सांस्कृतिक सशक्तिकरण को मिली केंद्रीय भूमिका
राजघाट, नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा उद्घाटित लोक संवर्धन पर्व केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि भारत के अल्पसंख्यक समुदायों की कला, परंपरा और पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का अभियान है। यह उत्सव सरकार के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के मंत्र को साकार करता है। इसका उद्देश्य सभी समुदायों को समान अवसर देकर समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।
कारीगरों को मिला राष्ट्रीय मंच
कार्यक्रम में मंत्री रिजिजू ने ग्रामीण और अर्ध–शहरी क्षेत्रों के कारीगरों की विशिष्ट कला की सराहना की और उन्हें वैश्विक बाजार से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। लोक संवर्धन पर्व कारीगरों को सिर्फ अपना उत्पाद प्रदर्शित करने का मौका नहीं देता, बल्कि खरीदारों, नीति–निर्माताओं और संस्थानों से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करता है। यह प्रयास स्थानीय से वैश्विक (Local to Global) की दिशा में बड़ा कदम है।
भारत की हस्तनिर्मित परंपरा में गहने, वस्त्र, बर्तन और सजावटी सामान जैसी अनेक विधाएं हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रही हैं। यह आयोजन लोककला को संरक्षित करने के साथ-साथ कारीगरों की आर्थिक स्थिति सुधारने का माध्यम भी बनता है।
विरासत शिल्पों की झलक
इस महोत्सव में कई राज्यों की पारंपरिक शिल्पकलाएं प्रमुखता से प्रस्तुत की गईं, जैसे:
- लाख की चूड़ियाँ – राजस्थान की चमकदार हस्तकला
- ब्लू पॉटरी – जयपुर की ईरानी मूल वाली विशिष्ट कला
- बनारसी ब्रोकेड – वाराणसी का शाही वस्त्र शिल्प
- फुलकारी कढ़ाई – पंजाब की जीवंत कढ़ाई परंपरा
- चमड़ा शिल्प – आदिवासी समुदायों द्वारा निर्मित उपयोगी वस्तुएं
- लकड़ी पर चित्रकारी और क्षेत्रीय कढ़ाई के नमूने
ये सभी कृतियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक ज्ञान का प्रतीक हैं।
संगीत, नृत्य और स्वादों का महोत्सव
दृश्य कला के साथ-साथ, आयोजन में लोक संगीत, पारंपरिक नृत्य और क्षेत्रीय व्यंजन भी लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। फोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत धुनें और प्रस्तुतियां भारत की विविध सांस्कृतिक धारा को मंच पर जीवंत करती हैं। भोजन कक्षों में मसालेदार अचार, पारंपरिक मिठाइयाँ और स्थानीय विशेष पकवानों की महक, उत्सव का एक अनोखा पहलू बन जाती है।
सशक्तिकरण की योजनाएं भी प्रदर्शित
यह पर्व जनशिक्षा मंच की तरह भी कार्य करता है, जहां आगंतुकों को बताया जाता है कि सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के सशक्तिकरण के लिए क्या कर रही है। वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता प्रोत्साहन, और माइक्रो–उद्यम विकास जैसी योजनाओं पर आधारित स्टॉल और प्रदर्शनी लगाई गई हैं। यह पहल पारंपरिक कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम योगदान देती है।
Static GK Fact: अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय वर्ष 2006 में स्थापित हुआ था। नई रोशनी, उस्ताद और सीखो और कमाओ जैसी योजनाओं के माध्यम से यह मंत्रालय लगातार अल्पसंख्यकों के सामाजिक–आर्थिक उत्थान की दिशा में कार्यरत है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
कार्यक्रम का नाम | लोक संवर्धन पर्व |
स्थान | राजघाट, नई दिल्ली |
उद्घाटनकर्ता | केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू |
प्रमुख उद्देश्य | अल्पसंख्यक समुदायों का सशक्तिकरण |
प्रमुख शिल्प | लाख चूड़ियाँ, ब्लू पॉटरी, बनारसी ब्रोकेड, फुलकारी, चमड़ा शिल्प |
सांस्कृतिक तत्व | लोक नृत्य, क्षेत्रीय संगीत, पारंपरिक भोजन |
सरकारी योजनाएं | कौशल विकास, वित्तीय सहायता, कारीगर सहयोग |
आयोजन मंत्रालय | अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय |
मंत्रालय की स्थापना वर्ष | 2006 |
मूल मंत्र | सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास |