जुलाई 17, 2025 3:16 पूर्वाह्न

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई बने भारतीय सेना के उप प्रमुख (रणनीति)

समसामयिक घटनाक्रम: लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, उप सेना प्रमुख रणनीति, ऑपरेशन सिंदूर, उत्तम युद्ध सेवा पदक 2025, भारतीय सेना डीजीएमओ, सैन्य संचालन निदेशालय, भारतीय सेना रणनीतिक योजना, भारत-म्यांमार सीमा यात्रा, चिनार कोर नेतृत्व, रक्षा अलंकरण समारोह 2025

Lt Gen Rajiv Ghai Takes Charge as Deputy Chief of Army Staff Strategy

चालू घटनाएँलेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (रणनीति), ऑपरेशन सिंदूर, उत्तम युद्ध सेवा पदक 2025, भारतीय सेना डीजीएमओ, सैन्य अभियान निदेशालय, रणनीतिक योजना, भारत-म्यांमार सीमा, चिनार कोर, रक्षा अलंकरण समारोह 2025

भारतीय सेना में नेतृत्व का नया अध्याय

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को भारतीय सेना के उप प्रमुख (रणनीति) के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नवगठित पद भारतीय सेना के रणनीतिक सुधारों का हिस्सा है और मिलिट्री ऑपरेशन्स, इंटेलिजेंस और स्ट्रैटेजिक प्लानिंग जैसे अहम विभाग उनके अधीन होंगे। वे अपने मौजूदा दायित्व सेना संचालन महानिदेशक (DGMO) के पद पर भी बने रहेंगे।

क्यों अहम है यह पद?

डिप्टी चीफ (रणनीति) का पद सेना के रणनीतिक तंत्र की धुरी माना जाता है। यह पद सेना की विभिन्न शाखाओं को आपस में जोड़ता है जो खुफिया, योजना और सूचना युद्ध से जुड़ी हैं। सीमाओं पर बढ़ते तनाव और हाइब्रिड वारफेयर की चुनौती को देखते हुए यह एक ऐसा केंद्रीय पद है जो तेज़ फैसले और बेहतर समन्वय को सुनिश्चित करता है।

ऑपरेशन सिंदूर: एक रणनीतिक सफलता

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल घई की रणनीति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली। इस अभियान में भारतीय सेना ने आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया, लेकिन एलओसी पार की और अंतरराष्ट्रीय सीमा। यह ऑपरेशन सर्जिकल और सीमित था, पर प्रभावशाली।

इस रणनीतिक अभियान के लिए उन्हें उत्तम युद्ध सेवा पदक 2025 प्रदान किया गया — यह सम्मान रक्षा अलंकरण समारोह 2025 के दौरान दिया गया। यह पदक उन सैन्य नेताओं को मिलता है जिन्होंने जटिल युद्ध परिस्थितियों में असाधारण नेतृत्व दिखाया हो।

चिनार कोर का अनुभव

रणनीति पद से पहले लेफ्टिनेंट जनरल घई ने जम्मूकश्मीर की चिनार कोर का नेतृत्व किया। यह कोर देश की सबसे सक्रिय और चुनौतीपूर्ण सैन्य इकाइयों में से एक है, जहाँ सतत आतंकरोधी अभियान चलते रहते हैं। यहां का अनुभव उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर रणनीतिक भूमिका के लिए तैयार करता है।

म्यांमार सीमा का दौरा

25 फरवरी 2025 को उन्होंने मणिपुर का दौरा किया और भारतम्यांमार सीमा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरे में उन्होंने राज्यपाल, प्रमुख पुलिस अधिकारियों और मुख्य सचिव से मुलाकात की और समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया — जिससे सीमा पार अपराध और जातीय तनावों से बेहतर निपटा जा सके।

एक समर्पित सैन्य करियर

कुमाऊं रेजिमेंट से आने वाले लेफ्टिनेंट जनरल घई ने मैदानी अनुभव और नीति नेतृत्व दोनों में गहरी पकड़ बनाई है। उनकी नियुक्ति यह संकेत देती है कि भारतीय सेना अब सामरिक कौशल और रणनीतिक दृष्टिकोण को समान रूप से महत्व दे रही है।

