जुलाई 21, 2025 2:00 पूर्वाह्न

लोकसभा में छह नई भाषाओं की रियल-टाइम अनुवाद सेवा में जोड़: भाषायी समावेशन की दिशा में बड़ा कदम

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Lok Sabha Adds Six More Languages to Real-Time Translation Services

संसद में भाषाई पहुंच का विस्तार

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद की रियलटाइम अनुवाद सेवा में छह नई भाषाओं को शामिल करने की घोषणा की है। ये भाषाएँ हैं – बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संस्कृत और उर्दू। यह पहल भारत की भाषाई विविधता और लोकतांत्रिक समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है, ताकि सभी सांसद अपनी मातृभाषा में प्रभावी रूप से भाग ले सकें।

10 से बढ़कर 16 भाषाओं तक: समावेश का दायरा विस्तारित

इससे पहले, लोकसभा में 10 भारतीय भाषाओं (हिंदी और अंग्रेज़ी के अलावा) में अनुवाद की सुविधा थी — जैसे कि असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगु और हिंदी
अब यह संख्या बढ़कर 16 हो गई है, और यह भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची की 22 भाषाओं में से 16 को कवर करती है।
ओम बिड़ला ने संकेत दिया कि जैसे-जैसे तकनीकी बुनियादी ढांचा और प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध होंगे, सभी 22 भाषाओं को कवर करने की योजना है।

वैश्विक लोकतंत्र में पहली बार

यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर पहला ऐसा संसद लोकतंत्र बनाती है जहाँ इतने बड़े पैमाने पर रियलटाइम बहुभाषी अनुवाद सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। कई अंतर्राष्ट्रीय विधायी संस्थानों ने इस पहल की सराहना की है।

संस्कृत को लेकर विवाद

संस्कृत को अनुवाद सूची में शामिल किए जाने पर डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने विरोध जताया। उन्होंने तर्क दिया कि 2011 की जनगणना के अनुसार संस्कृत बोलने वालों की संख्या मात्र 73,000 है, इसलिए संसाधनों को अन्य प्रमुख भाषाओं की ओर प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
जवाब में, ओम बिड़ला ने कहा कि संस्कृत भारत की सांस्कृतिक और भाषायी धरोहर है और इसका संरक्षण लोकतांत्रिक उद्देश्य के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्तराधिकार का भी हिस्सा है।

लोकतांत्रिक भाषा समानता की ओर

यह कदम उस लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का हिस्सा है जहाँ प्रत्येक सांसद को अपनी मातृभाषा में बोलने का अधिकार है। इससे संसद में प्रतिनिधित्व की गुणवत्ता और भागीदारी की व्यापकता दोनों में सुधार की अपेक्षा है।
भारत जैसे बहुभाषी देश के लिए यह बदलाव शासन में भाषा के अंतर को पाटने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान (STATIC GK SNAPSHOT)

विषय विवरण
घोषणा करने वाले ओम बिड़ला, लोकसभा अध्यक्ष
घोषणा की तिथि फरवरी 2025
जोड़ी गई नई भाषाएँ बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संस्कृत, उर्दू
पहले से शामिल भाषाएँ असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, तमिल, तेलुगु, हिंदी, अंग्रेज़ी
कुल समर्थित भाषाएँ 16
आठवीं अनुसूची में भाषाएँ 22
संस्कृत वक्ताओं की संख्या (2011) लगभग 73,000
विवाद उठाने वाले दयानिधि मारन (डीएमके सांसद)
अध्यक्ष का तर्क सांस्कृतिक संरक्षण पर ज़ोर
वैश्विक उपलब्धि बहुभाषी अनुवाद सेवा प्रदान करने वाली पहली संसद
Lok Sabha Adds Six More Languages to Real-Time Translation Services
  1. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने फरवरी 2025 में रीयल-टाइम अनुवाद के लिए 6 नई भाषाओं को शामिल करने की घोषणा की।
  2. जो नई भाषाएँ जोड़ी गई हैं वे हैं – बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संस्कृत और उर्दू
  3. अब अनुसूची 8 की 22 में से 16 भाषाओं को लोकसभा में अनुवाद सुविधा प्राप्त है।
  4. इस पहल का उद्देश्य भाषाई समावेशन और लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।
  5. हिंदी और अंग्रेज़ी प्रमुख भाषाएँ बनी हुई हैं, जिनके साथ क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद होता है।
  6. इससे पहले असमिया, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलुगु आदि भाषाएँ शामिल थीं।
  7. भारत पहला लोकतंत्र बन गया है जिसने इतने बड़े स्तर पर रीयलटाइम बहुभाषीय अनुवाद को सक्षम किया है।
  8. यह सुधार सांसदों को अपनी मातृभाषा में बोलने की अनुमति देता है, जिससे संसद में भागीदारी बेहतर होती है।
  9. संस्कृत को शामिल करने के निर्णय पर संसद में विवाद हुआ।
  10. डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 73,000 संस्कृत बोलने वालों का हवाला देकर विरोध किया।
  11. अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संस्कृत को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के आधार पर उचित ठहराया।
  12. आलोचकों ने पहले ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं को शामिल करने की मांग की।
  13. यह कदम शासन में भाषा समानता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  14. अब संसद में दुनिया की सबसे विविध भाषाई प्रणाली में से एक है।
  15. यह कदम विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि वाले सांसदों की प्रतिनिधित्व को मज़बूती देता है।
  16. इससे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के सांसदों की भागीदारी में मदद मिलेगी।
  17. बहुभाषीय देश में संसदीय समावेशन, लोकतंत्र को मज़बूत बनाने की कुंजी है।
  18. अगले चरण में अनुसूची 8 की सभी 22 भाषाओं को शामिल करने की योजना है।
  19. संविधान की अनुसूची 8 के तहत मान्यता, भाषा समावेशन का आधार है।
  20. यह पहल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देती है, साथ ही संसद में क्षेत्रीय पहचान को भी बनाए रखती है।

Q1. अब लोकसभा की रीयल-टाइम ट्रांसलेशन प्रणाली में कुल कितनी भाषाओं को समर्थन प्राप्त है?


Q2. 2025 में संसद में अनुवाद सेवाओं के विस्तार की घोषणा किसने की?


Q3. किस भाषा को शामिल किए जाने पर लोकसभा में विवाद उत्पन्न हुआ?


Q4. संविधान की आठवीं अनुसूची में कुल कितनी भाषाएं सूचीबद्ध हैं?


Q5. किस सांसद ने जनगणना डेटा का हवाला देकर संस्कृत के समावेश का विरोध किया?


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