डिजिटल मृदा मानचित्रण पहल की शुरुआत
भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण संगठन (SLUSI) ने मृदा स्वास्थ्य निगरानी और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल मृदा उर्वरता मानचित्रण परियोजना शुरू की है। इस पहल में भू–स्थानिक तकनीकों और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के आंकड़ों को मिलाकर महाराष्ट्र के 351 गांवों से शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य देश भर में सटीक कृषि (Precision Farming) को बढ़ावा देना है।
मृदा स्वास्थ्य कार्डों की भूमिका
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना प्रत्येक किसान को उसके खेत की मृदा में पोषक तत्वों की स्थिति (निम्न, मध्यम या उच्च) के बारे में जानकारी देती है। इससे उर्वरकों का समुचित और संतुलित उपयोग संभव होता है, जो कि उपज बढ़ाने और मृदा की पोषण संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
भू-स्थानिक और एआई तकनीकों का प्रयोग
SLUSI ने रिमोट सेंसिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और जीपीएस आधारित जियो–कोडिंग को मिलाकर मृदा विश्लेषण किया है। प्रमुख मापदंडों में pH, इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी (EC), ऑर्गेनिक कार्बन, और NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) स्तर शामिल हैं। हर नमूने को QR कोड से टैग किया जाता है, जिससे किसान डिजिटल रूप से स्थान–विशिष्ट सिफारिशें प्राप्त कर सकते हैं।
लक्षित उर्वरक उपयोग से उपज में सुधार
स्थान–विशिष्ट वास्तविक समय डेटा के माध्यम से किसान उर्वरकों का सटीक उपयोग कर सकते हैं। इससे उत्पादन लागत कम होती है, लाभ बढ़ता है, और मृदा ह्रास तथा जल प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय नुकसान से बचा जा सकता है, जो सामान्य उर्वरक उपयोग के कारण होता है।
पहुंच और ज़मीनी स्तर की चुनौतियाँ
हालांकि मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा एक समर्पित सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध है, लेकिन दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी पहुँच सीमित है। इसे सुलभ बनाने के लिए सरकार ने ग्राम स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं और मोबाइल मिनी–लैब्स की व्यवस्था की है, जिससे सभी किसानों को क्षेत्र की परवाह किए बिना सेवा मिल सके।
मृदा क्षरण और पोषक तत्व क्षति से लड़ाई
डिजिटल मानचित्रण से कई क्षेत्रों में पोषक तत्वों की कमी और मृदा अपरदन (Erosion) की पहचान हुई है। वैज्ञानिक निदान और सुधारात्मक सिफारिशों के माध्यम से यह परियोजना मृदा उर्वरता बहाल करने, और जलवायु–सहिष्णु दीर्घकालिक कृषि प्रणाली स्थापित करने में मदद कर रही है।
STATIC GK SNAPSHOT
विवरण | तथ्य |
परियोजना प्रमुख | भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण संगठन (SLUSI) |
संबंधित योजना | मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना |
उपयोग की गई तकनीक | भू-स्थानिक मानचित्रण, रिमोट सेंसिंग, एआई, जीपीएस, क्यूआर कोडिंग |
विश्लेषित मापदंड | pH, EC, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटेशियम (K) |
लाभार्थी राज्य | सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश |
महाराष्ट्र में नक्शा बनाए गए गाँव | 351 |
कार्ड एक्सेस | समर्पित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से |
स्थानीय सहायता | ग्राम-स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं, मोबाइल मिनी लैब्स |