जुलाई 18, 2025 9:42 अपराह्न

सिमिलिपाल में AI TrailGuard प्रणाली से वन्यजीव निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव

वर्तमान मामले: ट्रेलगार्ड एआई ओडिशा वन्यजीव, सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व एआई मॉनिटरिंग, अवैध शिकार विरोधी एआई इंडिया, यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व ओडिशा, वन निगरानी प्रौद्योगिकी, मयूरभंज हाथी रिजर्व, प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च 1973, एआई कंजर्वेशन टूल्स इंडिया, 2025 वन्यजीव संरक्षण अपडेट

AI TrailGuard System Transforms Wildlife Surveillance in Similipal

AI आधारित वन सुरक्षा का नया युग

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग अब भारत की वन्यजीव सुरक्षा नीति को नया आकार दे रहा है। इसका सबसे प्रमुख उदाहरण ओडिशा का सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व है, जहां TrailGuard AI प्रणाली को अवैध शिकार को रोकने और संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा हेतु तैनात किया गया है। यह उन्नत निगरानी प्रणाली रियलटाइम में अवैध गतिविधियों की पहचान करती है, जिससे वन अधिकारी तत्काल कार्रवाई कर सकते हैं।

सिमिलिपाल की जैव विविधता

मयूरभंज जिले में स्थित सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व 2,750 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें घने जंगल, घास के मैदान और प्रसिद्ध बरेहीपानी जोरंडा जलप्रपात हैं। यह मयूरभंज एलीफेंट रिजर्व का हिस्सा है, जिसमें हडगढ़ और कुलडीहा अभयारण्य भी शामिल हैं। खैरिबुरु और मेघाशिनी जैसी ऊंची पहाड़ियाँ क्षेत्र को विविध पारिस्थितिकी बनाती हैं। इसे 2009 में यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।

TrailGuard AI प्रणाली कैसे कार्य करती है

TrailGuard AI प्रणाली में छोटी-छोटी छुपी हुई कैमरा डिवाइसेज़ होती हैं, जो बुद्धिमान सॉफ्टवेयर से सुसज्जित होती हैं। ये उपकरण सामान्यतः बंद रहते हैं और केवल गतिविधि के दौरान सक्रिय होते हैं। AI सॉफ्टवेयर सेकंडों में यह पहचान लेता है कि कोई मानव, पशु या वाहन है और 40 सेकंड के भीतर फोटो नियंत्रण कक्ष तक भेज देता है। इससे अधिकारी अवैध शिकारी तक पहुंचने में सफल होते हैं।

ठोस परिणाम और प्रभाव

सिमिलिपाल में इस प्रणाली के एक वर्ष के उपयोग में 96 शिकारी पकड़े गए और 86 अवैध हथियार जब्त किए गए। इस तकनीक ने दूरदराज क्षेत्रों की निगरानी को आसान बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका विस्तार अत्यधिक खतरे वाले क्षेत्रों में शिकार को 80% तक घटा सकता है।

सुरक्षा और समुदाय के बीच संतुलन

हालांकि AI प्रणाली ने अवैध गतिविधियों को रोका है, लेकिन कुछ स्थानीय समुदायों को भी आशंका हुई है कि कहीं वे गलती से निगरानी में न आ जाएं। इस पर वन विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि समुदायों की आजीविका प्रभावित न हो और संरक्षण प्रयास भी जारी रहें।

अन्य राज्यों में विस्तार

TrailGuard AI की सफलता के बाद इसे अब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने भी अपनाया है। यह प्रणाली अब न केवल अवैध शिकार की रोकथाम में बल्कि पशु व्यवहार के अध्ययन, मानवपशु संघर्ष में कमी और वैज्ञानिक अनुसंधान में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है। इसकी छिपी डिजाइन, लंबी बैटरी लाइफ और कम लागत इसे भारत के संरक्षण प्रयासों का प्रमुख हिस्सा बनाते हैं।

