अगस्त 7, 2025 5:54 अपराह्न

लद्दाख में ISRO का HOPE सिमुलेशन केंद्र: अंतरिक्ष अभियान की तैयारी का नया अध्याय

चालू घटनाएँ: ISRO, HOPE मिशन, त्सो कर लद्दाख, गगनयान मिशन, मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र, एनालॉग सिमुलेशन, जैव-चिकित्सा अध्ययन, LVM3, अंतरग्रहीय अनुसंधान, लद्दाख सॉल्ट लेक

ISRO sets up HOPE simulation facility in Ladakh’s extreme terrain

डीप स्पेस मिशनों की तैयारी के लिए नया सिमुलेशन बेस

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लद्दाख के त्सो कर घाटी में HOPE (Himalayan Outpost for Planetary Exploration) मिशन की शुरुआत की है। यह केंद्र पृथ्वी पर स्थित ऐसा सिमुलेशन स्थल है, जो अंतरिक्ष जैसे हालात पैदा करता है। इसका उद्देश्य चंद्रमा और मंगल जैसे वातावरण में मानव मिशनों की तैयारी करना है।

Human Space Flight Centre (HSFC) और भारतीय शिक्षण संस्थानों तथा औद्योगिक साझेदारों के सहयोग से विकसित यह केंद्र, अंतरिक्ष जीवविज्ञान और अंतरिक्ष स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए एक प्रयोगशाला के रूप में कार्य करेगा।

HOPE की संरचना और उद्देश्य

इस केंद्र में दो प्रमुख इकाइयाँ बनाई गई हैं: एक क्रू निवास मॉड्यूल और दूसरी तकनीकी सेवा इकाई। यह दोनों यूनिट्स एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं, जिससे लगातार संचालन, जीवन समर्थन प्रणाली का परीक्षण, और स्वास्थ्य निगरानी जैसी प्रक्रियाएँ आसानी से की जा सकें।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है:

  • जीनोमिक और एपिजेनेटिक बदलावों का अध्ययन
  • मानव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी
  • सूक्ष्म जीव विज्ञान और मिशन सपोर्ट सिस्टम का परीक्षण

त्सो कर घाटी क्यों उपयुक्त है?

लद्दाख के Changthang क्षेत्र में स्थित त्सो कर झील का वातावरण पृथ्वी पर मंगल ग्रह जैसा दुर्लभ वातावरण प्रस्तुत करता है:

  • तेज UV विकिरण
  • कम वायुदाब
  • सबज़ीरो तापमान
  • खारी मिट्टी और परमाफ्रॉस्ट

यह स्थान वैज्ञानिकों को बिना पृथ्वी छोड़े अंतरिक्ष जैसी परिस्थितियों में परीक्षण की सुविधा देता है, जिससे उपकरणों की मजबूती, मानव अनुकूलन क्षमता, और जैविक प्रतिक्रिया को समझा जा सके।

Static GK Fact: त्सो कर एक लवणीय झील है जो 4,500 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित है।

भारत का एनालॉग रिसर्च में प्रवेश

ISRO की यह पहल भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है, जो पृथ्वी आधारित अंतरिक्ष सिमुलेशन केंद्र चलाते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • Mars Desert Research Station (MDRS), अमेरिका
  • Flashline Mars Arctic Station, कनाडा
  • BIOS-3, रूस

इस तरह के मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण, लाइफसपोर्ट सिस्टम का परीक्षण, और दीर्घकालिक अंतरिक्ष अभियानों की योजना बनाने में मदद करते हैं।

गगनयान मिशन से सीधा संबंध

HOPE मिशन, भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष अभियान की तैयारियों को सशक्त बनाता है। यह मिशन तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी निम्न पृथ्वी कक्षा में तीन दिनों के लिए भेजने का लक्ष्य रखता है।

LVM3, ISRO का सबसे ताकतवर रॉकेट, इस मिशन के लिए चुना गया है। उड़ान से पहले, पैड अबॉर्ट टेस्ट, मानव रहित यान परीक्षण, और पैराशूट रिकवरी प्रणाली जैसे जरूरी परीक्षण किए जाएंगे।

