विशेष छूट न दी जाए।

होसूर एयरपोर्ट का रणनीतिक महत्व

यह हवाई अड्डा, यदि स्वीकृत होता है, तो यह

  • बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भीड़ को कम करेगा,
  • और तमिलनाडु के कृष्णगिरी और धर्मपुरी जिले के औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर संपर्क देगा।
    यह क्षेत्र कर्नाटकतमिलनाडु सीमा के करीब होने के कारण अंतरराज्यीय व्यापार और यात्रा के लिए भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
    सिप्कॉट और अन्य औद्योगिक ज़ोन के नजदीक होने के कारण, कार्गो सेवाओं की भी संभावनाएं हैं।

आगे की प्रक्रिया और अंतिम स्वीकृति

हालाँकि AAI की रिपोर्ट सकारात्मक है, लेकिन अभी भी कई स्वीकृतियाँ बाकी हैं:

  • BIAL से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना,
  • रक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की मंजूरी,
  • और अंततः राजनीतिक इच्छाशक्ति और राज्यकेंद्र समन्वय से इस परियोजना की दिशा तय होगी।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)

विषय विवरण
परियोजना नाम होसूर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा
अध्ययन द्वारा किया गया भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI)
रिपोर्ट स्थिति अंतिम रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार को सौंपी गई
चुने गए स्थान TAAL हवाई पट्टी के पास और उलगम के निकट
आवश्यक मंजूरियाँ रक्षा मंत्रालय, BIAL से NOC
कानूनी प्रतिबंध 150 किमी हवाई अड्डा प्रतिबंध (2033 तक)
राज्य प्रस्ताव वर्ष 2024
रणनीतिक स्थान बेंगलुरु-तमिलनाडु सीमा, शूलगिरी-होसूर बेल्ट
नीति प्रतिबंध MoCA-BIAL समझौता
Hosur Airport Feasibility Report Submitted: Final Decision Awaits Tamil Nadu Government
  1. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने 2025 में होसूर हवाई अड्डे की अंतिम व्यवहार्यता रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार को सौंपी।
  2. रिपोर्ट में पाँच स्थानों का मूल्यांकन किया गया और दो तकनीकी रूप से उपयुक्त साइटों को शॉर्टलिस्ट किया गया।
  3. पहली प्रस्तावित साइट TAAL हवाईपट्टी से5 किमी दक्षिण में, होसूर तालुक में स्थित है।
  4. दूसरी साइट லக के पास, होसूर से5 किमी पूर्व में, शूलगिरी के निकट स्थित है।
  5. दोनों स्थल ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के विकास के लिए तकनीकी रूप से उपयुक्त पाए गए हैं।
  6. अंतिम स्थल चयन अब तमिलनाडु राज्य सरकार के निर्णय पर निर्भर है।
  7. चूंकि यह क्षेत्र नियंत्रित हवाई क्षेत्र में आता है, इसलिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी आवश्यक है।
  8. MoCA-BIAL समझौते की 150-किमी शर्त बेंगलुरु हवाई अड्डे के पास नए हवाई अड्डे के विकास को 2033 तक सीमित करती है।
  9. यह शर्त बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 150 किमी हवाई दूरी के भीतर किसी नए हवाई अड्डे को रोकती है।
  10. होसूर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए इस शर्त से छूट (exemption) प्राप्त करना अनिवार्य है।
  11. यह हवाई अड्डा बेंगलुरु हवाई अड्डे का दबाव कम करने और क्षेत्रीय यातायात को संभालने में मदद कर सकता है।
  12. यह कृष्णगिरी और धर्मपुरी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की सेवा करेगा।
  13. कर्नाटकतमिलनाडु सीमा के निकट होने के कारण होसूर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बन जाता है।
  14. सिपकोट औद्योगिक क्षेत्रों की निकटता के कारण यह हवाई अड्डा कार्गो संचालन के लिए भी उपयुक्त है।
  15. अभी भी DGCA से अन्य मंजूरी और BIAL से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लंबित हैं।
  16. इस हवाई अड्डे का प्रस्ताव तमिलनाडु सरकार द्वारा 2024 में प्रारंभ किया गया था।
  17. यह हवाई अड्डा अंतरराज्यीय यात्रा और दक्षिणी औद्योगिक कॉरिडोर को बढ़ावा देगा।
  18. परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए विभागीय समन्वय और राजनीतिक समर्थन अत्यंत आवश्यक है।
  19. यह परियोजना दक्षिण भारत में अवसंरचना विकास की दिशा में एक प्रमुख कदम मानी जा रही है।
  20. यह व्यवहार्यता अध्ययन तमिलनाडु की विमानन विस्तार योजना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

Q1. प्रस्तावित होसुर हवाई अड्डे के लिए अंतिम व्यवहार्यता रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार को किसने सौंपी?


Q2. होसुर हवाई अड्डे के विकास को प्रभावित करने वाली एक प्रमुख नियामकीय बाधा क्या है?


Q3. होसुर हवाई अड्डा परियोजना के लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी क्यों आवश्यक है?


Q4. प्रस्तावित होसुर हवाई अड्डे से आर्थिक रूप से किन जिलों को लाभ होने की उम्मीद है?


Q5. होसुर हवाई अड्डे की व्यवहार्यता अध्ययन में कितनी साइटों को शॉर्टलिस्ट किया गया था?


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