STATIC GK SNAPSHOT: सिमिलिपाल में AI निगरानी प्रणाली

विषय विवरण
रिज़र्व स्थान मयूरभंज जिला, ओडिशा
भौगोलिक क्षेत्रफल 2,750 वर्ग किमी
प्रोजेक्ट टाइगर वर्ष 1973
वन्यजीव अभयारण्य अधिसूचना 1979
राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र (प्रस्तावित) 303 वर्ग किमी (1980)
यूनेस्को बायोस्फीयर मान्यता 2009
प्रमुख जलप्रपात जोरंडा और बरेहीपानी
प्रमुख पहाड़ियाँ खैरिबुरु और मेघाशिनी (1515 मीटर)
प्रयुक्त AI उपकरण TrailGuard AI
वार्षिक प्रभाव 96 शिकारी पकड़े गए, 86 हथियार जब्त
अन्य राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश
मुख्य विशेषता सेकंडों में पहचान और त्वरित सूचना संप्रेषण
AI TrailGuard System Transforms Wildlife Surveillance in Similipal
  1. ट्रेलगार्ड AI को ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में शिकार विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए तैनात किया गया है।
  2. यह AI प्रणाली छिपे हुए मोशनट्रिगर कैमरे का उपयोग करती है जो 40 सेकंड के भीतर छवियों को संसाधित करती है।
  3. सिमिलिपाल, मयूरभंज ज़िला, ओडिशा में स्थित है और इसका क्षेत्रफल 2,750 वर्ग किमी है।
  4. यह मयूरभंज हाथी रिजर्व का हिस्सा है, जिसमें हड़गढ़ और कुलडीहा अभयारण्यों को भी शामिल किया गया है।
  5. सिमिलिपाल को 2009 में यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।
  6. यहां प्रसिद्ध जलप्रपात जैसे बरेहीपानी और जोरण्दा स्थित हैं।
  7. इस क्षेत्र में खैरिबुरू और मेघाशिनी (1,515 मीटर) जैसे ऊँचे पर्वत भी हैं।
  8. एक वर्ष के भीतर, ट्रेलगार्ड AI की मदद से 96 शिकारी पकड़े गए और 86 अवैध हथियार जब्त किए गए।
  9. यह प्रणाली AI-आधारित इमेज रिकग्निशन का उपयोग कर मनुष्यों, जानवरों या वाहनों का पता लगाती है।
  10. अलर्ट तुरंत वन नियंत्रण केंद्रों को भेजे जाते हैं, जिससे तत्काल कार्रवाई संभव होती है।
  11. सिमिलिपाल को 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत घोषित किया गया था और 1979 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित हुआ।
  12. इसका प्रस्तावित राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र 303 वर्ग किमी है, जिसे 1980 में अधिसूचित किया गया।
  13. AI निगरानी ने लक्षित क्षेत्रों में शिकार जोखिम को 80% तक कम कर दिया है।
  14. यह पहल वन संसाधनों पर निर्भर स्थानीय समुदायों में चिंता का विषय बनी।
  15. गांववालों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि तकनीक के उद्देश्य को समझाया जा सके।
  16. ट्रेलगार्ड AI को अब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी लागू किया गया है।
  17. सुरक्षा के अलावा, यह उपकरण पशु व्यवहार निगरानी और संघर्ष न्यूनीकरण में भी सहायक है।
  18. इसके लाभों में कैमोफ्लाज डिज़ाइन, लंबी बैटरी लाइफ, और कम रखरखाव लागत शामिल हैं।
  19. AI का उपयोग भारत के संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप है और वैज्ञानिक वन प्रबंधन को बढ़ावा देता है।
  20. सिमिलिपाल भारत में AI-सक्षम जैव विविधता संरक्षण का आदर्श मॉडल बन चुका है।

Q1. शिकार रोकने के लिए सिमिलिपाल में कौन-सा एआई आधारित सिस्टम तैनात किया गया है? A) फॉरेस्टनेट एआई B) वाइल्डवॉच एआई C) ट्रेलगार्ड एआई D) जंगलस्कैन एआई


Q2. सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व ओडिशा के किस ज़िले में स्थित है?


Q3. सिमिलिपाल को यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व कब घोषित किया गया?


Q4. ट्रेलगार्ड एआई की तैनाती के एक साल के भीतर सिमिलिपाल में कितने शिकारी पकड़े गए?


Q5. ओडिशा के अलावा किन राज्यों ने ट्रेलगार्ड एआई सिस्टम अपनाया है?


Your Score: 0

Daily Current Affairs February 18

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

दिन की खबरें

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.