तमिलनाडु से इसरो की शीर्ष पद तक की यात्रा
7 जनवरी 2025 को डॉ. वी. नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने 14 जनवरी 2025 को आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। नागरकोइल, तमिलनाडु के निवासी डॉ. नारायणन की यात्रा एक छोटे शहर के छात्र से लेकर भारत के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने तक प्रेरणादायक रही है। उन्होंने IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में M.Tech (सिल्वर मेडलिस्ट) और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है।
चार दशकों की रॉकेट विज्ञान में उपलब्धियाँ
1984 में इसरो से जुड़ने के बाद डॉ. नारायणन ने भारत के रॉकेट प्रणोदन प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रारंभ में ASLV और PSLV कार्यक्रमों में योगदान दिया और 2018 में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक बने। उनके नेतृत्व में भारत ने क्रायोजेनिक इंजन तकनीक में बड़ी प्रगति की, जिससे भारी रॉकेट प्रक्षेपण और अंतरग्रहीय मिशन संभव हुए।
प्रमुख मिशन जो उनके योगदान को परिभाषित करते हैं
- GSLV Mk III (LVM3): इसके परियोजना निदेशक के रूप में उन्होंने भारत के सबसे भारी रॉकेट का विकास किया, जो अब गगनयान मिशन का आधार है।
• चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3: उनकी क्रायोजेनिक विशेषज्ञता ने चंद्र अभियानों में सटीक इंजन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
• गगनयान ह्यूमन रेटिंग: उन्होंने LVM3 को मानव मिशनों के लिए सुरक्षित बनाने हेतु आवश्यक संशोधनों की निगरानी की।
• उनके प्रणोदन प्रणाली डिज़ाइन ने भारत की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को भी सशक्त बनाया, जिससे ISRO वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में प्रतिस्पर्धी बना।
सम्मान और पुरस्कार: वैज्ञानिक उत्कृष्टता की पहचान
डॉ. नारायणन को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं:
• गोल्ड मेडल – एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया
• ISRO उत्कृष्ट उपलब्धि पुरस्कार
• IIT खड़गपुर से विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार
• सत्यभामा यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट (2018)
• राष्ट्रीय डिज़ाइन पुरस्कार (2019)
ये सभी सम्मान उनकी तकनीकी प्रतिभा और अंतरिक्ष अभियांत्रिकी में रणनीतिक दृष्टिकोण को प्रमाणित करते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए
विषय | विवरण |
नए इसरो अध्यक्ष | डॉ. वी. नारायणन |
नियुक्ति तिथि | 7 जनवरी 2025 |
पदभार ग्रहण | 14 जनवरी 2025 |
पूर्ववर्ती अध्यक्ष | एस. सोमनाथ |
जन्मस्थान | नागरकोइल, तमिलनाडु |
शिक्षा | M.Tech (IIT खड़गपुर), पीएचडी – एयरोस्पेस इंजीनियरिंग |
इसरो में शामिल हुए | 1984 |
प्रमुख भूमिकाएँ | LPSC निदेशक, GSLV Mk III परियोजना प्रमुख |
प्रमुख मिशन | GSLV Mk III, चंद्रयान-2, चंद्रयान-3, गगनयान |
इसरो की स्थापना | 1969, डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा |