सशस्त्र बलों में ऐतिहासिक क्षण
स्क्वाड्रन लीडर मनिषा पाधी ने इतिहास रचते हुए भारत की पहली महिला एडीसी (Aide-De-Camp) बनने का गौरव प्राप्त किया है। उन्हें मिज़ोरम के राज्यपाल हरि बाबू कांबंपति के लिए एडीसी नियुक्त किया गया। यह केवल एक प्रोटोकॉल भूमिका नहीं है, बल्कि भारत के रक्षा और प्रशासनिक ढांचे में महिला भागीदारी का प्रतीकात्मक विस्तार है।
उनकी औपचारिक नियुक्ति 29 नवंबर 2024 को राजभवन, आइज़ोल में भव्य समारोह के तहत हुई। इस ऐतिहासिक निर्णय ने देशभर में महिला समानता और सैन्य सेवाओं में बदलाव के संदर्भ में व्यापक सराहना प्राप्त की है।
मनिषा पाधी की प्रेरणादायक यात्रा
2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी, मनिषा पाधी ने बिदर, पुणे और भटिंडा जैसे प्रमुख एयरफोर्स स्टेशनों पर सेवा दी है। अनुशासन और समर्पण के बल पर उन्होंने यह सम्मानजनक स्थान अर्जित किया है। ओडिशा से आकर उन्होंने वायुसेना की कठोर व्यवस्था में खुद को स्थापित किया और यह दिखाया कि महिला नेतृत्व अब रक्षा सेवाओं में भी अग्रणी बन सकता है।
एडीसी का मतलब क्या होता है?
Aide-De-Camp (ADC) एक वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति का व्यक्तिगत सहायक होता है। भारत में यह भूमिका समारोहिक और प्रशासनिक दोनों प्रकार की होती है। यह पद उन अधिकारियों को मिलता है जो सेवा में उत्कृष्टता और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध होते हैं।
- भारत के राष्ट्रपति के पास 5 एडीसी होते हैं – सेना से तीन, नौसेना से एक, वायुसेना से एक, और टेरिटोरियल आर्मी से एक मानद एडीसी।
- प्रत्येक सैन्य प्रमुख (सेवा प्रमुख) के पास तीन एडीसी होते हैं।
- राज्यपालों के पास आमतौर पर एक एडीसी सशस्त्र बलों से और एक पुलिस से (IPS या राज्य कैडर) होता है।
- जम्मू-कश्मीर में दोनों एडीसी सामान्यतः सेना से होते हैं।
अब तक ये सभी पद केवल पुरुष अधिकारियों को ही दिए जाते रहे हैं। लेकिन स्क्वाड्रन लीडर पाधी ने यह परंपरा तोड़ी है।
परंपराएं तोड़ना और नई मिसालें कायम करना
यह नियुक्ति केवल पहली महिला बनने की बात नहीं है, बल्कि बाधाओं को तोड़ने और नए रास्ते खोलने की मिसाल है। कभी पुरुष-प्रधान माने जाने वाले सशस्त्र बल अब धीरे–धीरे बदलाव अपना रहे हैं।
मनिषा पाधी जैसी अधिकारी की मौजूदगी से न केवल महिलाओं की दृश्यता बढ़ी है, बल्कि यह कई युवतियों को सैन्य सेवा में प्रवेश करने की प्रेरणा भी देती है। यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर महिला अधिकारी की सामूहिक जीत है।
आइज़ोल में हुआ ऐतिहासिक समारोह
यह महत्वपूर्ण नियुक्ति मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल में आयोजित एक औपचारिक समारोह के दौरान हुई। राज्यपाल हरि बाबू कांबंपति ने स्क्वाड्रन लीडर पाधी का राजभवन में स्वागत किया। यह पल व्यक्तिगत नहीं बल्कि भारत की सैन्य परंपराओं में बदलाव का प्रतीक बन गया।
Static Usthadian Current Affairs Table
सारांश | विवरण |
नियुक्ति | भारत में राज्यपाल के लिए पहली महिला एडीसी |
अधिकारी | स्क्वाड्रन लीडर मनिषा पाधी |
सेवा शाखा | भारतीय वायुसेना (IAF), बैच 2015 |
राज्यपाल के अधीन | हरि बाबू कांबंपति, मिज़ोरम |
समारोह स्थान | राजभवन, आइज़ोल |
पूर्व तैनाती | बिदर, पुणे, भटिंडा |
एडीसी की भूमिका | गणमान्य व्यक्तियों की समारोहिक एवं प्रशासनिक सहायता |
ऐतिहासिक महत्व | एडीसी बनने वाली सशस्त्र बलों की पहली महिला अधिकारी |