समावेशी शासन को नया बल
भारत ने लैंगिक समावेशी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए जेंडर बजटिंग नॉलेज हब लॉन्च किया है। यह पहल नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय परामर्श बैठक के दौरान शुरू की गई, जो यह दर्शाती है कि सरकार अब नीतियों और वित्तीय योजनाओं में जेंडर सेंसिटिविटी को केंद्र में रख रही है। यह केवल एक डिजिटल मंच नहीं है, बल्कि यह भारत के प्रशासनिक ढांचे में जेंडर बजटिंग की परिपक्वता का प्रतीक है।
बजट को और अधिक जेंडर-समर्थ बनाना
जेंडर बजटिंग अब केवल एक चेकलिस्ट नहीं, बल्कि एक नीतिगत साधन बन चुका है जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कल्याण क्षेत्रों में लैंगिक अंतर को कम करने के लिए धन का आवंटन होता है। भारत ने 2005 में वित्त मंत्रालय के अंतर्गत इसे संस्थागत रूप दिया और आज 57 से अधिक मंत्रालय इसमें सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं।
नॉलेज हब की भूमिका
यह नया डिजिटल प्लेटफॉर्म केंद्र और राज्य सरकारों के लिए सूचना भंडार की तरह काम करेगा। इसमें जेंडर बजटिंग से संबंधित रिपोर्ट्स, केस स्टडीज, दिशानिर्देश और अभ्यास उपलब्ध होंगे। इसका उद्देश्य नीति निर्माताओं को बेहतर और समन्वित बजट योजना में मार्गदर्शन देना है।
यह विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे बजट प्रक्रिया अधिक परिणाम–उन्मुख और प्रभावी बने।
जेंडर बजट में तेज़ वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए भारत ने ₹4.49 लाख करोड़ का जेंडर बजट तय किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 37% अधिक है। जबकि 2014–15 में यह राशि केवल ₹0.98 लाख करोड़ थी। यह 11 वर्षों में चार गुना से अधिक वृद्धि महिला सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
राष्ट्रीय परामर्श में भागीदारी
इस आयोजन में 40 केंद्रीय मंत्रालयों और 19 राज्यों के अधिकारी शामिल हुए। UN Women और Asian Development Bank जैसे वैश्विक सहयोगियों ने भी भाग लिया। चर्चा का केंद्र यह रहा कि जेंडर बजट को प्रभावी और मापनीय कैसे बनाया जा सकता है।
प्रशिक्षण की दिशा में कदम
इस कार्यक्रम में जेंडर बजटिंग पर एक ड्राफ्ट प्रशिक्षण पुस्तिका पर भी विचार हुआ, जिसका उद्देश्य नीति निष्पादन में लगे अधिकारियों को व्यावहारिक जानकारी देना है। यह मैनुअल कदम–दर–कदम मार्गदर्शिका के रूप में काम करेगा।
पिछली यात्रा और आगे की राह
पिछले दो दशकों में भारत में जेंडर बजटिंग ने काफी प्रगति की है, लेकिन चुनौतियाँ भी रही हैं—खासकर आउटकम मॉनिटरिंग और जमीनी स्तर पर प्रभाव सुनिश्चित करने में। आगे का रास्ता क्षमता निर्माण, मंत्रालयों के बीच सहयोग, और मजबूत क्रियान्वयन तंत्र पर निर्भर करता है।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
विषय | विवरण |
जेंडर बजट 2025–26 | ₹4.49 लाख करोड़ |
पिछले वर्ष से वृद्धि | 37% |
2014–15 में जेंडर बजट | ₹0.98 लाख करोड़ |
लॉन्च स्थान | नई दिल्ली |
भाग लेने वाले मंत्रालय | 40 केंद्रीय मंत्रालय, 19 राज्य |
सहयोगी संगठन | UN Women, Asian Development Bank |
जेंडर बजटिंग की शुरुआत | वर्ष 2005 |
संचालन मंत्रालय | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय |
प्रशिक्षण पुस्तिका का उद्देश्य | क्षमता निर्माण |
नॉलेज हब का कार्य | जेंडर बजटिंग से संबंधित डिजिटल संसाधन केंद्र |