बारवाला पोल्ट्री क्षेत्र में बड़ा संकट
मई 2025 की शुरुआत में, हरियाणा के पंचकूला जिले के बारवाला और रायपुर रानी क्षेत्रों में रानीखेत रोग (Newcastle Disease) का भीषण प्रकोप देखा गया। मात्र एक सप्ताह में 1.5 लाख से अधिक मुर्गियों की मौत हो गई, जिससे देश के पोल्ट्री उद्योग में हड़कंप मच गया है। किसानों ने इसे 2006 की महामारी जैसी आपदा बताया है, जिसमें हजारों पोल्ट्री व्यापार बंद हो गए थे।
रानीखेत रोग क्या है?
रानीखेत रोग, जिसे न्यूकासल रोग के नाम से भी जाना जाता है, एक तेज़ी से फैलने वाला वायरल संक्रमण है जो मुख्यतः मुर्गियां, बत्तख, टर्की और कबूतर जैसी पक्षियों को प्रभावित करता है। गंभीर प्रकोप में मृत्युदर 100% तक पहुंच सकती है।
यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे खांसी, सांस फूलना, अंडा उत्पादन में गिरावट और गर्दन मरोड़ने जैसी तंत्रिका संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं। यह बीमारी संपर्क, दूषित चारा–पानी, यहां तक कि हवा के जरिये भी फैल सकती है।
कड़ाके की ठंड ने प्रकोप को और बढ़ाया
उत्तर भारत में असामान्य रूप से 5°C से नीचे का तापमान इस बारवाला क्षेत्र में प्रकोप को और खराब कर रहा है। पुरानी और कमजोर मुर्गियां, जिन्हें कोविड काल के बाद बदला नहीं गया, अधिक संख्या में मर रही हैं। नई चूजों की अनुपस्थिति ने हालात को और गंभीर बना दिया है।
जांच में जुटा NRDDL
पंचकूला स्थित उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (NRDDL) इन मौतों के पीछे सटीक कारणों की फॉरेंसिक जांच कर रही है। जल्दी वायरस स्ट्रेन की पहचान से इसके प्रसार को रोका जा सकता है और लक्षित टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है।
2006 और 2014 की पुनरावृत्ति?
बारवाला पहले भी 2006 और 2014 में बर्ड फ्लू के प्रकोप का शिकार हो चुका है। कई छोटे और मध्यम पोल्ट्री फार्म कुछ ही दिनों में पूरी तरह तबाह हो गए थे। 115 से अधिक पोल्ट्री फार्मों वाला बारवाला आज भी वायरल रोगों के प्रति संवेदनशील है।
क्या यह इंसानों के लिए भी खतरनाक है?
हालांकि रानीखेत मुख्यतः पक्षियों को प्रभावित करता है, परंतु फार्म वर्कर्स और लैब तकनीशियन जैसे लोग जो संक्रमित पक्षियों से संपर्क में आते हैं, उनमें आंखों में संक्रमण (conjunctivitis) होने की आशंका रहती है। जैव सुरक्षा उपाय जैसे दस्ताने पहनना और उपकरणों की सफाई अनिवार्य है।
भारत के पोल्ट्री उद्योग के लिए बड़ा झटका
भारत जहां वैश्विक पोल्ट्री निर्यातक बनने की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में यह संकट खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण आय और अंतरराष्ट्रीय छवि को चोट पहुँचा सकता है। निगरानी, टीकाकरण, किसानों को जागरूक करना और रिपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत करना इस समय की आवश्यकता है।
स्टैटिक GK स्नैपशॉट: रानीखेत रोग संकट 2025
विषय | तथ्य |
रोग का नाम | रानीखेत रोग (Newcastle Disease) |
प्रभावित क्षेत्र (2025) | बारवाला और रायपुर रानी, पंचकूला, हरियाणा |
मृत्युदर | गंभीर मामलों में 100% तक |
भारत में पहली रिपोर्ट | 1926, तमिलनाडु |
जांच एजेंसी | NRDDL, पंचकूला |
क्या यह मानव को प्रभावित करता है? | हाँ – आंखों में संक्रमण (conjunctivitis) |
प्रमुख पुराने प्रकोप | 2006, 2014 – बारवाला क्षेत्र |
भारत की पोल्ट्री रैंक | दुनिया में शीर्ष 3 अंडा उत्पादक देशों में शामिल |