निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी
सैटस्योर (बेंगलुरु स्थित EO एनालिटिक्स कंपनी) और ध्रुव स्पेस (हैदराबाद स्थित सैटेलाइट समाधान प्रदाता) के बीच जून 2025 में एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह साझेदारी भारत में पूरी तरह स्वदेशी पृथ्वी अवलोकन सेवाओं को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। यह सहयोग डेटा विशेषज्ञता और उपग्रह निर्माण को जोड़ता है, जिससे रणनीतिक और वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं को सेवा दी जा सके।
उद्देश्य और दूरदृष्टि
इस गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य है भारत में एंड–टू–एंड EO इकोसिस्टम बनाना, जिसमें शामिल हैं:
• पेलोड डिज़ाइन और विकास
• उपग्रह प्लेटफॉर्म का परिनियोजन
• डेटा प्रोसेसिंग और निर्णयात्मक इनसाइट्स
यह कृषि, रक्षा, शहरी नियोजन और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी होगा, साथ ही विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता घटाएगा।
Static GK तथ्य: भारत की अंतरिक्ष नीति 2023 ने पहली बार निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को औपचारिक रूप से खोला।
तकनीकी समन्वय
इस साझेदारी को सैटस्योर की सहायक कंपनी KaleidEO द्वारा बल मिला है, जो उच्च–रिज़ॉल्यूशन EO पेलोड्स पर केंद्रित है। इसके पास ऑप्टिकल और मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजिंग क्षमताओं वाले दो पेलोड सक्रिय हैं।
ध्रुव स्पेस उपग्रह निर्माण से लेकर लॉन्च और ग्राउंड स्टेशन सेवाओं तक फुल स्टैक समाधान प्रदान करता है। यह हैदराबाद में भारत की पहली निजी उपग्रह निर्माण सुविधा (2.8 लाख वर्ग फीट) भी स्थापित कर रहा है, जो 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों के लिए केंद्रित होगी।
अंतरिक्ष आधारित सेवाओं को मजबूती
यह सहयोग एक “वन–स्टॉप ईओ समाधान“ बनाता है – हार्डवेयर से लेकर डेटा इनसाइट्स तक सब कुछ एक ही मंच पर। इससे मिशन की समयसीमा घटती है, लागत भी कम होती है, और तेज फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है।
Static GK तथ्य: भारत 2013 में मंगल तक पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना था, जिससे इसकी अंतरिक्ष क्षमताएं सिद्ध हुईं।
राष्ट्रीय प्राथमिकता और वैश्विक दृष्टिकोण
यह भागीदारी आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी है और भारत की स्वतंत्र अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाती है। यह निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की परिपक्वता को दर्शाती है और IN-SPACe और भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के अनुरूप है।
यह सहयोग न केवल घरेलू आवश्यकता पूरी करेगा बल्कि वैश्विक EO डेटा और निर्णय प्लेटफॉर्म की मांग को भी संबोधित करेगा।
Static GK टिप: भारत का अंतरिक्ष विभाग प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आता है, जो इसके रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
MoU हस्ताक्षर | जून 2025 |
सैटस्योर मुख्यालय | बेंगलुरु, कर्नाटक |
ध्रुव स्पेस मुख्यालय | हैदराबाद, तेलंगाना |
KaleidEO | सैटस्योर की EO पेलोड सहायक इकाई |
पेलोड प्रकार | ऑप्टिकल और मल्टीस्पेक्ट्रल |
सैटेलाइट क्षमता | 500 किलोग्राम तक (ध्रुव स्पेस सुविधा) |
निर्माण सुविधा | भारत की पहली निजी उपग्रह निर्माण इकाई (हैदराबाद) |
नीति संबंध | आत्मनिर्भर भारत और अंतरिक्ष नीति 2023 |
लक्ष्य क्षेत्र | कृषि, रक्षा, शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन |
निजी क्षेत्र सहयोग | IN-SPACe और स्पेस टेक निजीकरण का समर्थन |