AI आधारित वन सुरक्षा का नया युग
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग अब भारत की वन्यजीव सुरक्षा नीति को नया आकार दे रहा है। इसका सबसे प्रमुख उदाहरण ओडिशा का सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व है, जहां TrailGuard AI प्रणाली को अवैध शिकार को रोकने और संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा हेतु तैनात किया गया है। यह उन्नत निगरानी प्रणाली रियल–टाइम में अवैध गतिविधियों की पहचान करती है, जिससे वन अधिकारी तत्काल कार्रवाई कर सकते हैं।
सिमिलिपाल की जैव विविधता
मयूरभंज जिले में स्थित सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व 2,750 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसमें घने जंगल, घास के मैदान और प्रसिद्ध बरेहीपानी व जोरंडा जलप्रपात हैं। यह मयूरभंज एलीफेंट रिजर्व का हिस्सा है, जिसमें हडगढ़ और कुलडीहा अभयारण्य भी शामिल हैं। खैरिबुरु और मेघाशिनी जैसी ऊंची पहाड़ियाँ क्षेत्र को विविध पारिस्थितिकी बनाती हैं। इसे 2009 में यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया था।
TrailGuard AI प्रणाली कैसे कार्य करती है
TrailGuard AI प्रणाली में छोटी-छोटी छुपी हुई कैमरा डिवाइसेज़ होती हैं, जो बुद्धिमान सॉफ्टवेयर से सुसज्जित होती हैं। ये उपकरण सामान्यतः बंद रहते हैं और केवल गतिविधि के दौरान सक्रिय होते हैं। AI सॉफ्टवेयर सेकंडों में यह पहचान लेता है कि कोई मानव, पशु या वाहन है और 40 सेकंड के भीतर फोटो नियंत्रण कक्ष तक भेज देता है। इससे अधिकारी अवैध शिकारी तक पहुंचने में सफल होते हैं।
ठोस परिणाम और प्रभाव
सिमिलिपाल में इस प्रणाली के एक वर्ष के उपयोग में 96 शिकारी पकड़े गए और 86 अवैध हथियार जब्त किए गए। इस तकनीक ने दूरदराज क्षेत्रों की निगरानी को आसान बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका विस्तार अत्यधिक खतरे वाले क्षेत्रों में शिकार को 80% तक घटा सकता है।
सुरक्षा और समुदाय के बीच संतुलन
हालांकि AI प्रणाली ने अवैध गतिविधियों को रोका है, लेकिन कुछ स्थानीय समुदायों को भी आशंका हुई है कि कहीं वे गलती से निगरानी में न आ जाएं। इस पर वन विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि समुदायों की आजीविका प्रभावित न हो और संरक्षण प्रयास भी जारी रहें।
अन्य राज्यों में विस्तार
TrailGuard AI की सफलता के बाद इसे अब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने भी अपनाया है। यह प्रणाली अब न केवल अवैध शिकार की रोकथाम में बल्कि पशु व्यवहार के अध्ययन, मानव–पशु संघर्ष में कमी और वैज्ञानिक अनुसंधान में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है। इसकी छिपी डिजाइन, लंबी बैटरी लाइफ और कम लागत इसे भारत के संरक्षण प्रयासों का प्रमुख हिस्सा बनाते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT: सिमिलिपाल में AI निगरानी प्रणाली
विषय | विवरण |
रिज़र्व स्थान | मयूरभंज जिला, ओडिशा |
भौगोलिक क्षेत्रफल | 2,750 वर्ग किमी |
प्रोजेक्ट टाइगर वर्ष | 1973 |
वन्यजीव अभयारण्य अधिसूचना | 1979 |
राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र (प्रस्तावित) | 303 वर्ग किमी (1980) |
यूनेस्को बायोस्फीयर मान्यता | 2009 |
प्रमुख जलप्रपात | जोरंडा और बरेहीपानी |
प्रमुख पहाड़ियाँ | खैरिबुरु और मेघाशिनी (1515 मीटर) |
प्रयुक्त AI उपकरण | TrailGuard AI |
वार्षिक प्रभाव | 96 शिकारी पकड़े गए, 86 हथियार जब्त |
अन्य राज्य | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
मुख्य विशेषता | सेकंडों में पहचान और त्वरित सूचना संप्रेषण |