वन स्वीकृति प्रक्रिया की समीक्षा
वन सलाहकार समिति (FAC) ने हाल ही में प्रमुख बुनियादी ढांचा और औद्योगिक परियोजनाओं को वन स्वीकृति देने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव रखा है। इस पहल का उद्देश्य प्रक्रियात्मक विलंब को कम करना है, साथ ही पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित करना भी है। यह प्रस्ताव पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा शुरू किए गए व्यापक सुधारों का हिस्सा है।
वन सलाहकार समिति क्या है?
FAC एक वैधानिक निकाय है, जिसे वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत गठित किया गया है। इसका कार्य खनन, सड़क निर्माण, बांध आदि जैसे गैर–वानिकी प्रयोजनों के लिए वन भूमि के उपयोग के प्रस्तावों का मूल्यांकन करना है। समिति केंद्र सरकार को सिफारिशें प्रस्तुत करती है, लेकिन अंतिम निर्णय मंत्रालय द्वारा लिया जाता है।
Static GK तथ्य: वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 का उद्देश्य वनों की अंधाधुंध कटाई रोकना और गैर–वन उपयोग के लिए केंद्रीय पूर्वानुमति आवश्यक बनाना था।
भूमिका और सीमाएँ
FAC की सिफारिशात्मक भूमिका होती है, यह कोई कार्यकारी निर्णय नहीं लेती। यह परियोजनाओं के पर्यावरणीय प्रभाव, विकल्पों और संरक्षण उपायों का आकलन करती है। वर्तमान में प्रस्तावित सुधारों का उद्देश्य है रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं (विशेषकर सीमावर्ती और आदिवासी क्षेत्रों में) को तेजी से स्वीकृति देना, बिना पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों में कमी किए।
पर्यावरण बनाम विकास की बहस
जहां यह सुधार परियोजनाओं की समयबद्ध स्वीकृति के लिए जरूरी माने जा रहे हैं, वहीं पर्यावरणविद् चेतावनी दे रहे हैं कि इससे जल्दबाजी में स्वीकृति दी जा सकती है, जिससे प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो सकता है। वहीं नीतिनिर्माताओं का कहना है कि इन विलंबों से अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और अधोसंरचना क्षेत्रों में विकास धीमा हुआ है।
Static GK टिप: भारत का वन क्षेत्र लगभग 21.71% है (ISFR 2021 के अनुसार), जो देश की भौगोलिक सीमा का पांचवां हिस्सा है।
परीक्षार्थियों के लिए महत्व
FAC जैसे निकायों की भूमिका को समझना प्रीलिम्स और मेन्स में पर्यावरणीय शासन और नीति सुधारों के प्रश्नों के लिए महत्वपूर्ण है। यह वातावरण और पारिस्थितिकी विषय के अंतर्गत सीधे आता है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
समिति का नाम | वन सलाहकार समिति (FAC) |
विधिक आधार | वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 |
मंत्रालय | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) |
भूमिका की प्रकृति | सलाहकार (executive अधिकार नहीं) |
मुख्य कार्य | गैर-वन उपयोग के लिए वन भूमि डायवर्जन पर सिफारिश देना |
हालिया अपडेट | वन स्वीकृति प्रक्रिया को सरल करने का प्रस्ताव |
अधिनियम पारित | 1980 |
भारत का वन क्षेत्र | लगभग 21.71% (ISFR 2021) |
प्रभावित परियोजनाएं | खनन, सड़क, रेलवे, रक्षा, उद्योग |
अंतिम स्वीकृति | MoEFCC द्वारा |