Static GK Tip: गगनयान मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद अपनी तकनीक से मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाला चौथा देश बनाएगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
HOPE मिशन का पूर्ण नाम Himalayan Outpost for Planetary Exploration
स्थान त्सो कर घाटी, लद्दाख
उद्देश्य मानव अंतरिक्ष अभियानों हेतु अंतरिक्ष जैसे हालात का सृजन
नेतृत्व संस्था ISRO का Human Space Flight Centre (HSFC)
प्रमुख अध्ययन क्षेत्र जीनोमिक्स, मानसिक स्वास्थ्य, माइक्रोबायोलॉजी
भू-पर्यावरण विशेषता मंगल जैसे हालात: UV, ठंड, कम वायुदाब, खारी मिट्टी
गगनयान लॉन्च वाहन LVM3
गगनयान मिशन लक्ष्य 3 यात्री, 400 किमी कक्षा, 3 दिन
अंतरराष्ट्रीय एनालॉग केंद्र MDRS (US), Flashline (Canada), BIOS-3 (Russia)
स्थैतिक तथ्य त्सो कर झील: लद्दाख में 4,500 मीटर की ऊँचाई पर खारी झील
ISRO sets up HOPE simulation facility in Ladakh’s extreme terrain
  1. इसरो ने HOPE (ग्रह अन्वेषण के लिए हिमालयन आउटपोस्ट) मिशन लॉन्च किया।
  2. यह लद्दाख की त्सो कार घाटी में स्थित है और मंगल ग्रह की परिस्थितियों का अनुकरण करता है।
  3. HOPE मानव अंतरिक्ष उड़ान और खगोल जीव विज्ञान अनुसंधान में सहायता करता है।
  4. इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) द्वारा विकसित।
  5. इस सुविधा में एक आवासीय आवास और उपयोगिता मॉड्यूल शामिल है।
  6. मंगल ग्रह की तरह अत्यधिक पराबैंगनी, ठंडी और पतली हवा का अनुकरण करता है।
  7. जीवन रक्षक प्रणाली और चालक दल अनुकूलन प्रणालियों के परीक्षण के लिए आदर्श।
  8. भारत के आगामी गगनयान मिशन की तैयारी करता है।
  9. गगनयान 3 अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजेगा।
  10. LVM3 गगनयान का प्रक्षेपण यान है।
  11. HOPE जीनोमिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों का अध्ययन करेगा।
  12. भारत एनालॉग अनुसंधान स्थलों वाले विशिष्ट देशों में शामिल हो गया है।
  13. वैश्विक एनालॉग: एमडीआरएस (अमेरिका), फ्लैशलाइन (कनाडा), बीआईओएस-3 (रूस)।
  14. त्सो कार 4,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक खारी झील है।
  15. भारत के अंतरिक्ष मिशन गहरे अंतरिक्ष की तैयारी पर केंद्रित हैं।
  16. अनुसंधान सूक्ष्मजीवविज्ञानी और स्वास्थ्य प्रणालियों के परीक्षण में मदद करेगा।
  17. त्सो कार की मिट्टी मंगल ग्रह की खारी पर्माफ्रॉस्ट जैसी है।
  18. होप अकादमिक और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देता है।
  19. अंतरिक्ष यात्री स्वास्थ्य और अनुकूलनशीलता मुख्य अध्ययन हैं।
  20. यह कदम भारत की अंतरग्रहीय मिशन क्षमताओं को बढ़ाता है।

Q1. ISRO द्वारा शुरू किए गए HOPE का पूर्ण रूप क्या है?


Q2. HOPE सुविधा कहाँ स्थित है?


Q3. HOPE आधार किस आगामी ISRO मिशन का समर्थन करता है?


Q4. HOPE परियोजना का नेतृत्व ISRO की किस शाखा द्वारा किया जा रहा है?


Q5. HOPE किस प्रकार के वातावरण की नकल करता है?


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