अगस्त 3, 2025 4:01 अपराह्न

सिलीगुड़ी कॉरिडोर और भारत का सामरिक संपर्क

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Siliguri Corridor and India’s Strategic Connectivity

पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने वाली जीवनरेखा

सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे आमतौर पर चिकन नेक कहा जाता है, केवल एक संकीर्ण भूमि मार्ग नहीं है—यह भारत के मुख्य भाग और उसके पूर्वोत्तर राज्यों के बीच का रणनीतिक पुल है। मात्र 20 से 22 किलोमीटर चौड़ा यह गलियारा नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से घिरा हुआ है और पूरे भारत की एकता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। चीन की बढ़ती गतिविधियों के चलते इसकी रणनीतिक अहमियत और बढ़ गई है

व्यापार और परिवहन का केंद्र

पूर्वोत्तर भारत के 40 मिलियन से अधिक लोग इस गलियारे पर निर्भर हैं। 262,230 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस क्षेत्र का लगभग 95% निर्यात इसी कॉरिडोर के जरिए होता है। यहां किसी भी प्रकार की रुकावट भारत की आर्थिक और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बन सकती है।

चीन की सीमा से खतरनाक नजदीकी

चुम्बी घाटी में स्थित चीन की मौजूदगी इस गलियारे को और अधिक संवेदनशील बनाती है। डोकलाम संकट 2017 ने इस खतरे की गंभीरता को उजागर किया था। यदि सैन्य तनाव बढ़ता है, तो यह गलियारा सुरक्षा मोर्चे पर पहली पंक्ति में होगा।

पड़ोसी देशों में चीन की बढ़ती पकड़

म्यांमार और बांग्लादेश में चीन की बढ़ती परियोजनाएं भारत को रणनीतिक रूप से घेरने जैसा प्रतीत होती हैं। हर नया रेल मार्ग, बंदरगाह या राजमार्ग क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

लालमोनिरहाट एयरबेस पर चिंताएं

135 किमी दूर स्थित लालमोनिरहाट एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की योजना भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय है, खासकर अगर यह चीनी सहयोग से हो। इससे चीन को भारत की गतिविधियों की निगरानी का अवसर मिल सकता है।

राजनीतिक बयानों से चेतावनी

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में इस संकट को उजागर किया और सीमा तनाव चीन की घुसपैठ को भारत के लिए दोहरे खतरे के रूप में बताया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की चीन के प्रति झुकाव भी भारत के लिए चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है।

वैकल्पिक कॉरिडोरों की योजना

भारत ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कई नए मार्गों और रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया है:

  • हिलीमहेंद्रगंज मार्ग: बांग्लादेश के जरिए मेघालय को जोड़ने वाला वैकल्पिक रास्ता
  • तारापोखरशाकटी कॉरिडोर: सिलीगुड़ी के बोझ को कम करने वाला मार्ग
  • भूमिगत सुरंगें: सुरक्षित संपर्क के लिए सुरंगों का निर्माण
  • कालादान मल्टीमॉडल कॉरिडोर: कोलकाता से मिजोरम को म्यांमार के रास्ते जोड़ने वाली परियोजना

