जुलाई 27, 2025 1:43 पूर्वाह्न

सियाचिन दिवस 2025: भारत के हिमवीर योद्धाओं को समर्पित

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Siachen Day 2025: Honouring India’s Frozen Frontline Warriors

वीरों की स्मृति: सियाचिन दिवस क्या है?

हर साल 13 अप्रैल कोसियाचिन दिवस मनाया जाता है, जो सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि देने का दिन है। 1984 में इसी दिनऑपरेशन मेघदूतकी शुरुआत हुई थी, जिसके तहत भारतीय सेना ने सिया ला और बिलाफोंड ला जैसे सामरिक दर्रों पर कब्ज़ा कर लिया था। यह पूर्व-नियोजित कदम था, जिसने पाकिस्तान को इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने से रोक दिया

ऑपरेशन मेघदूत: हिम और साहस की मिशन

यह सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि मानव सहनशीलता की पराकाष्ठा थी। पाकिस्तान द्वारा क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की योजना की खुफिया जानकारी मिलते ही, भारतीय सेना ने 20,000 फीट की ऊँचाई पर दुर्गम अभियान चलाया। इस ऑपरेशन में ले. जनरल एम.एल. चिब्बर, ले. जनरल पी.एन. हूण, और मे. जनरल शिव शर्मा ने महत्वपूर्ण नेतृत्व प्रदान किया। सेना और वायुसेना के सामंजस्यपूर्ण संचालन ने इस मिशन को विशेष बना दिया।

बर्फीले क्षेत्र के हवाई योद्धा

भारतीय वायुसेना 1978 से ही सियाचिन क्षेत्र में सक्रिय रही है। चेतक हेलीकॉप्टर सबसे पहले ग्लेशियर पर उतरे। ऑपरेशन मेघदूत के दौरान और बाद में, वायुसेना ने सेना, उपकरण और राशन पहुँचाने में निर्णायक भूमिका निभाई। इसमें An-12, An-32, IL-76, Mi-17 और चीता हेलीकॉप्टरों का उपयोग हुआ। यह हवाई पुल इस बर्फीले और दुर्गम इलाके में मिशन की सफलता के लिए आवश्यक था।

सियाचिन का महत्व: सिर्फ बर्फ नहीं, सुरक्षा का मोर्चा

सियाचिन ग्लेशियर त्याग का प्रतीक ही नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक संपत्ति भी है। यह गिलगितबाल्टिस्तान, शक्सगम घाटी और लद्दाख की सीमाओं से सटा हुआ है, और काराकोरम दर्रे जैसे महत्त्वपूर्ण मार्गों की निगरानी करता है। 1984 की कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि NJ9842 जैसे अनिर्धारित बिंदुओं से भारत की सीमा में कोई सेंध ना लगे

ग्लेशियर पर सतत निगरानी

आज भी भारतीय सैनिक भीषण ठंड, हिमस्खलन और एकांतता को झेलते हुए सियाचिन की रक्षा कर रहे हैं। उनका साहस और समर्पण इन कालजयी पंक्तियों में सजीव होता है:

“Quartered in snow, silent to remain,
When the clarion calls, they shall rise and march again.”

यह पंक्तियाँ सियाचिन के हिमवीरों की अमर भावना का प्रतीक हैं, जो पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।

STATIC GK SNAPSHOT

विषय विवरण
आयोजन सियाचिन दिवस
दिनांक 13 अप्रैल
अभियान वर्ष 1984
अभियान का नाम ऑपरेशन मेघदूत
कब्जा किए गए दर्रे सिया ला, बिलाफोंड ला
ऊँचाई लगभग 20,000 फीट (काराकोरम श्रृंखला में)
प्रमुख सैन्य नेता ले. जनरल चिब्बर, ले. जनरल हूण, मे. जनरल शर्मा
वायुसेना विमान चेतक, चीता, Mi-17, An-32, IL-76
रणनीतिक महत्व शक्सगम घाटी, गिलगित-बाल्टिस्तान, लद्दाख की सीमाओं की निगरानी
उल्लेखनीय उद्धरण “Quartered in snow…” — सियाचिन वीरों को समर्पण

