जुलाई 17, 2025 4:30 पूर्वाह्न

साइबर सुरक्षा अभ्यास 2025: भारत की डिजिटल सुरक्षा को नई मजबूती

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Cyber Suraksha Exercise Begins to Boost India's Cyber Defence

भारत की साइबर शील्ड को अभ्यास से मज़बूती

16 जून 2025 से शुरू हुआ साइबर सुरक्षा अभ्यास (Cyber Suraksha Exercise) भारत की रक्षा साइबर एजेंसी (DCA) द्वारा आयोजित एक प्रमुख पहल है। यह अभ्यास 27 जून 2025 तक चलेगा और इसे एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय के अधीन आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है — देश की डिजिटल सीमाओं की रक्षा करने वाले विशेषज्ञों को प्रशिक्षित और तैयार करना।

खतरों का अनुकरण, तैयारी का अभ्यास

पारंपरिक कक्षा आधारित प्रशिक्षण से अलग, यह अभ्यास वास्तविक साइबर खतरों का अनुकरण करता है। प्रतिभागियों को हमलों की तीव्रता और जटिलता का अनुभव होता है। यह अभ्यास कई चरणों में होता है जिसमें उच्च स्तर के अधिकारियों को भी शामिल किया जाता है, ताकि वे केवल प्रतिक्रिया देना न सीखें, बल्कि पहले से तैयार रह सकें।

विशेषज्ञों की विविध टीम

इस अभ्यास की विशेषता है इसमें भाग लेने वाले 100 से अधिक विशेषज्ञों की विविध टीम — मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISOs), रक्षा साइबर कर्मी, और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के विशेषज्ञ। इस विविधता से व्यापक दृष्टिकोण और अनुभव जुड़ते हैं जो साइबर संकटों में अत्यंत उपयोगी होते हैं।

नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी

एक प्रमुख आकर्षण है CISOs कॉन्क्लेव, जहां वरिष्ठ नेतृत्व साइबर नीति और तकनीकी समाधानों पर चर्चा करता है। टेबलटॉप एक्सरसाइज में ये नेता हमले की स्थिति में नीतिनिर्माण का अनुकरण करते हैं, जिससे रणनीतिक और तकनीकी तालमेल को बढ़ावा मिलता है।

गेमिफाइड प्रशिक्षण की खासियत

सिर्फ सैद्धांतिक अभ्यास नहीं, बल्कि गेमिंग आधारित वास्तविक समय सिमुलेशन के ज़रिए प्रतिभागियों को चुनौतीपूर्ण साइबर हमलों से जूझना सिखाया जाता है। यह तरीका तकनीकी दक्षता, टीम भावना, और तेज निर्णय लेने की क्षमता को सुधारता है — जो आधुनिक साइबर युद्ध के लिए आवश्यक हैं।

भविष्य के लिए निरंतर अभ्यास योजना

डिजिटल दुनिया की तेज़ी से बदलती प्रकृति को समझते हुए, रक्षा साइबर एजेंसी ने भविष्य में नियमित अभ्यासों की योजना बनाई है। यह लगातार सीखने और हमारे साइबर योद्धाओं को हमेशा सतर्क बनाए रखने की प्रतिबद्धता का संकेत है।

राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में साइबर सुरक्षा

आज के समय में साइबर लचीलापन कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। Cyber Suraksha जैसे अभ्यास देश को द्रुत प्रतिक्रिया क्षमता, आत्मविश्वास, और सैन्य तथा नागरिक साइबर टीमों में समन्वय सिखाते हैं। यह याद दिलाता है कि कभीकभी युद्ध की जगह कीबोर्ड बन सकता है, और ऐसे में तैयारी ही सुरक्षा है।

स्थैतिक ‘Usthadian’ करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
अभ्यास का नाम साइबर सुरक्षा (Cyber Suraksha)
आयोजक संस्था रक्षा साइबर एजेंसी (Defence Cyber Agency – DCA)
अधीनस्थ संगठन एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय
अवधि 16 जून – 27 जून 2025
प्रतिभागी रक्षा और राष्ट्रीय एजेंसियों से 100+ विशेषज्ञ
विशेषता CISOs कॉन्क्लेव और टेबल-टॉप एक्सरसाइज
प्रशिक्षण पद्धति गेमिफाइड रियल-टाइम सिमुलेशन
दीर्घकालिक योजना नियमित साइबर सुरक्षा अभ्यास की योजना
स्थैतिक तथ्य एकीकृत रक्षा स्टाफ की स्थापना 2001 में हुई
स्थैतिक तथ्य राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 में शुरू हुई

