सह-अस्तित्व की मिसाल: बीआरटी में सोलिगा और बाघों का रिश्ता
कर्नाटक के बिलिगिरीरंगना हिल्स (BRT) टाइगर रिज़र्व में निवास करने वाली सोलिगा जनजाति ने समुदाय आधारित वन्यजीव संरक्षण का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। पारंपरिक वनों के ज्ञान से जुड़े इस समुदाय ने स्थानीय बाघों की संख्या को मात्र 8–10 से बढ़ाकर लगभग 50 तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। 23 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में उनके प्रयासों की सराहना की, और बताया कि इस जनजाति का बाघों के साथ शांतिपूर्ण सह–अस्तित्व और मानव–वन्यजीव संघर्ष की न्यूनतम दर प्रेरणादायक है।
वन अधिकारों को मिला कानूनी मान्यता
2011 में एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत, सोलिगा भारत की पहली जनजाति बनी, जिसे टाइगर रिज़र्व के भीतर वन भूमि अधिकार प्रदान किए गए। वन अधिकार अधिनियम के तहत, उन्हें उनके पूर्वजों की भूमि तक पहुंच की अनुमति मिली, जिसे पहले प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके बाद, सोलिगा समुदाय ने गैर–काष्ठ वन उत्पाद (NTFP) एकत्र करना, टिकाऊ वन प्रबंधन अपनाना, और बाघों के आवास की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू किया—जिसमें शिकार और अवैध लकड़ी कटाई की निगरानी भी शामिल है।
पारंपरिक ज्ञान के माध्यम से संरक्षण की नई परिभाषा
जहां परंपरागत संरक्षण मॉडल आदिवासियों को जंगलों से बाहर करने की ओर झुकते हैं, वहीं सोलिगा अनुभव यह सिद्ध करता है कि आदिवासी भागीदारी से पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा बेहतर होती है। वन में उनका दैनिक जीवन ही एक प्राकृतिक निगरानी प्रणाली बन जाता है, जिससे अवैध गतिविधियाँ रोकी जाती हैं और पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है। यह समुदाय अपने रीति–रिवाजों को बनाए रखते हुए संरक्षण में योगदान देता है, जिससे साबित होता है कि आदिवासी संरक्षण मॉडल सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और पारिस्थितिक रूप से प्रभावशाली हो सकते हैं।
भारत भर में संरक्षण रणनीतियों के लिए एक उदाहरण
BRT टाइगर रिज़र्व में आया यह बदलाव भारत में समावेशी संरक्षण नीति का खाका तैयार करता है। अब पर्यावरणविद् सुझाव दे रहे हैं कि आदिवासी ज्ञान और वैज्ञानिक उपकरणों को मिलाकर वन्यजीव संरक्षण और वनों के पुनरुद्धार को मजबूत किया जाए। सोलिगा मॉडल यह सिद्ध करता है कि जनजातीय अधिकारों की मान्यता से प्रभावी संरक्षण, स्थानीय सशक्तिकरण और एक स्थायी भविष्य संभव है—जहाँ मानव और वन्यजीव दोनों साथ-साथ पनपते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
जनजाति का नाम | सोलिगा जनजाति |
राज्य | कर्नाटक |
टाइगर रिज़र्व का नाम | बिलिगिरीरंगना हिल्स (BRT), चामराजनगर ज़िला |
वन अधिकार प्राप्त करने का वर्ष | 2011 |
अनुमानित जनजातीय जनसंख्या | 40,000 |
बाघों की संख्या (2025) | 8–10 से बढ़कर लगभग 50 |
राष्ट्रीय मान्यता की तिथि | 23 फरवरी 2025 (‘मन की बात’ के माध्यम से) |
ऐतिहासिक महत्व | टाइगर रिज़र्व के भीतर वन अधिकार प्राप्त करने वाली पहली जनजाति |