सीमावर्ती गांवों को सशक्त करने की नई शुरुआत
भारत के सीमावर्ती गांव केवल दूर-दराज की बस्तियाँ नहीं हैं—ये राष्ट्रीय सुरक्षा की अग्रिम पंक्तियाँ हैं। जीवंत गांव योजना (VVP) के दूसरे चरण को स्वीकृति देकर भारत सरकार ने इन गांवों को अवसर और आत्मनिर्भरता के केंद्रों में बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। ₹6,839 करोड़ के बजट से समर्थित यह चरण 2028–29 तक चलेगा और पहले चरण के चीन सीमा तक सीमित क्षेत्र से आगे बढ़कर अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करेगा।
सुरक्षा और विकास के आधारभूत स्तंभ
इस योजना का मूल उद्देश्य है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पास जीवन स्तर में सुधार हो। योजना के तहत सड़कें, बिजली लाइनें, टेलीकॉम कनेक्टिविटी और बुनियादी अवसंरचना बनाई जाएगी, खासकर 0–10 किमी सीमा क्षेत्र में बसे गांवों में। इसका उद्देश्य केवल सुविधाएं बढ़ाना नहीं, बल्कि सीमा पार अपराधों को रोकना और स्थानीय निवासियों के मनोबल को ऊंचा करना भी है। इन गांवों के स्कूलों में SMART क्लास की सुविधा दी जाएगी, और सांस्कृतिक पर्यटन सर्किटों के माध्यम से गांवों को जोड़ा जाएगा।
100% केंद्रीय वित्त पोषण और सीधी निगरानी
VVP-II की सबसे खास बात है कि यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित (100% Central Sector Scheme) है। इससे योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन संभव होता है। एक उच्च-स्तरीय निगरानी समिति को तत्काल समायोजन की शक्ति दी गई है ताकि योजनाएं प्रभावी रूप से लागू हों और प्रत्येक लाभार्थी तक पहुँचा जा सके।
संस्कृति और उद्यम के माध्यम से समुदायों को जोड़ना
VVP-II का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है—बल्कि यह जनभागीदारी को भी प्राथमिकता देता है। अधिकारियों की नियमित यात्राएं, मेले, उत्सव और जागरूकता शिविर गांवों में नई ऊर्जा लाएँगे। स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को कौशल विकास, पर्यटन, कृषि सहकारिता, तथा स्वास्थ्य, स्वच्छता और सस्ती आवास योजनाओं से लाभ होगा।
देशव्यापी भूगोलिक विस्तार
यह योजना हिमाचल प्रदेश से अरुणाचल प्रदेश तक, लद्दाख से उत्तराखंड तक, भारत के 15 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के सीमावर्ती गांवों को शामिल करती है। ये वे क्षेत्र हैं जो अक्सर विकास से उपेक्षित रह जाते हैं लेकिन देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
आगे की राह: मजबूत सीमाएं, समृद्ध गांव
भारत अपने सीमा क्षेत्रों में निवेश कर केवल सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर रहा, बल्कि वह लोगों को सशक्त भी कर रहा है। यह योजना दर्शाती है कि विकास भी राष्ट्रीय सुरक्षा का साधन बन सकता है। आने वाले वर्षों में, ये गांव भारत की रणनीतिक संपत्तियों के रूप में उभर सकते हैं।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
| विषय | विवरण |
| योजना का नाम | जीवंत गांव योजना (द्वितीय चरण) |
| प्रथम चरण की शुरुआत वर्ष | 2023 |
| द्वितीय चरण के लिए अनुमोदित बजट | ₹6,839 करोड़ |
| कार्यान्वयन अवधि | 2028–29 तक |
| वित्तपोषण मॉडल | 100% केंद्रीय क्षेत्र योजना |
| कवरेज | 15 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के सीमावर्ती गांव |
| सीमा से दूरी | अंतरराष्ट्रीय सीमा से 0–10 किमी |
| प्रमुख घटक | अवसंरचना, SMART क्लास, पर्यटन, आवास |
| निगरानी निकाय | उच्च-स्तरीय निगरानी समिति |
| फोकस क्षेत्र | कनेक्टिविटी, सुरक्षा, संस्कृति, स्थानीय अर्थव्यवस्था |
| Static GK महत्व | सीमा विकास, भारत की राष्ट्रीय योजनाएँ |