 

Cyber Suraksha Exercise Begins to Boost India's Cyber Defence
  1. साइबर सुरक्षा अभ्यास 2025 की शुरुआत 16 जून को हुई और यह 27 जून तक चलेगा।
  2. इसका आयोजन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय के तहत कार्यरत डिफेंस साइबर एजेंसी (DCA) द्वारा किया गया है।
  3. इस अभ्यास का उद्देश्य वास्तविक परिस्थितियों में साइबर सुरक्षा क्षमताओं का परीक्षण, प्रशिक्षण और सुधार करना है।
  4. इसमें 100 से अधिक प्रतिभागी, जिनमें CISO और रक्षा साइबर विशेषज्ञ शामिल हैं, भाग ले रहे हैं।
  5. कार्यक्रम में पारंपरिक कक्षा शिक्षण के बजाय यथार्थपरक साइबर खतरों के सिमुलेशन शामिल हैं।
  6. इसकी बहुचरणीय संरचना तकनीकी टीमों के साथ-साथ वरिष्ठ नेतृत्व को भी शामिल करती है।
  7. एक मुख्य आकर्षण है CISOs कॉन्क्लेव, जो नेतृत्व को संचालन संबंधी चुनौतियों से जोड़ता है।
  8. टेबलटॉप एक्सरसाइज साइबर हमलों के दौरान निर्णयनिर्माण की प्रक्रिया का अभ्यास कराती है।
  9. इसका फोकस नीतिगत ढाँचों और प्रौद्योगिकीआधारित समाधानों के बीच समन्वय पर है।
  10. गेम आधारित सिमुलेशन के माध्यम से टीम समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताएं बढ़ाई जाती हैं।
  11. यह तरीका तकनीकी कौशल, गति और दबाव में रणनीतिक सोच को मजबूत करता है।
  12. यह पहल आधुनिक और सहभागितात्मक साइबर युद्ध प्रशिक्षण की दिशा में भारत की प्रगति को दर्शाती है।
  13. यह अभ्यास भारत की राष्ट्रीय साइबर लचीलापन और रक्षा तत्परता को मजबूती देता है।
  14. भविष्य में और भी साइबर ड्रिल्स आयोजित की जाएंगी ताकि सतर्कता और सुधार जारी रहे।
  15. यह अभ्यास यह स्पष्ट करता है कि साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा की प्राथमिकता बन चुकी है।
  16. यह आयोजन सिविल और सैन्य साइबर सुरक्षा टीमों के बीच सहयोग को बढ़ाता है
  17. डिफेंस साइबर एजेंसी भारत की साइबर युद्ध तैयारियों का नेतृत्व कर रही है।
  18. इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ, जो 2001 में गठित हुआ, तब से संयुक्त सैन्य संचालन में सक्रिय है।
  19. भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, जो 2013 में शुरू की गई, ऐसे रक्षा प्रयासों की मार्गदर्शिका है।
  20. डिजिटल युग में, कीबोर्ड से होने वाले हमले भी युद्धक्षेत्र के हमलों जितने ही गंभीर हैं, इसलिए तैयार रहना अनिवार्य है।

Q1. साइबर सुरक्षा अभ्यास 2025 कब शुरू हुआ?


Q2. साइबर सुरक्षा अभ्यास 2025 का आयोजन कौन कर रहा है?


Q3. साइबर सुरक्षा अभ्यास में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देने के लिए कौन-सी अनोखी विधि अपनाई जाती है?


Q4. CISOs कॉन्क्लेव के दौरान आयोजित टेबल-टॉप एक्सरसाइज का उद्देश्य क्या है?


Q5. साइबर सुरक्षा अभ्यास किस संगठन के अधीन संचालित किया जा रहा है?


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