जुलाई 18, 2025 3:26 पूर्वाह्न

सैटस्योर और ध्रुव स्पेस का समझौता: भारत में पृथ्वी अवलोकन क्षेत्र को नया बल

करेंट अफेयर्स: सैटश्योर, ध्रुव स्पेस, अर्थ ऑब्जर्वेशन, कैलीडईओ पेलोड, भारत में उपग्रह निर्माण, जून 2025 का समझौता ज्ञापन, अंतरिक्ष-आधारित विश्लेषण, आत्मनिर्भर भारत, भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र, हैदराबाद उपग्रह सुविधा

SatSure and Dhruva Space Join Forces for Earth Observation

निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी

सैटस्योर (बेंगलुरु स्थित EO एनालिटिक्स कंपनी) और ध्रुव स्पेस (हैदराबाद स्थित सैटेलाइट समाधान प्रदाता) के बीच जून 2025 में एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह साझेदारी भारत में पूरी तरह स्वदेशी पृथ्वी अवलोकन सेवाओं को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। यह सहयोग डेटा विशेषज्ञता और उपग्रह निर्माण को जोड़ता है, जिससे रणनीतिक और वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं को सेवा दी जा सके।

उद्देश्य और दूरदृष्टि

इस गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य है भारत में एंडटूएंड EO इकोसिस्टम बनाना, जिसमें शामिल हैं:
• पेलोड डिज़ाइन और विकास
• उपग्रह प्लेटफॉर्म का परिनियोजन
• डेटा प्रोसेसिंग और निर्णयात्मक इनसाइट्स
यह कृषि, रक्षा, शहरी नियोजन और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी होगा, साथ ही विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता घटाएगा
Static GK तथ्य: भारत की अंतरिक्ष नीति 2023 ने पहली बार निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को औपचारिक रूप से खोला।

तकनीकी समन्वय

इस साझेदारी को सैटस्योर की सहायक कंपनी KaleidEO द्वारा बल मिला है, जो उच्चरिज़ॉल्यूशन EO पेलोड्स पर केंद्रित है। इसके पास ऑप्टिकल और मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजिंग क्षमताओं वाले दो पेलोड सक्रिय हैं।
ध्रुव स्पेस उपग्रह निर्माण से लेकर लॉन्च और ग्राउंड स्टेशन सेवाओं तक फुल स्टैक समाधान प्रदान करता है। यह हैदराबाद में भारत की पहली निजी उपग्रह निर्माण सुविधा (2.8 लाख वर्ग फीट) भी स्थापित कर रहा है, जो 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों के लिए केंद्रित होगी।

अंतरिक्ष आधारित सेवाओं को मजबूती

यह सहयोग एक वनस्टॉप ईओ समाधान बनाता है – हार्डवेयर से लेकर डेटा इनसाइट्स तक सब कुछ एक ही मंच पर। इससे मिशन की समयसीमा घटती है, लागत भी कम होती है, और तेज फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है।
Static GK तथ्य: भारत 2013 में मंगल तक पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना था, जिससे इसकी अंतरिक्ष क्षमताएं सिद्ध हुईं।

राष्ट्रीय प्राथमिकता और वैश्विक दृष्टिकोण

यह भागीदारी आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी है और भारत की स्वतंत्र अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाती है। यह निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की परिपक्वता को दर्शाती है और IN-SPACe और भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के अनुरूप है।
यह सहयोग न केवल घरेलू आवश्यकता पूरी करेगा बल्कि वैश्विक EO डेटा और निर्णय प्लेटफॉर्म की मांग को भी संबोधित करेगा।
Static GK टिप: भारत का अंतरिक्ष विभाग प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आता है, जो इसके रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।

Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)