रणनीतिक योजना समय की मांग

सिलीगुड़ी कॉरिडोर सिर्फ एक सड़क नहीं, भारत की एकता का प्रतीक है। इसे सुरक्षित रखना और वैकल्पिक संपर्क बनाना अब विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता है। भारत को तेजी और दूरदृष्टि से कार्य कर अपने पूर्वोत्तर को अविच्छिन्न रूप से जोड़ना होगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
सिलीगुड़ी कॉरिडोर की चौड़ाई लगभग 20–22 किमी
आसपास के देश नेपाल, भूटान, बांग्लादेश
पूर्वोत्तर भारत का क्षेत्रफल लगभग 262,230 वर्ग किमी
पूर्वोत्तर की जनसंख्या 4 करोड़ से अधिक
चुम्बी घाटी गलियारे के निकट, चीन के नियंत्रण में
डोकलाम गतिरोध वर्ष 2017 में हुआ
लालमोनिरहाट एयरबेस सिलीगुड़ी कॉरिडोर से 135 किमी दूर
कालादान कॉरिडोर कोलकाता से मिजोरम तक म्यांमार के रास्ते जुड़ता है
हिली–महेंद्रगंज मार्ग प्रस्तावित भारत–बांग्लादेश संपर्क मार्ग
पूर्वोत्तर निर्यात लगभग 95% इसी कॉरिडोर से होता है
Siliguri Corridor and India’s Strategic Connectivity
  1. सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन्स नेक भी कहा जाता है, लगभग 20-22 किलोमीटर चौड़ा है।
  2. यह मुख्य भूमि भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है।
  3. यह कॉरिडोर नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के बीच स्थित है।
  4. पूर्वोत्तर में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग इस संकरी ज़मीनी संपर्क पर निर्भर हैं।
  5. यह पूर्वोत्तर भारत के लगभग 2,62,230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है।
  6. असम, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से लगभग 95% निर्यात यहीं से होकर गुजरता है।
  7. यह कॉरिडोर परिवहन, व्यापार और सैन्य आवाजाही के लिए भारत की सामरिक जीवनरेखा है।
  8. चीन की चुम्बी घाटी से निकटता के कारण यह असुरक्षित है।
  9. 2017 में डोकलाम गतिरोध ने इस कॉरिडोर की सैन्य संवेदनशीलता को उजागर किया।
  10. इस कॉरिडोर के बाधित होने से भारत की क्षेत्रीय एकता गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।
  11. म्यांमार, बांग्लादेश और पड़ोसी क्षेत्रों में चीन के निवेश से इस गलियारे पर रणनीतिक दबाव बढ़ रहा है।
  12. गलियारे से 135 किलोमीटर दूर बांग्लादेश में स्थित लालमोनिरहाट एयरबेस को चीन के सहयोग से पुनर्जीवित किया जा सकता है।
  13. इस एयरबेस का इस्तेमाल भारत के खिलाफ निगरानी और खुफिया जानकारी के लिए किया जा सकता है।
  14. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गलियारे के पास बांग्लादेश और चीन से खतरों के बारे में चेतावनी दी है।
  15. बांग्लादेश सरकार चीन की ओर झुकाव के संकेत दे रही है, जिससे भारत की सुरक्षा जटिल हो रही है।
  16. हिली-महेंद्रगंज रूट जैसे नए कॉरिडोर का उद्देश्य बांग्लादेश के माध्यम से संपर्क को आसान बनाना है।
  17. तारापोखर-शक्ति कॉरिडोर भीड़भाड़ वाले सिलीगुड़ी मार्ग का एक विकल्प प्रदान करता है।
  18. इस रणनीतिक मार्ग की सुरक्षा के लिए भूमिगत सुरंगों के निर्माण पर विचार किया जा रहा है।
  19. कलादान मल्टीमॉडल कॉरिडोर म्यांमार के रास्ते कोलकाता को मिज़ोरम से जोड़ता है, जिससे पूर्वोत्तर तक पहुँच में विविधता आती है।
  20. भारत की रणनीतिक योजना गलियारे को सुरक्षित करने, मार्गों में विविधता लाने और निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

Q1. सिलीगुड़ी कॉरिडोर की अनुमानित चौड़ाई क्या है?


Q2. सिलीगुड़ी कॉरिडोर किन देशों से घिरा हुआ है?


Q3. असम और मणिपुर जैसे पूर्वोत्तर राज्यों से होने वाले निर्यात का कितने प्रतिशत हिस्सा सिलीगुड़ी कॉरिडोर से होकर गुजरता है?


Q4. 2017 में किस सैन्य गतिरोध ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर की भूराजनीतिक संवेदनशीलता को उजागर किया?


Q5. कलादान मल्टीमोडल कॉरिडोर क्या है?


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