अकादमिक पहुंच में बाधाओं का अंत
25 नवंबर 2024 को, भारत सरकार ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) नामक एक ऐतिहासिक योजना की घोषणा की। इसका उद्देश्य देश के सभी सरकारी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को 13,000+ अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नलों तक निःशुल्क और समान पहुंच देना है। बिहार के ग्रामीण छात्र से लेकर IIT मद्रास के वैज्ञानिक तक, अब सभी को विश्व स्तरीय शैक्षणिक सामग्री समान रूप से उपलब्ध होगी।
क्यों ONOS एक गेम-चेंजर है
Elsevier और Springer जैसे प्रमुख प्रकाशकों की जर्नल्स तक पहुंच वर्षों से केवल प्रतिष्ठित संस्थानों तक सीमित थी। छोटे कॉलेजों के पास यह खर्च उठाने की क्षमता नहीं थी। ONOS एक केंद्रीकृत फंडिंग मॉडल के माध्यम से इस समस्या का समाधान करता है—अब किसी संस्थान को अलग से भुगतान नहीं करना होगा। यह शिक्षा में समान अवसर की दिशा में बड़ा कदम है।
ONOS नीति सुनिश्चित करती है कि 1.8 करोड़ उपयोगकर्ता—छात्र, शिक्षक, शोधकर्ता—चिकित्सा से लेकर मानविकी तक सभी विषयों में इसका लाभ उठा सकें। अब छत्तीसगढ़ का एक टियर-3 कॉलेज भी IIM या AIIMS जैसी गुणवत्ता वाली सामग्री तक पहुँच सकेगा।
INFLIBNET के माध्यम से एकीकृत डिजिटल पहुंच
यह योजना UGC के तहत एक स्वायत्त निकाय INFLIBNET द्वारा संचालित की जाएगी। उपयोगकर्ता डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सीधे जर्नल्स तक पहुँच सकेंगे—न कोई फॉर्म, न कोई मंजूरी प्रक्रिया। लॉगिन करें और पढ़ना शुरू करें—इतना सरल, प्रभावी और डेस्कटॉप से लेकर मोबाइल तक कार्यात्मक।
बड़ा बजट, और भी बड़ा विजन
सरकार ने ONOS के लिए 2025–2027 तक ₹6,000 करोड़ का भारी भरकम बजट आवंटित किया है। यह राशि सभी सब्सक्रिप्शन लागतों को कवर करेगी। साथ ही, ₹150 करोड़ प्रतिवर्ष ऐसे शोधकर्ताओं के लिए निर्धारित किए गए हैं, जो ओपन–एक्सेस जर्नलों में लेख प्रकाशित करते हैं—इससे भारतीय अनुसंधान को वैश्विक मंच मिलेगा।
लॉन्च टाइमलाइन और रोलआउट योजना
ONOS का पहला चरण 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा, जिसमें 6,300+ सार्वजनिक संस्थान शामिल होंगे। साथ ही, योजना के अंतर्गत भारतीय विद्वानों को उच्च प्रभाव वाले जर्नलों में प्रकाशित करने के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसका उद्देश्य है कि भारत केवल ज्ञान का उपभोक्ता न रहे, बल्कि वैश्विक अकादमिक योगदानकर्ता भी बने।
भारत के बड़े अनुसंधान लक्ष्यों से जुड़ा
ONOS, विकसित भारत@2047 पहल का हिस्सा है—जो भारत को 100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ तक नवाचार महाशक्ति बनाना चाहता है। यह ANRF (अनुसंधान राष्ट्रीय फाउंडेशन) को भी मजबूत करता है, जो उच्च स्तरीय अनुसंधान का समर्थन करता है। यह पहलें मिलकर भारत की ज्ञान अर्थव्यवस्था और अकादमिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेंगी।
असम से हार्वर्ड तक समान मानक
कल्पना कीजिए—असम का एक जूलॉजी छात्र, हार्वर्ड के छात्र की तरह उसी दिन वही समुद्री जीवविज्ञान पेपर पढ़ता है, वह भी बिना कोई खर्च किए। या फिर एक सरकारी स्कूल का शिक्षक, AI या जलवायु परिवर्तन पर नवीनतम जर्नल पढ़कर बच्चों को सिखाता है। यही है ONOS की ताकत—समान जानकारी, समान प्रगति का अवसर।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
ONOS का पूर्ण रूप | वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन |
घोषणा की तिथि | 25 नवंबर 2024 |
पहला लॉन्च चरण | 1 जनवरी 2025 |
कवरेज संस्थान | 6,300+ सरकारी कॉलेज और अनुसंधान केंद्र |
कुल बजट | ₹6,000 करोड़ (2025–2027) |
APC वार्षिक सहायता | ₹150 करोड़ |
लाभार्थी | 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक, शोधकर्ता |
प्रबंधन निकाय | INFLIBNET (UGC के अंतर्गत) |
संबंधित दृष्टि | विकसित भारत@2047, ANRF |