जुलाई 20, 2025 1:02 अपराह्न

सी ड्रैगन 2025: पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास के ज़रिए भारत ने बढ़ाया समुद्री सुरक्षा सहयोग

करेंट अफेयर्स: सी ड्रैगन 2025: भारत ने पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास में समुद्री सुरक्षा संबंधों को मजबूत किया, सी ड्रैगन 2025, भारत पनडुब्बी रोधी युद्ध, भारतीय नौसेना पी-8आई, क्वाड नौसेना अभ्यास, अमेरिकी नौसेना 7वां बेड़ा गुआम, ड्रैगन बेल्ट अवार्ड जेएमएसडीएफ, इंडो-पैसिफिक समुद्री सुरक्षा

Sea Dragon 2025: India Deepens Maritime Security Ties in Anti-Submarine Warfare Drill

भारत ने गुआम में सी ड्रैगन 2025 नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया

सी ड्रैगन 2025 नौसैनिक अभ्यास, गुआम के तट पर 4 मार्च से 19 मार्च 2025 तक आयोजित हो रहा है। यह अभ्यास अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े द्वारा आयोजित किया गया है और पनडुब्बी रोधी युद्ध (Anti-Submarine Warfare – ASW) पर केंद्रित है। इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया भाग ले रहे हैं। भारत ने इस अभ्यास में अपने बोइंग निर्मित P-8I समुद्री निगरानी विमान को तैनात किया है, जो क्षेत्रीय समुद्री सहयोग और ASW क्षमताओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

द्विपक्षीय से बहुपक्षीय तक: सी ड्रैगन का रणनीतिक विकास

सी ड्रैगन अभ्यास की शुरुआत 2019 में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी। 2021 तक भारत भी इसमें शामिल हो गया, साथ ही कनाडा और दक्षिण कोरिया ने भी भाग लिया। 2025 संस्करण में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका शामिल हैं, जिससे क्वाड और इंडोपैसिफिक सहयोगी देशों के बीच रणनीतिक एकता मजबूत होती है। कनाडाई वायु सेना, जो पहले भागीदार थी, इस वर्ष अनुपस्थित है, जिससे यह क्वाड + दक्षिण कोरिया प्रारूप बन गया है।

अभ्यास का केंद्र: पनडुब्बी रोधी युद्ध रणनीतियाँ

सी ड्रैगन 2025 पूरी तरह से पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास को समर्पित है, क्योंकि क्षेत्रीय समुद्री खतरे बढ़ रहे हैं। सभी देश अपने समुद्री गश्ती और टोही विमान (MPRA) तैनात करते हैं ताकि पनडुब्बियों का पता लगाने, सामरिक अभ्यास और रियलटाइम खुफिया साझेदारी की जा सके। भारत का P-8I विमान गहन प्रशिक्षण अभ्यासों में भाग ले रहा है और अन्य देशों के रणनीतिक विशेषज्ञों के साथ रणनीतियों का आदान-प्रदान कर रहा है। एक खास पहलू यह है कि सभी देशों को एक सक्रिय अमेरिकी पनडुब्बी का सटीकता से पता लगाना होता है, और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम को ड्रैगन बेल्ट अवार्ड प्रदान किया जाता है, जिसे 2022 से जापान की समुद्री आत्मरक्षा सेना (JMSDF) लगातार जीत रही है।

भारत और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा के लिए रणनीतिक महत्व

भारत के लिए सी ड्रैगन 2025 अभ्यास एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वह इंडोपैसिफिक साझेदारों के साथ नौसेना सहयोग को मजबूत कर सकता है और ASW तकनीकों को परिष्कृत कर सकता है। यह भारत को भविष्य की संयुक्त नौसेना अभियानों के लिए तैयार करता है, खासकर दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर क्षेत्रों में। अभ्यास नेविगेशन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय स्थिरता, और सहयोगी नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता को भी बढ़ावा देता है—जो बढ़ती समुद्री चुनौतियों के दौर में अत्यंत आवश्यक है।

