भारत का वैश्विक स्थान और गिरा
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत को 148 देशों में से 131वां स्थान प्राप्त हुआ है। आर्थिक भागीदारी, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन राजनीतिक सशक्तिकरण में भारी गिरावट भारत की रैंकिंग में प्रमुख कारण है।
राजनीतिक प्रतिनिधित्व में गिरावट जारी
महिला सांसदों (MPs) और महिला मंत्रियों की संख्या में भारी कमी के कारण भारत का स्कोर नीचे चला गया। महिला सांसदों का प्रतिशत 14.7% से घटकर 13.79% हो गया है और महिला मंत्रियों का प्रतिशत 6.45% से घटकर 5.56%। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राजनीतिक नेतृत्व में लिंग असमानता अब भी गंभीर है।
महिला आरक्षण विधेयक लागू होने में देरी
2023 में पारित महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% आरक्षण प्रदान करता है, लेकिन इसे 2029 के आम चुनाव के बाद जनगणना और परिसीमन के पूरा होने पर ही लागू किया जाएगा। इस आरक्षण की 15 वर्ष की सीमा इसके दीर्घकालिक प्रभाव पर सवाल खड़े करती है।
बढ़ते महिला मतदाता, लेकिन कम महिला उम्मीदवार
भले ही महिलाओं की मतदाता भागीदारी बढ़ी हो, लेकिन वे अभी भी उम्मीदवार के रूप में कम नामांकित होती हैं। राजनीतिक दल अक्सर महिलाओं को केवल आरक्षित क्षेत्रों में टिकट देते हैं, जिससे उनके राजनीतिक अवसर सीमित हो जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि महिला उम्मीदवारों की जीत की दर पुरुषों से अधिक होती है।
ऐतिहासिक रूप से कम प्रतिनिधित्व
भारतीय राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व ऐतिहासिक रूप से कम रहा है। 1977 में लोकसभा में केवल 3.4% महिला सांसद थीं। यह संख्या 2019 में बढ़कर 14% हुई। 2023 तक राज्य विधानसभाओं में औसतन केवल 9% महिलाएं विधायक थीं। छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 18%, जबकि कुछ राज्यों में महिला विधायक शून्य थीं।
सुधार की उम्मीद और भविष्य की दिशा
2029 में महिला आरक्षण लागू होना एक बड़ा बदलाव ला सकता है। लेकिन वास्तविक परिवर्तन तभी होगा जब राजनीतिक दल महिलाओं को नेतृत्व के लिए तैयार करें। स्थानीय निकायों से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक महिलाओं को ऊपर लाना टिकाऊ लिंग समानता के लिए आवश्यक है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
भारत की रैंक (Gender Gap Index 2025) | 148 में से 131वां |
रिपोर्ट प्रकाशित करने वाला निकाय | वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम |
महिला आरक्षण विधेयक पारित वर्ष | 2023 |
प्रभावी होने का वर्ष | 2029 |
आरक्षण प्रतिशत | 33% |
आरक्षण की वैधता अवधि | 15 वर्ष |
2024 में महिला सांसदों का प्रतिशत | 13.79% |
2023 में राज्य स्तर पर सर्वोच्च महिला विधायक प्रतिशत | छत्तीसगढ़ (18%) |
भारत का पहला आम चुनाव | 1952 |
मतदान प्रवृत्ति | हाल के चुनावों में महिला मतदाता पुरुषों से अधिक |