हिमाचल में लैंटाना का व्यापक प्रसार
Lantana camara, जो मूलतः दक्षिण और मध्य अमेरिका से आई एक आक्रामक प्रजाति है, हिमाचल प्रदेश के 3,25,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैल चुकी है।
यह पौधा 18वीं सदी में एक सजावटी झाड़ी के रूप में भारत लाया गया था, लेकिन आज यह राज्य के वन क्षेत्रों—धर्मशाला, नाहन, हमीरपुर, चंबा, बिलासपुर, मंडी और शिमला—में तीव्र गति से फैल चुका है।
India State of Forest Report 2023 के अनुसार, लैंटाना अब लगभग 3,252.82 वर्ग किलोमीटर को प्रभावित कर रहा है और इसका प्रसार अब निचले क्षेत्रों से ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है।
जैव विविधता पर विनाशकारी प्रभाव
लैंटाना घने, कांटेदार झाड़ियों का निर्माण करता है जो स्थानीय पौधों को दबा देता है।
इसकी जड़ें और पत्तियाँ एलिलोकेमिकल्स छोड़ती हैं, जो अन्य पौधों के अंकुरण और विकास को रोकती हैं।
इससे फूलों की विविधता कम होती है, पारिस्थितिकी असंतुलित होती है और वन पारिस्थितिकी तंत्र कमजोर हो जाते हैं।
Static GK तथ्य: लैंटाना को IUCN द्वारा विश्व की 10 सबसे खतरनाक आक्रामक वनस्पतियों में शामिल किया गया है।
वन विभाग की नियंत्रण कोशिशें
2009–10 से अब तक 51,000 हेक्टेयर भूमि से लैंटाना हटाया जा चुका है, जिसमें cut root stock विधि का उपयोग होता है यानी पौधे को जड़ से काटकर पुनः वृद्धि रोकी जाती है।
साफ की गई भूमि में सल, ओक और बांस जैसे देशज वृक्ष लगाए जाते हैं ताकि पारिस्थितिक संतुलन पुनः स्थापित किया जा सके।
वन विभाग का लक्ष्य प्रतिवर्ष 1,000 हेक्टेयर क्षेत्र को साफ करना है।
प्रमुख चुनौतियाँ और जोखिम
लैंटाना का ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फैलना पहाड़ी पारिस्थितिकी के लिए बड़ा खतरा है।
जनशक्ति, वित्त और समन्वय की कमी समय पर कार्रवाई को प्रभावित कर रही है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि संक्रमण की प्रारंभिक ऊँचाई पर फोकस किया जाए और स्थानीय समुदायों तथा उद्योगों को जोड़कर बहु-हितधारक रणनीति अपनाई जाए।
Static GK टिप: हिमाचल प्रदेश का 27% भू–भाग वन क्षेत्र है, और जैव विविधता हानि सीधे राज्य की जलवायु और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है।
आर्थिक उपयोग से समाधान की ओर
लैंटाना की लकड़ी से फर्नीचर, जलावन और जैविक खाद बनाई जा सकती है।
इसमें पाए जाने वाले क्षारीय तत्वों (alkaloids) के औषधीय गुण भी पहचाने जा रहे हैं—जैसे सूजनरोधी और जीवाणुरोधी प्रभाव।
स्थानीय कारीगरों और लघु उद्योगों को लैंटाना का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे रोजगार भी उत्पन्न हो और उन्मूलन प्रक्रिया को बल मिले।
भविष्य की नीति और समाधान
- उद्यानों, सड़कों और पार्कों में लैंटाना लगाना प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
- नीति में प्रारंभिक पहचान, तीव्र कार्रवाई और जैविक नियंत्रण को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
- स्थानीय निकाय, शोध संस्थान और नागरिक समाज की भागीदारी के साथ समयबद्ध उन्मूलन योजना बनानी होगी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
लैंटाना का वैज्ञानिक नाम | Lantana camara |
मूल क्षेत्र | मध्य और दक्षिण अमेरिका |
भारत में पहली बार कब आया | 18वीं सदी की शुरुआत |
हिमाचल में प्रभावित क्षेत्र | 3.25 लाख हेक्टेयर से अधिक |
नियंत्रक विधि | कट रूट स्टॉक विधि |
अब तक साफ किया गया क्षेत्र | 51,000+ हेक्टेयर |
रिपोर्ट वर्ष | India State of Forest Report 2023 |
रासायनिक विशेषता | एलिलोकेमिकल्स छोड़ता है |
आर्थिक उपयोग | फर्नीचर, ईंधन, जैविक खाद |
वैश्विक रैंक | IUCN की शीर्ष 10 आक्रामक प्रजातियों में शामिल |