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विशेषता विवरण
अभ्यास का नाम सी ड्रैगन 2025 नौसैनिक अभ्यास
मेज़बान अमेरिका नौसेना, 7वां बेड़ा (गुआम)
तिथियाँ 4 मार्च – 19 मार्च, 2025
भारत की भागीदारी भारतीय नौसेना (P-8I समुद्री गश्ती विमान)
मुख्य फोकस पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW)
प्रमुख भागीदार अमेरिका, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया
पुरस्कार ड्रैगन बेल्ट अवार्ड (श्रेष्ठ ASW प्रदर्शन के लिए)
पिछले विजेता जापान समुद्री आत्म-रक्षा बल (JMSDF)
रणनीतिक उद्देश्य समुद्री समन्वय, पनडुब्बी खोज, इंडो-पैसिफिक सुरक्षा
Sea Dragon 2025: India Deepens Maritime Security Ties in Anti-Submarine Warfare Drill
  1. सी ड्रैगन 2025 एक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है जिसे अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े द्वारा गुआम में आयोजित किया गया।
  2. यह अभ्यास 4 से 19 मार्च 2025 तक आयोजित हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) रहा।
  3. भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका इस अभ्यास के प्रमुख सहभागी रहे।
  4. भारत ने बोइंग निर्मित P-8I समुद्री गश्ती विमान को अभ्यास में शामिल किया।
  5. यह अभ्यास ASW कौशल, वास्तविक समय खुफिया साझेदारी और सामरिक अभ्यास को मजबूत करता है।
  6. सी ड्रैगन की शुरुआत 2019 में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी।
  7. 2021 में भारत के शामिल होने के साथ यह इंडोपैसिफिक सुरक्षा पहल बन गया।
  8. पहले की प्रतिभागी कनाडा 2025 संस्करण में अनुपस्थित है, जिससे यह क्वाड + दक्षिण कोरिया अभ्यास बना।
  9. अभ्यास में एक जीवित अमेरिकी पनडुब्बी का उपयोग निगरानी और पहचान अभ्यासों के लिए किया गया।
  10. ड्रैगन बेल्ट पुरस्कार, अभ्यास में श्रेष्ठ ASW प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है।
  11. 2022 से जापान की समुद्री आत्मरक्षा बल (JMSDF) लगातार यह पुरस्कार जीत रही है।
  12. यह अभ्यास समुद्री गश्ती और टोही विमानों (MPRA) की क्षमताओं की भी परीक्षा लेता है।
  13. यह इंडोपैसिफिक क्षेत्र में मित्र नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालन क्षमताओं को बढ़ाता है।
  14. भारत की भागीदारी क्षेत्रीय समुद्री सहयोग के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  15. यह अभ्यास नेविगेशन की स्वतंत्रता और बढ़ते पनडुब्बी खतरों के खिलाफ समर्थन प्रदान करता है।
  16. सी ड्रैगन, भविष्य की नौसैनिक साझेदारियों के लिए साझा संचालन तत्परता को मज़बूत करता है।
  17. दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर क्षेत्र, भारत के रणनीतिक हितों के केंद्र में हैं।
  18. यह अभ्यास क्वाड देशों की समुद्री चुनौतियों के प्रति समन्वित रणनीति को दर्शाता है।
  19. अभ्यास के माध्यम से साझा रणनीति और खुफिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए विश्वास और तालमेल विकसित होता है।
  20. सी ड्रैगन 2025, भारत की ASW विशेषज्ञता और इंडोपैसिफिक रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करता है।

 

Q1. Sea Dragon 2025 अभ्यास कहाँ आयोजित किया जा रहा है?


Q2. Sea Dragon 2025 अभ्यास के लिए भारत ने कौन-सा विमान तैनात किया है?


Q3. 2022 से लगातार ड्रैगन बेल्ट अवॉर्ड किस देश ने जीता है?


Q4. Sea Dragon 2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q5. निम्नलिखित में से कौन-सा देश Sea Dragon 2025 में भाग नहीं ले रहा है?


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