विषय विवरण
MoU हस्ताक्षर जून 2025
सैटस्योर मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक
ध्रुव स्पेस मुख्यालय हैदराबाद, तेलंगाना
KaleidEO सैटस्योर की EO पेलोड सहायक इकाई
पेलोड प्रकार ऑप्टिकल और मल्टीस्पेक्ट्रल
सैटेलाइट क्षमता 500 किलोग्राम तक (ध्रुव स्पेस सुविधा)
निर्माण सुविधा भारत की पहली निजी उपग्रह निर्माण इकाई (हैदराबाद)
नीति संबंध आत्मनिर्भर भारत और अंतरिक्ष नीति 2023
लक्ष्य क्षेत्र कृषि, रक्षा, शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन
निजी क्षेत्र सहयोग IN-SPACe और स्पेस टेक निजीकरण का समर्थन
SatSure and Dhruva Space Join Forces for Earth Observation
  1. सैटश्योर और ध्रुव स्पेस ने जून 2025 में एकीकृत पृथ्वी अवलोकन (ईओ) सेवाएँ प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  2. यह साझेदारी भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए डेटा एनालिटिक्स और उपग्रह निर्माण को जोड़ती है।
  3. इसका लक्ष्य पेलोड डिज़ाइन से लेकर डेटा डिलीवरी तक 100% स्वदेशी ईओ इकोसिस्टम का निर्माण करना है।
  4. यह कृषि, रक्षा, शहरी विकास और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों का समर्थन करता है।
  5. यह साझेदारी विदेशी ईओ सिस्टम पर भारत की निर्भरता को कम करती है।
  6. सैटश्योर की सहायक कंपनी कैलीडईओ, उच्च-रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल और मल्टीस्पेक्ट्रल ईओ पेलोड प्रदान करती है।
  7. ध्रुव स्पेस लॉन्च और ग्राउंड सेवाओं सहित एंड-टू-एंड सैटेलाइट समाधान प्रदान करता है।
  8. ध्रुव हैदराबाद में भारत की पहली निजी सैटेलाइट फैक्ट्री (2.8 लाख वर्ग फीट) का निर्माण कर रहा है।
  9. यह सुविधा 500 किलोग्राम वर्ग तक के सैटेलाइट बना सकती है।
  10. यह सहयोग आत्मनिर्भर भारत और भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के अनुरूप है।
  11. IN-SPACe भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऐसी साझेदारी का समर्थन करता है।
  12. दोनों कंपनियाँ अब वन-स्टॉप ईओ समाधान प्रदान करती हैं, जिससे लागत और समयसीमा में कटौती होती है।
  13. सैटश्योर बेंगलुरु में और ध्रुव स्पेस हैदराबाद में स्थित है।
  14. सहयोग का उद्देश्य भारत की संप्रभु अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत करना है।
  15. यह ईओ अंतर्दृष्टि के लिए बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को भी लक्षित करता है।
  16. साझेदारी भारत की नई अंतरिक्ष नीति के तहत पीपीपी मॉडल का समर्थन करती है।
  17. कैलीडईओ पहले से ही कक्षा में दो ईओ पेलोड संचालित करता है।
  18. इस पहल का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भारतीय अंतरिक्ष-आधारित विश्लेषण का व्यावसायीकरण करना है।
  19. समझौता ज्ञापन अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोगों में भारत की रणनीतिक बढ़त को बढ़ाता है।
  20. पीएमओ के तहत अंतरिक्ष विभाग ऐसे मिशनों को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Q1. जून 2025 में साइन की गई SatSure-Dhruva Space साझेदारी का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. इस साझेदारी के लिए पृथ्वी अवलोकन पेलोड कौन सी SatSure की सहायक कंपनी प्रदान करती है?


Q3. ध्रुव स्पेस द्वारा भारत की पहली निजी उपग्रह निर्माण सुविधा कहां बनाई जा रही है?


Q4. यह सहयोग किस सरकारी पहल के साथ आत्मनिर्भर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए मेल खाता है?


Q5. KaleidEO द्वारा वर्तमान में प्रदान किए जाने वाले ऑपरेशनल पेलोड्स किस प्रकार की इमेजिंग क्षमताएं रखते हैं?


Your Score: 0

Daily Current Affairs July 3

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

दिन की खबरें

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.