प्राचीन शिकारी को दोबारा जीवन मिला
अमेरिका के टेक्सास स्थित Colossal Biosciences नामक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी ने 12,500 वर्ष पूर्व विलुप्त हो चुके डायर वुल्फ को जीन संपादन तकनीक से दोबारा जीवन देने में सफलता प्राप्त की है। दो नर पिल्लों—रोमुलस और रेमस, और बाद में एक मादा ‘खलीसी‘ का जन्म इस क्षेत्र में जेनेटिक डी–एक्सटिंक्शन (विलुप्ति पलटाव) की ऐतिहासिक उपलब्धि बन गया है। यह प्रयास वैज्ञानिक और संरक्षण जगत में वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है।
डायर वुल्फ कौन थे?
डायर वुल्फ (Aenocyon dirus) प्लाइस्टोसीन युग के एक शक्तिशाली शिकारी थे। हालांकि यह आधुनिक ग्रे वुल्फ जैसा दिखता था, डायर वुल्फ आकार में बड़ा, अधिक मांसल और मजबूत जबड़ों वाला था—जो बाइसन और घोड़े जैसे बड़े जानवरों का शिकार करने में सक्षम था। यह किसी काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि एक वास्तविक प्रजाति थी, जिसका अस्तित्व पर्यावरणीय परिवर्तन और संभवतः मानव शिकार के कारण समाप्त हो गया।
पुनर्जीवन की जटिल प्रक्रिया
पुनर्जीवन प्रक्रिया में वैज्ञानिकों ने 13,000 साल पुराने दांत और 72,000 साल पुराने खोपड़ी से DNA निकाला और डायर वुल्फ का जीनोम पुनर्निर्मित किया। इस जीनोम की ग्रे वुल्फ से तुलना की गई और फिर CRISPR-जैसी एडवांस जीन एडिटिंग तकनीक का उपयोग कर डायर वुल्फ के लक्षणों को अंडाणुओं में जोड़ा गया। इन भ्रूणों को सुरोगेट कुत्तों के माध्यम से जन्म दिलाया गया।
नैतिक और वैज्ञानिक चिंताएँ
हालांकि ये पिल्ले 99.5% DNA ग्रे वुल्फ से साझा करते हैं, वे पूर्णतः मूल डायर वुल्फ नहीं हैं। मुख्य चिंता यह है कि इन जानवरों में आधुनिक वुल्फ जैसी सामाजिक प्रवृत्तियाँ नहीं पाई गईं और वे एकाकी व्यवहार प्रदर्शित करते हैं—जो फॉसिल रिकॉर्ड से मेल खाता है, परंतु वन्य में दोबारा छोड़ने के लिए समस्याजनक हो सकता है। इस पर सवाल उठ रहा है—क्या ये असली डायर वुल्फ हैं या सिर्फ एक जेनेटिक विकल्प?
विलुप्त प्रजातियों की वापसी का भविष्य
Colossal Biosciences यहीं नहीं रुकेगी। कंपनी वूली मैमथ और डोडो जैसी अन्य विलुप्त प्रजातियों को भी वापस लाने की योजना बना रही है। हालांकि वैज्ञानिकों और संरक्षणवादियों में उत्साह है, आलोचक चेतावनी देते हैं कि अगर इन प्रजातियों को आधुनिक परिवेश में छोड़ा गया तो पारिस्थितिक असंतुलन हो सकता है।
उम्मीद या अति आत्मविश्वास?
यह उपलब्धि जैव विविधता संरक्षण के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलती है, खासकर जब दुनिया विलुप्ति संकट के दौर से गुजर रही है। विलुप्त प्रजातियों को दोबारा शामिल कर पारिस्थितिक तंत्र की बहाली संभव हो सकती है, लेकिन सवाल यह भी उठता है—क्या हमें ऐसा सिर्फ इसलिए करना चाहिए क्योंकि हम कर सकते हैं?, या फिर मौजूदा संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने पर अधिक ध्यान देना चाहिए?
स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)
विषय | विवरण |
पुनर्जीवित प्रजाति | डायर वुल्फ (Aenocyon dirus) |
पुनर्जीवन कंपनी | Colossal Biosciences (टेक्सास, USA) |
पिल्लों के नाम | रोमुलस, रेमस, खलीसी |
डीएनए स्रोत | 13,000 साल पुराना दांत, 72,000 साल पुरानी खोपड़ी |
सबसे करीबी जीवित संबंधी | ग्रे वुल्फ |
जीन संपादन तकनीक | उन्नत CRISPR-जैसी जीन एडिटिंग |
पुनर्जीवन स्थान | 2,000 एकड़ सुरक्षित परिसर, USA |
अन्य लक्ष्य प्रजातियाँ | वूली मैमथ, डोडो |
पहला जन्म | अक्टूबर 2024 (रोमुलस और रेमस), जनवरी 2025 (खलीसी) |
नैतिक चिंता | असली प्रजाति से व्यवहारिक और सामाजिक भिन्नता |