चालू घटनाएँ: लद्दाख आरक्षण संशोधन 2025, लद्दाख आधिकारिक भाषा विनियमन 2025, महिला आरक्षण हिल काउंसिल, केंद्र शासित प्रदेश शासन, संविधान अनुच्छेद 240, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019, सरकारी नौकरी कोटा लद्दाख, भोटी और पुर्गी भाषा, लेह कारगिल हिल काउंसिल
स्थानीय नौकरी नीति में बड़ा बदलाव
लद्दाख आरक्षण (संशोधन) विनियमन 2025 के तहत लद्दाख में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए 85% सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। हालांकि यह कोटा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) पर लागू नहीं होगा। यह कदम 2004 के जम्मू–कश्मीर आरक्षण अधिनियम के अनुकूलन के तहत उठाया गया है और 2019 में लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से लागू किया गया है।
अब यह नियम केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सभी विभागों और पदों पर लागू होगा और इससे स्थानीय युवाओं को सरकारी रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी।
पाँच भाषाओं को आधिकारिक मान्यता
लद्दाख की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने के लिए लद्दाख आधिकारिक भाषा विनियमन 2025 लाया गया है, जिसमें अंग्रेज़ी, हिंदी, उर्दू, भोटी और पुर्गी को आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है। प्रशासनिक कामकाज में अंग्रेज़ी बनी रहेगी, लेकिन अब भाषाई विविधता और मूल बोलियों को बढ़ावा मिलेगा।
शिना, ब्रोक्सकट, बल्टी और लद्दाखी जैसी भाषाओं को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए एक कला, संस्कृति और भाषा अकादमी की स्थापना की जाएगी, जिसे लद्दाख के प्रशासक द्वारा संचालित किया जाएगा।
महिला आरक्षण को मिला संस्थागत रूप
लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (संशोधन) विनियमन 2025 के तहत अब लेह और कारगिल हिल काउंसिल में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की गई हैं। यह आरक्षण घूमता हुआ (रोटेशन आधारित) होगा और विभिन्न वार्डों में क्रमिक रूप से लागू होगा। इसका उद्देश्य नीति–निर्माण में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
संवैधानिक और कानूनी आधार
ये सभी विनियम संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अधिसूचित किए गए हैं। यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को विधानसभा रहित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाने का अधिकार देता है। यह अधिकार जम्मू–कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 58 से भी जुड़ा है, जो अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रभावी हुआ था।
लद्दाख के लिए इसका क्या अर्थ है?
इन तीन नए नियमों से स्थानीय रोजगार की गारंटी, भाषाई–सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण, और महिला सशक्तिकरण एक साथ मजबूत होंगे। यह कदम लद्दाख के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांगों — पहचान, स्वायत्तता और न्याय — की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रगति है।
Static Usthadian Current Affairs Table
सारांश / विषय | विवरण |
चर्चा में क्यों? | लद्दाख में आरक्षण और भाषा संबंधी नियम राष्ट्रपति द्वारा लागू |
आरक्षण संशोधन विनियमन 2025 | स्थानीय लोगों को 85% सरकारी नौकरी में आरक्षण (EWS शामिल नहीं) |
आधिकारिक भाषा विनियमन 2025 | 5 भाषाओं को मान्यता – अंग्रेज़ी, हिंदी, उर्दू, भोटी, पुर्गी |
मूल भाषाओं का प्रोत्साहन | शिना, ब्रोक्सकट, बल्टी और लद्दाखी भाषाओं को बढ़ावा |
भाषा और संस्कृति अकादमी | प्रशासक के अधीन स्थापना की जाएगी |
हिल काउंसिल संशोधन 2025 | लेह व कारगिल हिल काउंसिल में महिलाओं को 33% आरक्षण |
संवैधानिक प्रावधान | संविधान अनुच्छेद 240, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 |
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का गठन | 2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग होकर बना |