जुलाई 19, 2025 6:30 अपराह्न

शत्रु संपत्ति की परिभाषा: विरासत और संप्रभुता के बीच कानूनी टकराव

समसामयिक मामले: शत्रु संपत्ति को समझना: विरासत और संप्रभुता के बीच कानूनी संघर्ष, शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968, भारत में शत्रु संपत्ति के संरक्षक, सैफ अली खान पटौदी मामला, भोपाल संपत्ति कानूनी विवाद, भारत-पाक विभाजन प्रवास, शत्रु संपत्ति कानून के तहत विरासत प्रतिबंध, भारत में उच्च न्यायालय के फैसले

Understanding Enemy Property: Legal Conflict Between Heritage and Sovereignty

पृष्ठभूमि: भोपाल की विवादित शाही विरासत

अभिनेता सैफ अली खान की भोपाल की विरासत संपत्तियों को लेकर कानूनी विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उन्हें केंद्र सरकार के उस फैसले को चुनौती देने का निर्देश दिया है जिसमें नूरउससबह पैलेस और फ्लैग स्टाफ हाउस सहित उनकी कई संपत्तियाँ शत्रु संपत्ति घोषित की गई हैं। यह विवाद 2015 में शुरू हुआ, जब उनकी परदादी आबिदा सुल्तान ने 1950 में पाकिस्तान जाकर बसने का निर्णय लिया। इसी आधार पर भारत सरकार ने उनकी संपत्ति का हिस्सा शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कर लिया, जिससे भारत में रह रहे उनके वंशजों के उत्तराधिकार पर असर पड़ा।

शत्रु संपत्ति की परिभाषा और कानूनी स्थिति

शत्रु संपत्ति वे संपत्तियाँ होती हैं जो ऐसे व्यक्तियों द्वारा छोड़ी गई हैं जिन्होंने युद्ध या संघर्ष के दौरान पाकिस्तान या चीन जैसे शत्रु देशों में प्रवास किया हो। ये संपत्तियाँ रक्षा भारत अधिनियम 1962 के तहत आती हैं और इनका प्रबंधन गृह मंत्रालय के अधीनशत्रु संपत्ति संरक्षक द्वारा किया जाता है। एक बार जब किसी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया जाता है, तब उसके उत्तराधिकार या हस्तांतरण का कोई कानूनी अधिकार नहीं रह जाता।

प्रमुख कानूनी ढाँचा: शत्रु संपत्ति अधिनियम और संशोधन

1968 में पारित शत्रु संपत्ति अधिनियम इस कानूनी ढांचे की नींव है। यह अधिनियम स्पष्ट रूप से किसी भी प्रकार के हस्तांतरण या उत्तराधिकार को प्रतिबंधित करता है। 2017 के संशोधन में “शत्रु विषय” की परिभाषा को और व्यापक किया गया, जिसमें यह भी शामिल किया गया कि यदि उत्तराधिकारी भारतीय नागरिक भी हैं, फिर भी वे संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते यदि उनका वंशज किसी शत्रु राष्ट्र में गया हो।

निर्णायक मोड़: महमूदाबाद मामला

इस क्षेत्र में सबसे प्रमुख कानूनी मिसाल महमूदाबाद के राजा से जुड़ी है। उनके पाकिस्तान प्रवास के बाद उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई थी, लेकिन भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने उनके पुत्र के पक्ष में फैसला दिया, जिससे उन्हें संपत्ति वापस मिली। इसके बाद कई परिवारों ने इसी आधार पर याचिकाएँ दायर कीं। इसी कारण, सरकार ने 2017 में कानून को और कड़ा किया, जिससे अदालत द्वारा पहले दिए गए उत्तराधिकार अधिकार भी खत्म हो गए।

प्रबंधन और निष्पादन नीति

2018 में सरकार ने शत्रु संपत्तियों के प्रबंधन और निष्पादन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। इसके तहत संरक्षक को संपत्तियों का मूल्यांकन कर उन्हें नीलाम या वर्तमान निवासियों को बेचने का अधिकार मिला। इस बिक्री से प्राप्त राशि भारत की समेकित निधि में जाती है। 2018 तक, भारत में 9,280 संपत्तियाँ पाकिस्तान से जुड़ी और 126 संपत्तियाँ चीन से जुड़ी थीं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत लगभग ₹1 लाख करोड़ आंकी गई थी।

राष्ट्रीय हित बनाम पारिवारिक अधिकार

शत्रु संपत्ति पर जारी विवाद कानूनी के साथसाथ भावनात्मक मुद्दा भी बन चुका है। सरकार का तर्क है कि राष्ट्रीय हित की रक्षा और विदेशी हस्तक्षेप रोकने के लिए कठोर नियंत्रण जरूरी है। वहीं, सैफ अली खान जैसे परिवारों का कहना है कि भारत में नागरिकता और स्थानीय विरासत के आधार पर उन्हें संपत्ति पर अधिकार मिलना चाहिए। यह मामला अब भारत में संप्रभुता और सांस्कृतिक विरासत के बीच संतुलन को परखने की कसौटी बन गया है।

