पहलगाम हमले की वैश्विक निंदा
6–7 जुलाई 2025 को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन ने अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित किया। सम्मेलन की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा से हुई। रियो घोषणा में इस हमले को “मानवता के खिलाफ अपराध” बताया गया। सभी BRICS सदस्यों ने भारत की आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया। यह भी स्पष्ट किया गया कि सीमापार आतंकवाद, आतंक वित्तपोषण और आतंकियों को शरण देना वैश्विक स्तर पर बिना दोहरे मापदंड के समाप्त किया जाना चाहिए।
Static GK: BRICS की स्थापना 2009 में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के एक समूह के रूप में हुई थी।
भारत की जवाबदेही की माँग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS नेताओं से आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दोहरे मापदंडों की आलोचना करते हुए कहा कि विकासशील देशों को आतंकवाद का सबसे अधिक खामियाज़ा भुगतना पड़ा है, फिर भी उन्हें वैश्विक निर्णय प्रक्रिया से अलग रखा जाता है। मोदी ने याद दिलाया कि भारत जैसे देश, जो वैश्विक शांति के लिए सबसे अधिक योगदान दे रहे हैं, को अक्सर सुरक्षा नीति निर्धारण में नज़रअंदाज़ किया जाता है। BRICS के नेताओं की आतंकवाद पर एकमत सहमति भारत की दीर्घकालिक स्थिति की पुष्टि करती है।
वैश्विक सुधारों पर भारत का ज़ोर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, WTO और IMF जैसी पुरानी हो चुकी वैश्विक संस्थाओं में सुधार की माँग रखी। उन्होंने इन्हें “एआई के युग में टाइपराइटर“ बताया और वोटिंग अधिकारों, नेतृत्व संरचना और निर्णय प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता जताई। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया की दो–तिहाई जनसंख्या, विशेष रूप से एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका, अभी भी वैश्विक शासन तंत्र में कम प्रतिनिधित्व प्राप्त करती है।
Static GK: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन) और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल दो वर्षों का होता है।
रियो घोषणा: एक न्यायपूर्ण विश्व के लिए
रियो घोषणा ने एक न्यायसंगत और समावेशी वैश्विक व्यवस्था की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसमें वैश्विक संस्थाओं को लोकतांत्रिक और ग्लोबल साउथ के प्रति समावेशी बनाए जाने की मांग की गई। साथ ही, सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, संस्कृति, और जन–से–जन संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को भी प्राथमिकता दी गई।
BRICS का विस्तार और नई पहलें
सम्मेलन में इंडोनेशिया को पूर्णकालिक सदस्य के रूप में BRICS में शामिल किया गया। वहीं, नाइजीरिया, क्यूबा, बेलारूस, और वियतनाम जैसे देशों को BRICS साझेदार के रूप में जोड़ा गया, जिससे समूह की वैश्विक प्रासंगिकता और भी बढ़ी।
तीन प्रमुख पहलें शुरू की गईं:
- BRICS जलवायु वित्त ढाँचा – हरित विकास के लिए
- वैश्विक एआई प्रशासन वक्तव्य – कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार उपयोग के लिए
- सामाजिक निर्धारित रोग उन्मूलन साझेदारी – गरीबी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान हेतु
Static GK: “BRIC” शब्द की उत्पत्ति 2001 में अर्थशास्त्री जिम ओ’नील ने की थी; दक्षिण अफ्रीका 2010 में शामिल हुआ।
शांति और डिजिटल सुरक्षा पर ज़ोर
रियो घोषणा में संवाद को संघर्ष पर प्राथमिकता देने और नागरिक अवसंरचना के विनाश की निंदा की गई। BRICS ने साइबर सुरक्षा के लिए समर्पण जताया और खुले, स्थिर व सुरक्षित डिजिटल स्पेस हेतु वैश्विक नियमों की वकालत की। साथ ही अनुचित व्यापार बाधाओं और डिजिटल दुरुपयोग को लेकर चेतावनी दी गई।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
17वाँ BRICS शिखर सम्मेलन | 6–7 जुलाई 2025, रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील |
पहलगाम हमला | 22 अप्रैल 2025; सभी BRICS देशों ने निंदा की |
पीएम मोदी का रुख | आतंकवाद के प्रति वैश्विक ज़ीरो टॉलरेंस की मांग |
रियो घोषणा | वैश्विक सुधार और समावेशिता का समर्थन |
नया BRICS सदस्य | इंडोनेशिया पूर्ण सदस्य बना |
BRICS पहलें | जलवायु वित्त, एआई शासन, सामाजिक स्वास्थ्य साझेदारी |
BRICS विस्तार | 11 नए साझेदार देश जिनमें नाइजीरिया, क्यूबा, बेलारूस शामिल |
वैश्विक सुधार एजेंडा | संयुक्त राष्ट्र, WTO, IMF में ग्लोबल साउथ की भागीदारी |
डिजिटल ज़ोर | साइबर सुरक्षा और निष्पक्ष इंटरनेट संचालन पर ज़ोर |
BRICS स्थापना वर्ष | 2009; दक्षिण अफ्रीका 2010 में शामिल हुआ |