जुलाई 19, 2025 1:15 पूर्वाह्न

सतत कृषि के लिए SLUSI ने डिजिटल मृदा उर्वरता मानचित्रण परियोजना शुरू की

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SLUSI Launches Digital Soil Fertility Mapping for Sustainable Agriculture

डिजिटल मृदा मानचित्रण पहल की शुरुआत

भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण संगठन (SLUSI) ने मृदा स्वास्थ्य निगरानी और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल मृदा उर्वरता मानचित्रण परियोजना शुरू की है। इस पहल में भूस्थानिक तकनीकों और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के आंकड़ों को मिलाकर महाराष्ट्र के 351 गांवों से शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य देश भर में सटीक कृषि (Precision Farming) को बढ़ावा देना है।

मृदा स्वास्थ्य कार्डों की भूमिका

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना प्रत्येक किसान को उसके खेत की मृदा में पोषक तत्वों की स्थिति (निम्न, मध्यम या उच्च) के बारे में जानकारी देती है। इससे उर्वरकों का समुचित और संतुलित उपयोग संभव होता है, जो कि उपज बढ़ाने और मृदा की पोषण संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

भू-स्थानिक और एआई तकनीकों का प्रयोग

SLUSI ने रिमोट सेंसिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और जीपीएस आधारित जियोकोडिंग को मिलाकर मृदा विश्लेषण किया है। प्रमुख मापदंडों में pH, इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी (EC), ऑर्गेनिक कार्बन, और NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) स्तर शामिल हैं। हर नमूने को QR कोड से टैग किया जाता है, जिससे किसान डिजिटल रूप से स्थानविशिष्ट सिफारिशें प्राप्त कर सकते हैं।

लक्षित उर्वरक उपयोग से उपज में सुधार

स्थानविशिष्ट वास्तविक समय डेटा के माध्यम से किसान उर्वरकों का सटीक उपयोग कर सकते हैं। इससे उत्पादन लागत कम होती है, लाभ बढ़ता है, और मृदा ह्रास तथा जल प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय नुकसान से बचा जा सकता है, जो सामान्य उर्वरक उपयोग के कारण होता है।

पहुंच और ज़मीनी स्तर की चुनौतियाँ

हालांकि मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा एक समर्पित सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध है, लेकिन दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी पहुँच सीमित है। इसे सुलभ बनाने के लिए सरकार ने ग्राम स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं और मोबाइल मिनीलैब्स की व्यवस्था की है, जिससे सभी किसानों को क्षेत्र की परवाह किए बिना सेवा मिल सके।

मृदा क्षरण और पोषक तत्व क्षति से लड़ाई

डिजिटल मानचित्रण से कई क्षेत्रों में पोषक तत्वों की कमी और मृदा अपरदन (Erosion) की पहचान हुई है। वैज्ञानिक निदान और सुधारात्मक सिफारिशों के माध्यम से यह परियोजना मृदा उर्वरता बहाल करने, और जलवायुसहिष्णु दीर्घकालिक कृषि प्रणाली स्थापित करने में मदद कर रही है।

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विवरण तथ्य
परियोजना प्रमुख भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण संगठन (SLUSI)
संबंधित योजना मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना
उपयोग की गई तकनीक भू-स्थानिक मानचित्रण, रिमोट सेंसिंग, एआई, जीपीएस, क्यूआर कोडिंग
विश्लेषित मापदंड pH, EC, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटेशियम (K)
लाभार्थी राज्य सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश
महाराष्ट्र में नक्शा बनाए गए गाँव 351
कार्ड एक्सेस समर्पित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से
स्थानीय सहायता ग्राम-स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं, मोबाइल मिनी लैब्स
SLUSI Launches Digital Soil Fertility Mapping for Sustainable Agriculture
  1. SLUSI (Soil and Land Use Survey of India) ने भारत में टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मृदा उर्वरता मैपिंग पहल शुरू की।
  2. यह परियोजना भूस्थानिक तकनीक और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के डेटा को एकीकृत करती है।
  3. पहले चरण में महाराष्ट्र के 351 गाँवों को इस डिजिटल मैपिंग अभियान में शामिल किया गया है।
  4. मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पोषक तत्वों को कम, मध्यम, या उच्च श्रेणी में वर्गीकृत कर उर्वरक उपयोग में मार्गदर्शन देते हैं।
  5. किसान उर्वरकों के अधिक या कम उपयोग से बचने के लिए व्यक्तिगत सिफारिशें प्राप्त करते हैं।
  6. SLUSI इस परियोजना में रिमोट सेंसिंग, GPS जियोकोडिंग और AI-आधारित विश्लेषण का उपयोग करता है।
  7. प्रत्येक मृदा नमूने को QR कोड प्रदान किया जाता है, जिससे स्थान-विशिष्ट डेटा तक त्वरित पहुँच मिलती है।
  8. मापे जाने वाले प्रमुख मृदा पैरामीटर में pH, EC, जैविक कार्बन, और NPK स्तर शामिल हैं।
  9. सटीक कृषि, इनपुट लागत को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती है।
  10. डिजिटल मृदा डेटा सामान्य उर्वरक छिड़काव और पर्यावरण क्षरण से बचाव में सहायक होता है।
  11. यह प्रणाली मृदा क्षरण और पोषक तत्व बहाव को कम करने का लक्ष्य रखती है।
  12. स्थलविशिष्ट उर्वरता डेटा के रीयलटाइम विश्लेषण से उर्वरकों की दक्षता बढ़ती है।
  13. दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ सहायता प्रदान करती हैं।
  14. सरकार ने मोबाइल मिनी लैब्स भी तैनात किए हैं ताकि मौके पर मृदा परीक्षण किया जा सके।
  15. मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है।
  16. डिजिटल मैपिंग के ज़रिए मृदा अपरदन और पोषक तत्व की कमी की पहचान की गई है।
  17. यह परियोजना जलवायुलचीली और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को समर्थन देती है।
  18. SLUSI, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में काम करता है।
  19. AI-आधारित विश्लेषण सटीक निदान और लक्षित उर्वरक सिफारिशों को सुनिश्चित करता है।
  20. यह पहल भारत के डिजिटल कृषि लक्ष्यों और टिकाऊ खेती मिशन को आगे बढ़ाती है।

 

Q1. SLUSI का पूर्ण रूप क्या है?


Q2. अब तक किस भारतीय राज्य के 351 गाँवों में मृदा उर्वरता का मानचित्रण किया गया है?


Q3. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किन प्रमुख पोषक तत्वों का परीक्षण किया जाता है?


Q4. मृदा नमूनों को विशिष्ट पहचान संख्या देने के लिए किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?


Q5. दूरदराज के क्षेत्रों में मृदा कार्ड योजना के सामने प्रमुख चुनौती क्या है?


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