जुलाई 18, 2025 10:43 अपराह्न

समुद्र के रास्ते माल ढुलाई विधेयक 2024 पारित: भारत के समुद्री कानूनों का आधुनिकीकरण

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Carriage of Goods by Sea Bill, 2024 Passed to Modernise India’s Maritime Law

उपनिवेशकालीन कानून को हटाकर आधुनिक समुद्री ढांचा लाया गया

Carriage of Goods by Sea Bill, 2024 को हाल ही में लोकसभा में पारित किया गया, जिससे लगभग 100 वर्ष पुराने Indian Carriage of Goods by Sea Act, 1925 को निरस्त कर दिया गया। यह कदम भारत द्वारा उपनिवेशकालीन कानूनों को समाप्त कर शासन व्यवस्था को आधुनिक बनाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है। यह नया विधेयक समुद्री व्यापार से जुड़ी वर्षों पुरानी अस्पष्टताओं को स्पष्ट करता है और शिपिंग से जुड़ी पार्टियों के अधिकार, कर्तव्य और दायित्वों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। इससे कानून को समझना और लागू करना आसान हो जाता है, जो भारत के तेजी से बढ़ते शिपिंग क्षेत्र को अधिक कानूनी स्पष्टता के साथ संचालन में मदद करेगा

अंतरराष्ट्रीय समुद्री समझौतों के अनुरूप

इस विधेयक की एक प्रमुख विशेषता है कि यह Hague Rules के अनुरूप है, जो समुद्री परिवहन में बिल ऑफ लाडिंग से संबंधित वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त कानूनी सिद्धांतों का समूह है। इससे भारतीय कानून अंतरराष्ट्रीय शिपिंग प्रथाओं के अनुरूप हो जाएगा, जिससे निर्यातकों और आयातकों को बेहतर सुरक्षा और पूर्वानुमेयता मिलेगी। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक साझेदारों के विश्वास को बढ़ाने में सहायक होगा और भारत को अधिक विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।

केंद्र सरकार को अधिक विनियामक लचीलापन

इस नए कानून के तहत, केंद्र सरकार को समुद्री वाणिज्य से संबंधित नियमों और निर्देशों को जारी करने का अधिकार मिलेगा। विशेष रूप से, यह बिल ऑफ लाडिंग जैसे दस्तावेजों से संबंधित नियमों में संशोधन करने का अधिकार प्रदान करता है। यह कानूनी लचीलापन सरकार को बदलती व्यापार स्थितियों जैसे सप्लाई चेन बाधाएं या नई शिपिंग तकनीकों के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है।

शिपिंग उद्योग और व्यापार दक्षता को बढ़ावा

भारत का शिपिंग उद्योग लंबे समय से सरल कानूनों और कम प्रशासनिक बाधाओं की मांग कर रहा था। इस विधेयक के पारित होने से, कारोबारियों को कम कानूनी विवाद, तेजी से माल निकासी और अधिक प्रभावी समुद्री संचालन की अपेक्षा की जा सकती है। यह विधायी सुधार, सरकार के ‘Ease of Doing Business’ मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, विशेषकर उन क्षेत्रों के लिए जो आयात-निर्यात लॉजिस्टिक्स पर निर्भर हैं

Static GK जानकारी सारांश

श्रेणी विवरण
विधेयक का नाम Carriage of Goods by Sea Bill, 2024
किसे प्रतिस्थापित करता है Carriage of Goods by Sea Act, 1925
पारित किया लोकसभा
किसके अनुरूप Hague Rules (अंतरराष्ट्रीय समुद्री समझौता)
फोकस क्षेत्र बिल ऑफ लाडिंग, शिपिंग अनुबंध, कानूनी दायित्व
प्रमुख उद्देश्य समुद्री कानून का आधुनिकीकरण एवं व्यापार सुगमता को बढ़ावा
अधिकार प्राप्त करता है केंद्र सरकार को समुद्री विनियम तय करने का अधिकार
व्यापार को लाभ स्पष्टता, बेहतर अंतरराष्ट्रीय अनुपालन, कार्यकुशलता
व्यापक सुधार एजेंडा उपनिवेशकालीन कानूनों को हटाना
लागू क्षेत्र शिपिंग, लॉजिस्टिक्स, अंतरराष्ट्रीय व्यापार
Carriage of Goods by Sea Bill, 2024 Passed to Modernise India’s Maritime Law
  1. लोकसभा ने समुद्री माल परिवहन विधेयक, 2024 पारित किया, जिसका उद्देश्य पुराने समुद्री कानूनों का पूर्ण पुनर्गठन है।
  2. यह नया विधेयक औपनिवेशिक युग के “Carriage of Goods by Sea Act, 1925” की जगह लेता है।
  3. इसका मकसद समुद्री व्यापार को आधुनिक बनाना और शिपिंग अनुबंधों में कानूनी अस्पष्टता को समाप्त करना है।
  4. अब यह कानून अंतरराष्ट्रीय हेग नियमों के अनुरूप है, जिससे वैश्विक कानूनी अनुपालन सुनिश्चित होता है।
  5. शिपिंग के प्रमुख दस्तावेज बिल ऑफ लाडिंग को अब एक नए ढांचे के तहत नियमित किया गया है।
  6. विधेयक में शिपिंग में शामिल सभी पक्षों के अधिकार, कर्तव्य और दायित्व स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं।
  7. यह भारतीय शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देता है।
  8. केंद्र सरकार को अब समुद्री नियमों को तैयार करने और संशोधित करने की शक्ति प्राप्त है।
  9. इस विधेयक के तहत कानूनी स्पष्टता से समुद्री व्यापार में विवादों का समाधान तेज होगा।
  10. यह कानून वैश्विक व्यापार परिवर्तनों के अनुसार लचीला और गतिशील विनियमन बनाने की अनुमति देता है।
  11. विधेयक भारत को वैश्विक समुद्री हब के रूप में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करता है।
  12. स्टेकहोल्डर्स को तेज कार्गो निकासी और सरल प्रक्रियाओं का लाभ मिलेगा।
  13. यह सुधार भारत की पुराने औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त करने की व्यापक नीति का हिस्सा है।
  14. सरकार अब बिल ऑफ लाडिंग और शिपिंग शर्तों पर निर्देश जारी कर सकती है।
  15. यह विधेयक निर्यातकों और आयातकों के लिए कानूनी सुरक्षा और पूर्वानुमेयता सुनिश्चित करता है।
  16. भारतीय समुद्री कानून अब अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मानकों के अनुरूप हो गया है।
  17. इससे विदेशी शिपिंग भागीदारों और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
  18. यह विधेयक शासन के आधुनिकीकरण एजेंडे का हिस्सा है।
  19. यह कानून शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्षेत्रों पर लागू होगा।

यह भारत को वैश्विक व्यापार में आने वाले व्यवधानों का शीघ्र उत्तर देने की क्षमता प्रदान करता है।

Q1. समुद्री मालवहन विधेयक, 2024 किस अधिनियम का स्थान लेता है?


Q2. यह नया विधेयक भारत के कानून को किस अंतरराष्ट्रीय संधि के अनुरूप बनाता है?


Q3. समुद्री मालवहन विधेयक, 2024 का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q4. इस नए विधेयक में किस प्रमुख शिपिंग दस्तावेज़ पर विशेष ध्यान दिया गया है?


Q5. यह विधेयक केंद्र सरकार को कौन-सा नया अधिकार प्रदान करता है?


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