भारत के पेंशन नियामक को नया नेतृत्व
भारत की पेंशन प्रणाली एक महत्वपूर्ण लेकिन शांत परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। शिवसुब्रह्मण्यम रमन के पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से इस क्षेत्र में नई ऊर्जा की उम्मीद है। उन्होंने 20 जून 2025 को कार्यभार संभाला और उनका पाँच वर्ष का कार्यकाल गहराई से सुधार, डिजिटल विस्तार और अधिक व्यापक पहुंच पर केंद्रित होगा।
पीएफआरडीए की बढ़ती भूमिका
2003 में स्थापित PFRDA का कार्य भारत की प्रमुख पेंशन योजनाओं की निगरानी करना है, जिनमें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) शामिल हैं। अब यह योजनाएं केवल वेतनभोगियों तक सीमित नहीं हैं। संस्था अब स्वरोजगार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तक पेंशन पहुँचाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
वर्तमान में भारत में घरों की कुल बचत का केवल 5.7% ही पेंशन परिसंपत्तियों में निवेश होता है। इसे बढ़ाना रमन के नेतृत्व में प्राथमिकता रहेगी।
कौन हैं शिवसुब्रह्मण्यम रमन?
रमन का करियर वित्तीय नियामन, ऑडिट और ई–गवर्नेंस से जुड़ा रहा है। उन्होंने SIDBI के चेयरमैन और एमडी के रूप में सूक्ष्म और लघु उद्योगों के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह National E-Governance Services Ltd (NeSL) के प्रमुख भी रहे और SEBI में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्य किया। इससे पहले, उन्होंने डिप्टी CAG के रूप में ऑडिट कार्यों को संभाला।
उन्होंने इकोनॉमिक्स में स्नातक, दिल्ली विश्वविद्यालय से MBA, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से वित्तीय विनियमन में MSc, और Certified Internal Auditor तथा डिजिटल अधिकारी की उपाधियां प्राप्त की हैं। यह शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें तकनीक–आधारित वित्तीय नियमन के लिए उपयुक्त बनाता है।
आगे की प्राथमिकताएं
रमन के सामने सबसे प्रमुख कार्यों में NPS वात्सल्य योजना को लागू करना होगा, जो माता–पिता द्वारा बच्चों के लिए सेवानिवृत्ति कोष बनाने की अवधारणा पर आधारित है। यह एक दीर्घकालिक योजना है जो भारत के पेंशन ढांचे में परिवर्तन का प्रतीक है।
PFRDA का उद्देश्य पेंशन योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है। अब भी असंगठित क्षेत्र के कई श्रमिक पेंशन विकल्पों से अनभिज्ञ हैं। रमन की डिजिटल विशेषज्ञता इस चुनौती को हल करने में सहायक हो सकती है।
नेतृत्व में परिवर्तन
रमन ने दीपक मोहंती का स्थान लिया है, जिन्होंने मार्च 2023 से यह पद संभाला था। उनकी नियुक्ति 8 अप्रैल 2025 को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित की गई। रमन को प्रति माह ₹5,62,500 वेतन मिलेगा, लेकिन उन्हें कोई आवास या वाहन सुविधा नहीं मिलेगी।
यह बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं है, बल्कि यह भारत की समावेशी, पारदर्शी और भविष्योन्मुख पेंशन प्रणाली की दिशा में एक कदम है।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
सारांश | विवरण |
नियुक्त व्यक्ति | शिवसुब्रह्मण्यम रमन |
पद | अध्यक्ष, PFRDA |
कार्यभार ग्रहण | 20 जून 2025 |
कार्यकाल | 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक |
पूर्व अध्यक्ष | दीपक मोहंती |
प्रमुख पूर्व भूमिकाएं | SIDBI, SEBI, NeSL, CAG |
शैक्षणिक योग्यता | MBA, MSc, LLB, CIA, सिक्योरिटीज लॉ डिप्लोमा |
मासिक वेतन | ₹5,62,500 (कोई घर या वाहन सुविधा नहीं) |
PFRDA स्थापना वर्ष | 2003 |
मुख्य योजनाएं | NPS, अटल पेंशन योजना |
प्रमुख फोकस | पेंशन पहुंच, NPS वात्सल्य, डिजिटल प्रसार |