वर्तमान में, DGMO और डिप्टी चीफ (रणनीति) दोनों की जिम्मेदारियों के साथ, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई भारत की सैन्य रणनीति की केंद्रीय भूमिका में हैं।

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महत्वपूर्ण जानकारी विवरण
अधिकारी का नाम लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई
वर्तमान पद डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (रणनीति)
साथ में संभाला पद सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO)
प्रमुख सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर
प्राप्त सम्मान उत्तम युद्ध सेवा पदक 2025
पूर्व पद चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग
रेजिमेंट कुमाऊं रेजिमेंट
मणिपुर दौरा 25 फरवरी 2025
ध्यान केंद्रित सीमा भारत-म्यांमार सीमा (IMB)
देखरेख में इकाइयाँ सैन्य अभियान, खुफिया, रणनीतिक योजना विभाग

 

Lt Gen Rajiv Ghai Takes Charge as Deputy Chief of Army Staff Strategy
  1. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को उपसेनाध्यक्ष (रणनीति) के पद पर नियुक्त किया गया है।
  2. यह पद सैन्य सुधारों के नए ढांचे का हिस्सा है, जो एकीकृत रणनीतिक नेतृत्व पर केंद्रित है।
  3. वह सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) की भूमिका भी जारी रखेंगे।
  4. उपसेनाध्यक्ष (रणनीति) की जिम्मेदारी सैन्य संचालन, खुफिया और रणनीतिक योजना की निगरानी करना है।
  5. यह भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा संकटों के दौरान समन्वय और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाती है।
  6. लेफ्टिनेंट जनरल घई ऑपरेशन सिंदूर के नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध हुए, जो एक सीमापार सटीक हमला था।
  7. ऑपरेशन सिंदूर में नियंत्रण रेखा (LoC) या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए बिना आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया गया।
  8. इस नेतृत्व के लिए उन्हें उत्तम युद्ध सेवा पदक 2025 प्रदान किया गया।
  9. यह सम्मान 2025 के रक्षा अलंकरण समारोह में प्रदान किया गया।
  10. वे पहले चिनार कोर के कमांडर रह चुके हैं, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रही है।
  11. कश्मीर में उनके अनुभव ने उनकी रणनीतिक योजना क्षमताओं को मजबूत किया।
  12. 25 फरवरी 2025 को उन्होंने मणिपुर का दौरा किया ताकि भारतम्यांमार सीमा की स्थिति का जायजा लिया जा सके।
  13. इस दौरे में सीमापार उग्रवाद, अवैध व्यापार और जातीय तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
  14. उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा समाधान के लिए सम्पूर्णसरकार दृष्टिकोण की वकालत की।
  15. वह कुमाऊं रेजिमेंट से आते हैं, जो अपनी सैन्य दक्षता के लिए जानी जाती है।
  16. उनका यह नया पद सेन्य नीति और युद्ध क्षेत्र में एकीकरण की दिशा में बदलाव का प्रतीक है।
  17. उपसेनाध्यक्ष (रणनीति) खुफिया और सैन्य संचालन इकाइयों के बीच सेतु के रूप में कार्य करते हैं।
  18. यह केन्द्रीकरण भारत की हाइब्रिड युद्ध खतरों के विरुद्ध तत्परता को मजबूत करता है।
  19. लेफ्टिनेंट जनरल घई अब भारतीय सेना की सुरक्षा रूपरेखा को शीर्ष स्तर पर आकार दे रहे हैं।
  20. उनकी दोहरी भूमिका यह दर्शाती है कि सेना उनके सामरिक और रणनीतिक नेतृत्व में पूरा भरोसा करती है।

Q1. 2025 में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कौन-सी नई भूमिका संभाली है?


Q2. ऑपरेशन सिंदूर के लिए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कौन-सा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला?


Q3. ऑपरेशन सिंदूर की क्या खास बात थी?


Q4. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई किस रेजीमेंट से संबंधित हैं?


Q5. फरवरी 2025 में मणिपुर यात्रा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल घई का मुख्य उद्देश्य क्या था?


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