भारत का पहला गहरे पानी वाला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट चालू हुआ
2 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम के पास स्थित विषिण्जम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह भारत का पहला पूर्णत: गहरे पानी वाला और अर्ध–स्वचालित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल है। यह बंदरगाह केरल सरकार और अदानी विषिण्जम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (AVPPL) के बीच सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया गया है। इसकी विशाल क्षमता भारत की समुद्री लॉजिस्टिक्स प्रणाली में बदलाव लाएगी।
रणनीतिक स्थान और आर्थिक महत्व
विषिण्जम बंदरगाह अंतर्राष्ट्रीय ईस्ट–वेस्ट शिपिंग मार्ग से केवल 10 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित है, जिससे यह सीधे मदर वेसल्स को संभाल सकता है और भारत को कोलंबो या सिंगापुर जैसे विदेशी बंदरगाहों पर निर्भर होने से मुक्त करता है। इस बंदरगाह की प्राकृतिक गहराई 20 मीटर से अधिक है, जिससे खुदाई की आवश्यकता नहीं होती — यह लागत-कुशल और पर्यावरण के लिए लाभकारी है। इससे केरल की अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ-साथ भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार केंद्र के रूप में भी पहचान मिलेगी।
आधारभूत संरचना और निजी क्षेत्र की भागीदारी
2015 के अनुबंध समझौते के अंतर्गत ₹18,000 करोड़ की लागत से उन्नत आधारभूत संरचना विकसित की गई। अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ), जो भारत और विदेशों में 15 बंदरगाहों का संचालन करता है, इस पोर्ट का संचालन कर रहा है। वाणिज्यिक संचालन 2024 में शुरू हो चुका है और अब तक 265 जहाज और 5.48 लाख टीईयू (Twenty-foot Equivalent Units) संभाले जा चुके हैं। जुलाई 2024 में एमवी सान फर्नांडो नामक पहला मदर शिप यहाँ लंगर डाला, जो इस टर्मिनल की कार्यक्षमता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय और वैश्विक प्रभाव
इस परियोजना से भारत की विदेशी बंदरगाहों पर ट्रांसशिपमेंट निर्भरता में कमी आएगी और लॉजिस्टिक्स लागत घटेगी। यह भारत की “मेक इन इंडिया” पहल को समर्थन देता है, क्योंकि इससे निर्यात माल का परिवहन तेज होगा। वैश्विक स्तर पर यह बंदरगाह भारत को इंडो–पैसिफिक समुद्री गलियारे में प्रतिस्पर्धात्मक बनाता है, विशेष रूप से मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के व्यापार में। यह बंदरगाह सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट आधारित विकास को भी गति देगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
उद्घाटन तिथि | 2 मई 2025 |
उद्घाटनकर्ता | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
स्थान | विषिण्जम, तिरुवनंतपुरम के पास, केरल |
पोर्ट का प्रकार | गहरे पानी वाला, अर्ध-स्वचालित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल |
विकास मॉडल | सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) |
साझेदार | केरल सरकार + अदानी विषिण्जम पोर्ट प्रा. लि. |
कुल निवेश | ₹18,000+ करोड़ |
अब तक संभाले गए टीईयू | 5.48 लाख |
पहला मदर शिप आगमन | जुलाई 2024 (MV San Fernando) |
महत्व | राज्य सरकार द्वारा विकसित पहला ग्रीनफील्ड पोर्ट; व्यापार को बढ़ावा |
संचालक | अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ) |
अंतरराष्ट्रीय संपर्क | ईस्ट-वेस्ट शिपिंग लेन के समीप; एशिया-अफ्रीका व्यापार संपर्क |