 

Siachen Day 2025: Honouring India’s Frozen Frontline Warriors
  1. सियाचिन दिवस हर साल 13 अप्रैल को दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र पर तैनात सैनिकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
  2. ऑपरेशन मेघदूत को 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर प्रमुख दर्रों को कब्जे में लेने के लिए शुरू किया गया था।
  3. इस अभियान के तहत सिया ला और बिलाफोंड ला दर्रों पर कब्जा कर पाकिस्तान की घुसपैठ की योजना को विफल किया गया।
  4. इस ऑपरेशन का नेतृत्व ले. जनरल एम.एल. चिब्बर, ले. जनरल पी.एन. हूण, और मेजर जनरल शिव शर्मा ने किया।
  5. सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वतमाला में स्थित है और इसकी ऊँचाई लगभग 20,000 फीट है।
  6. यह ग्लेशियर गिलगित बाल्टिस्तान, शक्सगाम घाटी, और लद्दाख की सीमाओं को छूता है।
  7. सियाचिन पर नियंत्रण भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों की गतिविधियों पर निगरानी की सुविधा देता है।
  8. भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत को रणनीतिक भूभाग पर अग्रिम कब्जे के लिए आरंभ किया।
  9. भारतीय वायुसेना ने इस मिशन में लॉजिस्टिक्स सहायता प्रदान कर अहम भूमिका निभाई।
  10. चेतक हेलीकॉप्टर 1978 में सियाचिन ग्लेशियर पर उतरने वाले पहले विमान बने।
  11. An-12, An-32, IL-76, Mi-17 और चीता हेलीकॉप्टरों ने सैनिकों और आपूर्ति को पहुँचाने में सहायता की।
  12. सियाचिन का महत्व काराकोरम दर्रा और NJ9842 बिंदु की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
  13. सियाचिन पर तैनात सैनिक हर मौसम में अत्यधिक ठंड, हिमस्खलन और एकांत जैसी कठिनाइयों का सामना करते हैं।
  14. यह ग्लेशियर रणनीतिक नियंत्रण और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक बन चुका है।
  15. पंक्ति “बर्फ में डटे, मौन में रहेंपर जब पुकार हो, उठ खड़े हो जाएँ” सियाचिन के वीरों को समर्पित प्रसिद्ध श्रद्धांजलि है।
  16. वायुसेना और थलसेना के समन्वय ने ऑपरेशन मेघदूत की सफलता सुनिश्चित की।
  17. यह ग्लेशियर आज भी एक सक्रिय तैनाती क्षेत्र है, जिसे निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है।
  18. सियाचिन दिवस 2025 भारत की 41 वर्षों की सियाचिन उपस्थिति की स्मृति को चिह्नित करता है।
  19. यह मिशन उच्च ऊँचाई वाले युद्ध में भारत की सैन्य नवाचार क्षमता को दर्शाता है।
  20. सियाचिन, भारतीय साहस, धैर्य और क्षेत्रीय अखंडता का जीवंत प्रमाण है।

 

Q1. सियाचिन दिवस हर साल कब मनाया जाता है?


Q2. 1984 में भारत ने सियाचिन के प्रमुख दर्रों पर कब्ज़ा किस ऑपरेशन के तहत किया था?


Q3. सियाचिन ला के साथ किस दर्रे पर भी इस ऑपरेशन के दौरान कब्जा किया गया था?


Q4. सियाचिन ग्लेशियर की अनुमानित ऊंचाई क्या है?


Q5. सियाचिन ग्लेशियर पर सबसे पहले उतरने वाले हेलीकॉप्टर कौन से थे?


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