Static GK Snapshot

तथ्य विवरण
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में पारित, 2017 में संशोधित; उत्तराधिकार निषिद्ध
प्रबंधन प्राधिकरण शत्रु संपत्ति संरक्षक, गृह मंत्रालय
कुल संपत्तियाँ 9,280 (पाकिस्तान से जुड़ी), 126 (चीन से जुड़ी)
कुल अनुमानित मूल्य लगभग ₹1 लाख करोड़
प्रमुख कानूनी मामला महमूदाबाद मामला (संशोधन से पूर्व उत्तराधिकार अनुमत)
निष्पादन नीति नीलामी या अधिभोगकर्ता को बिक्री; राशि समेकित निधि में जमा

Understanding Enemy Property: Legal Conflict Between Heritage and Sovereignty
  1. शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में पारित हुआ, जिससे दुश्मन देश गए लोगों की संपत्तियों को नियंत्रित किया जा सके।
  2. गृह मंत्रालय के अधीन शत्रु संपत्ति के संरक्षक भारत में ऐसी संपत्तियों की निगरानी करते हैं।
  3. सैफ अली खान वर्तमान में भोपाल की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किए जाने के खिलाफ अदालत में लड़ रहे हैं।
  4. नूरउससबह पैलेस और फ्लैग स्टाफ हाउस जैसी संपत्तियाँ विवादित विरासत का हिस्सा हैं।
  5. यह कानूनी विवाद 1950 में आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान प्रवास से उत्पन्न हुआ
  6. एक बार शत्रु संपत्ति घोषित हो जाने पर, वह बेची, स्थानांतरित या उत्तराधिकार में प्राप्त नहीं की जा सकती
  7. यह अधिनियम 1962 के डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स के अंतर्गत आता है, जिसे युद्धकालीन आपात स्थिति में बनाया गया था।
  8. 2017 के संशोधनों ने इस कानून को और कठोर बना दिया, यहां तक कि भारतीय नागरिकों के लिए भी विरासत पर रोक लगा दी।
  9. संशोधन में शत्रु विषयकी परिभाषा का विस्तार किया गया ताकि सभी पारिवारिक दावों को खारिज किया जा सके।
  10. महमूदाबाद के राजा का मामला इस विषय में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने विरासत को मान्यता दी थी (2017 से पहले)।
  11. सुप्रीम कोर्ट ने महमूदाबाद के पुत्र के पक्ष में फैसला दिया, जिससे देशभर में कई कानूनी याचिकाएँ दायर हुईं।
  12. इसके जवाब में, सरकार ने कानून को सख्त बनाकर 2017 के बाद किसी भी उत्तराधिकार की संभावना समाप्त कर दी
  13. 2018 तक, भारत में 9,280 संपत्तियाँ पाकिस्तान से और 126 चीन से संबंधित शत्रु संपत्तियाँ थीं।
  14. इन संपत्तियों की अनुमानित कुल मूल्य लगभग ₹1 लाख करोड़ है।
  15. 2018 की नीति के अनुसार, खाली शत्रु संपत्तियाँ नीलाम की जा सकती हैं या वर्तमान निवासियों को बेची जा सकती हैं
  16. बिक्री से प्राप्त राजस्व भारत के समेकित कोष (Consolidated Fund of India) में जमा होता है।
  17. भोपाल संपत्ति विवाद विरासत अधिकारों और राष्ट्रीय संप्रभुता के बीच के तनाव को उजागर करता है
  18. शत्रु संपत्ति कानून का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना और उनके दुरुपयोग को रोकना है।
  19. विवाद इस बात पर केंद्रित है — नागरिकता बनाम वंशावली: क्या भारतीय नागरिक अपनेशत्रुपूर्वजों से संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं?
  20. यह मामला व्यक्तिगत अधिकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संवैधानिक संतुलन का परीक्षण बन गया है।

Q1. शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. सैफ अली खान की भोपाल स्थित पुश्तैनी संपत्ति विवाद में क्यों आई?


Q3. 2017 संशोधन से पहले किस प्रमुख सुप्रीम कोर्ट केस ने दुश्मन संपत्ति की विरासत की अनुमति दी थी?


Q4. भारत में दुश्मन संपत्तियों के प्रबंधन और निपटान की निगरानी कौन करता है?


Q5. 2018 की निपटान नीति के तहत दुश्मन संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त आय का क्या होता है?


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