जुलाई 19, 2025 2:24 पूर्वाह्न

हरियाणा के पोल्ट्री फार्मों में फैली रानीखेत बीमारी: बारवाला क्षेत्र में संकट

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Ranikhet Disease Outbreak Strikes Poultry Farms in Haryana

बारवाला पोल्ट्री क्षेत्र में बड़ा संकट

मई 2025 की शुरुआत में, हरियाणा के पंचकूला जिले के बारवाला और रायपुर रानी क्षेत्रों में रानीखेत रोग (Newcastle Disease) का भीषण प्रकोप देखा गया। मात्र एक सप्ताह में 1.5 लाख से अधिक मुर्गियों की मौत हो गई, जिससे देश के पोल्ट्री उद्योग में हड़कंप मच गया है। किसानों ने इसे 2006 की महामारी जैसी आपदा बताया है, जिसमें हजारों पोल्ट्री व्यापार बंद हो गए थे।

रानीखेत रोग क्या है?

रानीखेत रोग, जिसे न्यूकासल रोग के नाम से भी जाना जाता है, एक तेज़ी से फैलने वाला वायरल संक्रमण है जो मुख्यतः मुर्गियां, बत्तख, टर्की और कबूतर जैसी पक्षियों को प्रभावित करता है। गंभीर प्रकोप में मृत्युदर 100% तक पहुंच सकती है।

यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे खांसी, सांस फूलना, अंडा उत्पादन में गिरावट और गर्दन मरोड़ने जैसी तंत्रिका संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं। यह बीमारी संपर्क, दूषित चारापानी, यहां तक कि हवा के जरिये भी फैल सकती है

कड़ाके की ठंड ने प्रकोप को और बढ़ाया

उत्तर भारत में असामान्य रूप से 5°C से नीचे का तापमान इस बारवाला क्षेत्र में प्रकोप को और खराब कर रहा है। पुरानी और कमजोर मुर्गियां, जिन्हें कोविड काल के बाद बदला नहीं गया, अधिक संख्या में मर रही हैं। नई चूजों की अनुपस्थिति ने हालात को और गंभीर बना दिया है।

जांच में जुटा NRDDL

पंचकूला स्थित उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (NRDDL) इन मौतों के पीछे सटीक कारणों की फॉरेंसिक जांच कर रही है। जल्दी वायरस स्ट्रेन की पहचान से इसके प्रसार को रोका जा सकता है और लक्षित टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है।

2006 और 2014 की पुनरावृत्ति?

बारवाला पहले भी 2006 और 2014 में बर्ड फ्लू के प्रकोप का शिकार हो चुका है। कई छोटे और मध्यम पोल्ट्री फार्म कुछ ही दिनों में पूरी तरह तबाह हो गए थे। 115 से अधिक पोल्ट्री फार्मों वाला बारवाला आज भी वायरल रोगों के प्रति संवेदनशील है।

क्या यह इंसानों के लिए भी खतरनाक है?

हालांकि रानीखेत मुख्यतः पक्षियों को प्रभावित करता है, परंतु फार्म वर्कर्स और लैब तकनीशियन जैसे लोग जो संक्रमित पक्षियों से संपर्क में आते हैं, उनमें आंखों में संक्रमण (conjunctivitis) होने की आशंका रहती है। जैव सुरक्षा उपाय जैसे दस्ताने पहनना और उपकरणों की सफाई अनिवार्य है।

भारत के पोल्ट्री उद्योग के लिए बड़ा झटका

भारत जहां वैश्विक पोल्ट्री निर्यातक बनने की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में यह संकट खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण आय और अंतरराष्ट्रीय छवि को चोट पहुँचा सकता है। निगरानी, टीकाकरण, किसानों को जागरूक करना और रिपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत करना इस समय की आवश्यकता है।

स्टैटिक GK स्नैपशॉट: रानीखेत रोग संकट 2025

विषय तथ्य
रोग का नाम रानीखेत रोग (Newcastle Disease)
प्रभावित क्षेत्र (2025) बारवाला और रायपुर रानी, पंचकूला, हरियाणा
मृत्युदर गंभीर मामलों में 100% तक
भारत में पहली रिपोर्ट 1926, तमिलनाडु
जांच एजेंसी NRDDL, पंचकूला
क्या यह मानव को प्रभावित करता है? हाँ – आंखों में संक्रमण (conjunctivitis)
प्रमुख पुराने प्रकोप 2006, 2014 – बारवाला क्षेत्र
भारत की पोल्ट्री रैंक दुनिया में शीर्ष 3 अंडा उत्पादक देशों में शामिल
Ranikhet Disease Outbreak Strikes Poultry Farms in Haryana
  1. मई 2025 में रानीखेत रोग का बड़ा प्रकोप हरियाणा के बरवाला और रायपुर रानी क्षेत्रों में फैला।
  2. पंचकूला जिले में एक सप्ताह में5 लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई।
  3. रानीखेत रोग (Newcastle disease) एक वायरल पक्षी संक्रमण है।
  4. यह हवा, सीधे संपर्क, चारा और पानी के माध्यम से फैलता है।
  5. यह रोग श्वसन और तंत्रिका तंत्र के लक्षण उत्पन्न करता है।
  6. गंभीर मामलों में मृत्यु दर 100% तक पहुँच सकती है।
  7. NRDDL पंचकूला वायरस स्ट्रेन की पहचान के लिए फॉरेंसिक परीक्षण कर रहा है।
  8. 5°C से नीचे के तापमान ने वृद्ध पक्षियों में संक्रमण और बढ़ा दिया।
  9. भारत में रानीखेत रोग की पहली रिपोर्ट 1926 में तमिलनाडु से आई थी।
  10. बरवाला में 115 से अधिक पोल्ट्री फार्म हैं, जो इसे संक्रमण का केंद्र बनाते हैं।
  11. 2006 और 2014 में भी इसी तरह के प्रकोप हो चुके हैं।
  12. किसानों ने इसे पिछली बर्ड फ्लू घटनाओं से जोड़ा है।
  13. संक्रमित पक्षियों के पास काम करने वाले मनुष्यों में कंजक्टिवाइटिस का खतरा होता है।
  14. हैंडलर्स को सुरक्षा उपकरण और कीटाणुशोधन की सलाह दी जाती है।
  15. यह प्रकोप भारत के पोल्ट्री निर्यात लक्ष्यों और ग्रामीण आजीविका को प्रभावित करता है।
  16. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक देश है, जिससे ऐसे प्रकोप अहम हो जाते हैं।
  17. इसने टीकाकरण कवरेज और फार्म स्वच्छता में खामियाँ उजागर की हैं।
  18. वेटरनरी फॉरेंसिक टीमें रोग नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती हैं।
  19. निगरानी और किसान प्रशिक्षण भविष्य के प्रकोपों को रोकने की कुंजी है।
  20. अगर नियंत्रण नहीं हुआ तो यह खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता कीमतों को प्रभावित कर सकता है।

Q1. रानीखेत रोग का अन्य नाम क्या है?


Q2. मई 2025 में हरियाणा के किस क्षेत्र में रानीखेत रोग का प्रमुख प्रकोप दर्ज किया गया?


Q3. इस प्रकोप की पशु चिकित्सा जांच किस एजेंसी द्वारा की जा रही है?


Q4. रानीखेत रोग के गंभीर प्रकोपों में अनुमानित मृत्यु दर कितनी हो सकती है?


Q5. बरवाला में किन वर्षों में पहले भी जानलेवा पोल्ट्री प्रकोप देखे गए थे?


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