लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के खिलाफ एकजुट लड़ाई
11 फरवरी 2025 को भारत ने लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (LF) के उन्मूलन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा शुरू किया गया यह वार्षिक सामूहिक औषधि वितरण (Mass Drug Administration – MDA) अभियान, 13 राज्यों के 111 प्रकोपग्रस्त जिलों को कवर करता है। इस गंभीर और अपंगता उत्पन्न करने वाली बीमारी से भारत को मुक्त कराने का यह प्रयास जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा अभियान है।
लिम्फैटिक फाइलेरियासिस क्या है?
लिम्फैटिक फाइलेरियासिस जिसे आमतौर पर हाथी पाँव के नाम से जाना जाता है, एक मच्छर जनित परजीवी रोग है जो सूक्ष्म कृमियों द्वारा फैलता है। समय के साथ यह संक्रमण हाथ-पैर में सूजन (लिम्फोडेमा) और अंडकोष की सूजन (हाइड्रोसील) जैसी पुरानी स्थितियों का कारण बनता है। यह केवल एक चिकित्सा समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी अत्यंत गंभीर प्रभाव डालती है।
अभियान के उद्देश्य और औषधि कवरेज
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य प्रभावित आबादी में 90% से अधिक दवा कवरेज प्राप्त करना है। सभी लोगों को दवा दी जाएगी, सिवाय बीमार, गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर। ये दवाएं परजीवियों को मारने और संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने में सहायक होंगी।
अभियान का क्रियान्वयन कैसे होगा
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर–घर जाकर दवाएं दी जाएंगी। दो प्रकार की औषधि व्यवस्थाएँ लागू हैं:
- दोहरी औषधि व्यवस्था (DEC + अल्बेन्डाजोल)
- त्रैतीय औषधि व्यवस्था (इवरमेक्टिन + DEC + अल्बेन्डाजोल)
दवाएं स्वास्थ्य कर्मियों की प्रत्यक्ष निगरानी में दी जाएंगी ताकि उनका सही तरीके से सेवन सुनिश्चित हो सके।
राज्य सरकारों और समुदाय की भूमिका
राज्य सरकारें इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभाएंगी। पंचायती राज प्रतिनिधियों, विधायकों और स्थानीय प्रभावशाली लोगों की भागीदारी से इसे “जन आंदोलन” (Jan Andolan) के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।
जन-जागरूकता और स्वास्थ्य योजनाओं से एकीकरण
IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के माध्यम से लोगों को रोग के लक्षणों, प्रसार के तरीकों और दवा सेवन की अनिवार्यता के बारे में जागरूक किया जा रहा है। यह अभियान आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) सुविधाओं से जोड़ा गया है। हाइड्रोसील जैसी जटिलताओं का उपचार PMJAY और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
2027 तक उन्मूलन का लक्ष्य
भारत सरकार ने 2027 तक लिम्फैटिक फाइलेरियासिस समाप्त करने का संकल्प लिया है, जो सतत विकास लक्ष्य (SDG-3) से भी मेल खाता है। इसके लिए निगरानी, पुनः परीक्षण और लगातार IEC अभियान चलाए जाएंगे। इस अभियान की सफलता भारत के लिए एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धि होगी।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
रोग का नाम | लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (हाथी पाँव) |
आरंभ करने वाले | श्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री |
अभियान का नाम | वार्षिक सामूहिक औषधि वितरण (MDA) |
कवरेज | 13 राज्यों के 111 प्रकोपग्रस्त जिले |
औषधि व्यवस्था | दोहरी (DEC + अल्बेन्डाजोल), त्रैतीय (IVM + DEC + अल्बेन्डाजोल) |
कार्यान्वयन | घर-घर वितरण, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की निगरानी में |
स्वास्थ्य सेवाओं से एकीकरण | आयुष्मान आरोग्य मंदिर, PMJAY, NHM |
लक्ष्य वर्ष | 2027 तक रोग समाप्ति |
संबंधित SDG | लक्ष्य 3 – अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण |