महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर एक साहसी कदम
भारत के उद्यमिता परिदृश्य को 2025 में नई ऊर्जा मिली जब स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा नीति आयोग के सहयोग से शुरू की गई यह योजना उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में अध्ययनरत छात्राओं पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य महिलाओं को स्टार्टअप संस्कृति और नेतृत्व की दिशा में प्रोत्साहित करना है ताकि पारंपरिक लिंग भूमिका बाधाओं को तोड़ा जा सके।
युवा छात्राओं को भविष्य की महिला उद्यमी बनाना
स्वावलंबिनी केवल व्यापार सिखाने का कार्यक्रम नहीं है—it’s about “mindset transformation.” इसमें छात्राओं को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, मेंटरिंग, बिजनेस प्लानिंग और फाइनेंस मैनेजमेंट जैसे कौशल दिए जाते हैं। विशेष रूप से पहली पीढ़ी की महिला उद्यमियों के लिए यह शिक्षा और व्यावसायिक दुनिया के बीच सेतु का काम करती है।
दो-स्तरीय शिक्षा संरचना से अधिकतम प्रभाव
इस कार्यक्रम की खासियत है इसकी दो–स्तरीय सीखने की प्रक्रिया। पहला चरण है Entrepreneurship Awareness Programme (EAP), जो छात्राओं को उद्यमिता की मूल बातें सिखाता है। दूसरा चरण है Entrepreneurship Development Programme (EDP), जिसमें रणनीति, जोखिम प्रबंधन और फंडिंग जैसे गंभीर विषयों पर गहराई से मार्गदर्शन दिया जाता है।
कक्षा से आगे की मेंटरशिप
स्वावलंबिनी को अन्य कार्यक्रमों से अलग बनाता है इसका छह महीने का मेंटरशिप मॉडल। प्रत्येक प्रतिभागी को एक अनुभवी मेंटर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिलता है। साथ ही, Faculty Development Programme (FDP) के माध्यम से कॉलेज के शिक्षक भी प्रशिक्षित किए जाते हैं ताकि वे लंबे समय तक छात्राओं की सहायता कर सकें।
राष्ट्रव्यापी विस्तार और रोल मॉडल पहचान
पूर्व भारत में शुरू हुए इस कार्यक्रम का विस्तार अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों तक हो चुका है। योजना है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाए। एक अनोखी पहल है “Award to Rewards Initiative”, जिसके तहत सफल महिला उद्यमियों को सम्मानित किया जाता है, जिससे अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलती है।
आत्मनिर्भर भारत के लिए महिला नेतृत्व
स्वावलंबिनी का अंतिम लक्ष्य है कि प्रशिक्षित महिलाओं में से कम से कम 10% खुद का व्यवसाय शुरू करें। यह पहल भारत के समावेशी और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के विजन को मजबूती देती है। जैसे-जैसे नीति समर्थन और संस्थागत सहायता बढ़ती है, यह कार्यक्रम महिला नेतृत्व और MSME सेक्टर में क्रांति ला सकता है।
STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
विषय | विवरण |
योजना का नाम | स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम |
शुरुआत वर्ष | 2025 |
कार्यान्वयन निकाय | कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, नीति आयोग |
लक्षित समूह | उच्च शिक्षा संस्थानों की महिला छात्राएँ |
प्रमुख घटक | EAP, EDP, FDP, मेंटरशिप |
प्रारंभिक क्षेत्र | पूर्वी भारत |
प्रमुख संस्थान | काशी हिंदू विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय |
मेंटरशिप अवधि | 6 महीने |
पहचान पहल | Award to Rewards Initiative |
राष्ट्रीय दृष्टिकोण | महिला-नेतृत्व वाला आत्मनिर्भर भारत |